'नया प्लॉट आया है...' गाजियाबाद में नवजात तस्करी रैकेट का पर्दाफाश, 4 आरोपी गिरफ्तार

गाजियाबाद में पुलिस ने 'प्लॉट' कोडवर्ड का उपयोग करने वाले नवजात तस्करी रैकेट का पर्दाफाश किया है. गिरोह गोरे बच्चे डेढ़ से ढाई लाख रु. में बेचता था, जबकि सांवले बच्चों की कीमत कम होती थी. पुलिस ने मामले में 2 पुरुष और 2 महिलाएं को गिरफ्तार किया है. वहीं, एक नवजात को चार घंटे में बरामद किया है.

Advertisement
रंग और लिंग के आधार पर होती थी ऑनलाइन बोली.(Photo: Mayank Gaur/ITG) रंग और लिंग के आधार पर होती थी ऑनलाइन बोली.(Photo: Mayank Gaur/ITG)

मयंक गौड़

  • गाजियाबाद,
  • 07 अगस्त 2025,
  • अपडेटेड 8:14 PM IST

गाजियाबाद के थाना ट्रोनिका सिटी क्षेत्र में पुलिस ने एक सनसनीखेज मानव तस्करी गिरोह का भंडाफोड़ किया है, जो नवजात शिशुओं की तस्करी 'प्लॉट' जैसे कोडवर्ड्स का इस्तेमाल कर करता था. इस मामले में पुलिस ने गिरोह से जुड़े 2 पुरुष और 2 महिलाओं को गिरफ्तार कर लिया है. वहीं, अपहृत एक नवजात को पुलिस ने महज चार घंटे के भीतर बरामद कर उसके माता-पिता को सौंप दिया.

Advertisement

कोडवर्ड 'प्लॉट' से होती थी पहचान

एसीपी सिद्धार्थ गौतम ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ के दौरान कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं. गिरोह के सदस्य नवजातों को कोडवर्ड 'प्लॉट' से पहचानते थे. जब किसी बच्चे की तस्वीर भेजनी होती, तो यह कहा जाता, 'नया प्लॉट आया है' इसके बाद बच्चे की त्वचा का रंग, लिंग और उम्र के आधार पर डील तय होती. गोरे रंग के बच्चों की कीमत डेढ़ से ढाई लाख रुपये तक जाती थी, जबकि सांवले बच्चों को कम कीमत पर बेचा जाता.

यह भी पढ़ें: पेड़ से बंधकर युवक पर बरसते रहे थप्पड़ और लाठियां, गाजियाबाद में मानसिक बीमार को चोर बताकर पीटा

मुरादाबाद से अमरोहा तक फैला था नेटवर्क

गिरोह की महिला सदस्य संध्या ने पूछताछ में बताया कि मुरादाबाद की एक नर्स ने गोरे बच्चे के लिए ढाई लाख रुपये की पेशकश की थी. हालांकि समय पर 'पार्टी' न पहुंचने के कारण बच्चा अमरोहा की दूसरी महिला को डेढ़ लाख में बेच दिया गया. यह नेटवर्क मुरादाबाद, बिजनौर, अमरोहा, दिल्ली, रूड़की जैसे शहरों तक फैला हुआ था. नर्स, डॉक्टर, चैरिटी संस्थाओं में काम करने वाले लोग और मैरिज ब्यूरो चलाने वाली महिलाएं तक इस गोरखधंधे में शामिल हैं.

Advertisement

चार आरोपियों की गिरफ्तारी

पुलिस ने वादी राशिद की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए मुकदमा अपराध संख्या 371/25, धारा 143(4) बीएनएस के तहत केस दर्ज किया. इसके बाद जांच में जुटी पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज, मोबाइल चैट और नेटवर्किंग के जरिए चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. गिरफ्तार आरोपियों में नावेद पुत्र इस्लामुद्दीन (प्रेमनगर, लोनी), अफसर अली उर्फ अल्फाज पुत्र मेहदी हसन (पूजा कॉलोनी, ट्रोनिका सिटी), स्वाती उर्फ साइस्ता पत्नी वसीम (डंगडूगरा, शामली) और संध्या पत्नी सौरव चौहान (अंकित विहार,मुजफ्फरनगर)शामिल हैं.

बरामद बच्चा अपने माता-पिता और पुलिस के साथ.

डराने वाले खुलासे

गिरोह के सदस्यों ने कबूला कि वे कई बार गरीब परिवारों से बच्चों को बहला-फुसलाकर ले जाते थे. कुछ मामलों में मां को यह झूठ बोल दिया जाता था कि बच्चा मर गया है, जबकि उसे बेच दिया जाता था. यह व्यापार सुंदर और गोरे बच्चों की मांग पर आधारित था, जो समाज में मौजूद रंगभेद मानसिकता को उजागर करता है.

पुलिस का अगला कदम

ट्रोनिका सिटी पुलिस आगे इस गिरोह के पूरे नेटवर्क को खंगाल रही है. जल्द ही दिल्ली और पश्चिमी यूपी में फैले इस रैकेट से जुड़े और नाम सामने आ सकते हैं. पुलिस गिरोह से जुड़े अन्य डॉक्टरों, नर्सों और दलालों को भी चिन्हित कर रही है. इस मामले में बाल संरक्षण आयोग और अन्य एजेंसियों की मदद भी ली जा रही है.

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement