हरदोई के पोस्टमार्टम हाउस में मुर्दों के साथ घिनौनी हरकत! लाश के जेवरात लूटते थे कर्मचारी, महिला सिपाही की बहन के शव को भी नहीं छोड़ा

हरदोई में इंसानियत को शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है, जहां पोस्टमार्टम हाउस में तैनात कर्मचारियों ने मुर्दों तक को नहीं बख्शा. आरोप है कि कर्मचारी शवों के आभूषण चोरी कर लेते थे. कई बार तो आभूषणों को आर्टिफिशियल ज्वैलरी से बदल देते थे.

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हरदोई: शव के जेवर गायब हरदोई: शव के जेवर गायब

प्रशांत पाठक

  • हरदोई,
  • 27 जून 2024,
  • अपडेटेड 1:45 PM IST

यूपी के हरदोई में इंसानियत को शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है, जहां पोस्टमार्टम हाउस में तैनात कर्मचारियों ने मुर्दों तक को नहीं बख्शा. आरोप है कि कर्मचारी शवों के आभूषण चोरी कर लेते थे. कई बार तो आभूषणों को आर्टिफिशियल ज्वैलरी से बदल देते थे. इसका खुलासा तब हुआ जब एक महिला सिपाही की बहन का शव पोस्टमार्टम के लिए आया हुआ था. 

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जब पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंपा गया तो डेड बॉडी से सोने के आभूषण गायब मिले. महिला सिपाही ने इसकी शिकायत सीएमओ से की तो जांच करवाई गई. जांच में कर्मचारियों की कारस्तानी उजागर हो गई. फिलहाल, आरोपी दो संविदा कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया गया है. साथ ही उनके द्वारा लगाए गए आरोपों की भी जांच करवाई जा रही है. 

बर्खास्त कर्मचारियों ने पूछताछ में अपना जुर्म कुबूल कर लिया है. उन्होंने बताया कि मुर्दों से लूट में चीरघर में तैनात अन्य कर्मचारियों का भी हिस्सा लगता था. वे केवल शवों के जेवर नहीं गायब करते थे बल्कि असली जेवरों को निकालकर उसकी जगह पर आर्टिफिशियल ज्वैलरी पहना देते थे. शवों से जेवर चोरी करने का वीडियो भी वायरल हुआ है.  

फिलहाल, सीएमओ ने इन तमाम आरोपों की जांच के लिए चार डॉक्टरों की एक कमेटी गठित की है. जांच के बाद दोषी पाए जाने पर सभी कर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज़ कराये जाने के निर्देश दिए गए हैं. 

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दरअसल, महिला आरक्षी (सिपाही) निक्की की 26 वर्षीय बड़ी बहन पिंकी ने 9 अप्रैल को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी. मौत के बाद उसका शव पोस्टमार्टम के लिए आधुनिक चीरघर हरदोई लाया गया था. पोस्टमार्टम के बाद शव लेकर परिजन घर चले गए थे. इसके बाद 17 जून को निक्की ने सीएमओ डॉ. रोहिताश्व कुमार से मुलाकात की और उन्हें शिकायती प्रार्थना पत्र दिया कि उनकी बहन के कान में जो सोने की बाली और नाक में नथ थी वो पोस्टमार्टम हाउस में गायब हो गई. 

जिसके बाद सीएमओ ने पूरे प्रकरण की जांच के लिए कमेटी गठित कर दी. कमेटी ने जांच रिपोर्ट में स्वास्थ्य विभाग के पोस्टमार्टम हाउस में तैनात फार्मासिस्टों को बचा लिया, जबकि पूरे मामले में वहां तैनात संविदा कर्मी जिनमें एक वार्ड बॉय और एक स्वीपर पर आरोप सिद्ध कर दिए. बाद में सीएमओ ने पोस्टमार्टम हाउस में तैनात रूपेश पटेल और वाहिद को बर्खास्त कर दिया.

लेकिन इन दोनों ने जो खुलासा किया उससे स्वास्थ्य विभाग में ही हड़कंप मच गया. दोनों का कहना है कि शवों के गहने चुराने में सबका हिस्सा लगता था. जिसपर अब फिर से जांच के आदेश दिए गए हैं. घटना महकमे में चर्चा का विषय बनी हुई है. 

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