गाजियाबाद में अपराधियों पर सख्त कार्रवाई करते हुए पुलिस ने 23 कुख्यात अपराधियों को उत्तर प्रदेश गुण्डा नियंत्रण अधिनियम 1970 के तहत गुंडा घोषित कर छह माह के लिए जिला बदर कर दिया है. यह कार्रवाई पुलिस कमिश्नर के आदेश पर और अपर पुलिस आयुक्त (अपराध एवं कानून-व्यवस्था) के निर्देशन में की गई.
इन अपराधियों को उनके घरों से डुगडुगी बजाकर और लाउडस्पीकर से सार्वजनिक घोषणा करते हुए जिले की सीमाओं तक पहुंचाया गया. इस कार्रवाई का उद्देश्य जनता को इन अपराधियों के इतिहास से अवगत कराना और भय का माहौल खत्म करना है.
पुलिस ने 23 कुख्यात अपराधियों जिला बदर किया
इन सभी अपराधियों पर लूट, डकैती, हत्या का प्रयास, अवैध हथियार रखना, गौकशी, संगठित अपराध जैसे गंभीर आरोप हैं. पहले भी जिला बदर की कार्रवाई होती थी, लेकिन अब मुनादी के जरिए जनता को सतर्क किया जा रहा है ताकि अपराधी चुपचाप वापस न लौट सकें.
जिला बदर किए गए अपराधियों में वाहिद, अकबर, बिक्रम सिंह, जाकिर, गाजर, नासिर, नदीम, फुरकान, सौरव राणा, लोकेश कसाना, समीर, मोहित कसाना, वसीम, विकास, अंकित मावी, साहिल, जुबैर, चेतन चौधरी, सोहैल, फैय्याज, प्रिंस यादव और प्रिंस गुप्ता शामिल हैं. ये सभी गाजियाबाद के विभिन्न थाना क्षेत्रों के निवासी हैं.
सभी अपराधियों पर लूट, डकैती, हत्या का प्रयास में शामिल
पुलिस ने अपील की है कि यदि कोई जिला बदर अपराधी वापस आता है, तो उसकी सूचना तुरंत पुलिस को दें. सूचना देने वाले का नाम गोपनीय रखा जाएगा.
मयंक गौड़