फर्जी STF गैंग, असली दारोगा-होमगार्ड, जबरन वसूली... कानपुर में पकड़े गए नटवरलाल पुलिसवाले, जानिए पूरी कहानी

मामले में कानपुर पुलिस ने होमगार्ड राजीव दीक्षित (46), पीआरडी जवान वर्षा चौहान (28) और अरविंद शुक्ला (42), अनिरुद्ध यादव उर्फ ​​विनय (28) और अनुज कुमार यादव उर्फ ​​डम्पी (28) समेत तीन अन्य को गिरफ्तार किया है. वहीं, गिरोह का सरगना ट्रैफिक सब-इंस्पेक्टर अजीत यादव फरार है, उसे निलंबित कर दिया गया है. 

Advertisement
कानपुर पुलिस की गिरफ्त में आरोपी कानपुर पुलिस की गिरफ्त में आरोपी

aajtak.in

  • कानपुर ,
  • 19 मई 2025,
  • अपडेटेड 6:23 PM IST

कानपुर पुलिस ने जबरन वसूली करने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ किया है, जिसके सदस्यों में एक ट्रैफिक सब-इंस्पेक्टर, एक होमगार्ड और एक महिला प्रांतीय रक्षक दल (पीआरडी) जवान शामिल हैं. पुलिस ने सोमवार को बताया कि गिरोह खुद को स्पेशल टास्क फोर्स टीम (एसटीएफ) का सदस्य बताकर लोगों से जबरन वसूली करता था. 

पुलिस ने होमगार्ड राजीव दीक्षित (46), पीआरडी जवान वर्षा चौहान (28) और अरविंद शुक्ला (42), अनिरुद्ध यादव उर्फ ​​विनय (28) और अनुज कुमार यादव उर्फ ​​डम्पी (28) समेत तीन अन्य को गिरफ्तार किया है. गिरोह का सरगना ट्रैफिक सब-इंस्पेक्टर अजीत यादव फरार है, उसे निलंबित कर दिया गया है. 

Advertisement

कल्याणपुर के सहायक पुलिस आयुक्त अभिषेक पांडे ने बताया कि शारदा नगर निवासी अंबिका सिंह चंदेल की शिकायत के आधार पर शनिवार को एफआईआर दर्ज किए जाने के बाद गिरफ्तारियां की गईं. अंबिका सिंह चंदेल के घर पर 8 मई को 'छापा' मारा गया था. 

अपनी शिकायत में चंदेल ने कहा कि खुद को एसटीएफ बताने वाले सात से आठ लोगों के एक गिरोह ने उनके किराए के घर पर छापा मारा और उनकी भाभी और उनकी सहेली समेत उनके परिवार के सदस्यों की लाठियों से पिटाई की. उनमें से एक पुलिस की वर्दी में था. उन्होंने सायरन वाले वाहनों का इस्तेमाल किया था और नकली पुलिस प्रतीक चिह्न लगाए थे. 

पुलिस उपायुक्त (पश्चिम) दिनेश त्रिपाठी ने बताया- गिरोह ने चंदेल को फर्जी मामलों में सलाखों के पीछे धकेलने की धमकी देकर 1.40 लाख रुपये नकद देने और 30,000 रुपये का ऑनलाइन ट्रांसफर करने के लिए मजबूर किया.

Advertisement

न्यूज एजेंसी के मुताबिक, त्रिपाठी ने कहा- "हमारी निगरानी टीम, जो गिरोह के बारे में खुफिया जानकारी जुटाने में सफल रही, यह जानकर हैरान रह गई कि उनमें से एक असली पुलिसवाला था. एक ट्रैफिक सब-इंस्पेक्टर, होमगार्ड और एक महिला पीआरडी जवान जबरन वसूली करने वाले गिरोह का हिस्सा थे." 

गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ के दौरान पता चला कि ट्रैफिक सब-इंस्पेक्टर, होमगार्ड और पीआरडी जवान हाल ही में ड्यूटी के दौरान मिले और गिरोह बनाया. उन्होंने अपनी मदद के लिए पांच अन्य लोगों को भर्ती किया. गिरोह मुख्य रूप से सेक्स रैकेट और जुआ जैसी अवैध गतिविधियों में शामिल लोगों को निशाना बनाता था. 

एक अधिकारी ने कहा कि गिरोह की कार्यप्रणाली पहले निगरानी करना और स्थान चुनना, फिर पुलिस की वर्दी और प्रतीक चिन्ह पहनकर और सायरन वाले वाहनों का उपयोग करके उन स्थानों पर छापा मारना था. भारतीय न्याय संहिता की धारा 115 (2) (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना), 205 (धोखाधड़ी के इरादे से सरकारी कर्मचारी द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली पोशाक पहनना या टोकन ले जाना), 308 (5) (जबरन वसूली) और 333 (चोट, हमला या गलत तरीके से रोकने की तैयारी के बाद घर में घुसना) और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के तहत संबंधित धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की गई है. पुलिस ने कहा कि उन्होंने उनके कब्जे से दो चार पहिया वाहन, एक मोबाइल फोन और 3,200 रुपये नकद बरामद किए हैं. 

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement