नोएडा में बैठकर US के लोगों से ठगी, कॉल सेंटर से चल रहा था फ्रॉड का खेल

डीसीपी क्राइम नोएडा शक्ति अवस्थी ने बताया कि 14 साइबर ठगों को गिरफ्तार किया गया है जो विदेशी नागरिकों के साथ ठगी करते थे. आरोपी विदेशी नागरिकों के कम्प्यूटर पर फर्जी लिंक भेजकर उनके सिस्टम को हैक कर उसी लिंक में टैक सपोर्ट हेतु एक फर्जी हेल्पलाइन नंबर प्रदर्शित कर देते थे. समस्या के समाधान का हल करने के नाम पर 100-500 डॉलर कीमत के लेते थे. 

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पुलिस ने 14 साइबर ठगों को गिरफ्तार किया पुलिस ने 14 साइबर ठगों को गिरफ्तार किया

भूपेन्द्र चौधरी

  • नोएडा ,
  • 07 मार्च 2024,
  • अपडेटेड 10:10 PM IST

नोएडा के थाना सेक्टर-39 पुलिस और साइबर टीम गौतमबुद्वनगर के सयुंक्त प्रयास से एक ऐसे गिरोह का भंडाफोड़ किया है जो विदेश में रह रहे लोगों से ऑनलाइन फ्रॉड कर लाखों रुपये वसूल रहे थे. बताया जा रहा है कि ये गैंग विदेशी नागरिकों को टेक्निकल सपोर्ट देने के नाम पर ठगी करता था. पुलिस ने इस गैंग के 14 लोगों को गिरफ्तार किया है. इनके कब्जे से पुलिस को 18 लैपटॉप, 1 इंटरने राउटर, 2 इंटरनेट नेटवर्क स्विच, 4 चार गाड़ियां और 17 हेडफोन बरामद किए.

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पुलिस को पूछताछ में पता चला कि आरोपी अमेरिकी नागरिकों का डाटा लेकर मोबाइल, कंप्यूटर, लैपटॉप आदि पर पॉप ऑप भेजकर एप्पल, माइक्रोसॉफ्ट, अमेजॉन आदि की कस्टमर केयर सर्विस प्रोवाइडर होने का दावा करते थे. इसके लिए इन आरोपियों ने वर्चुअल टीएफएन नंबर लिया हुआ था. आरोपी नोएडा के फर्जी कॉल सेंटर से आईबीएम डायलर के माध्यम से अमेरिकी नंबरों पर कॉल लैंड करवाते थे.

पुलिस ने किया फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ 

फिर खुद को विदेशी कंपनी का प्रतिनिधि बताकर उनकी समस्या का जल्द समाधान का आश्वासन देते है फिर ये शातिर बदमाश ग्राहकों को बोलते कि उनका सिस्टम आईपी एड्रेस कोम्प्रोमाईज हो गया है. इस समस्या के समाधान का हल करने के नाम पर 100-500 डॉलर कीमत के लेते थे. 

वहीं, इस मामले पर डीसीपी क्राइम नोएडा शक्ति अवस्थी ने बताया कि 14 साइबर ठगों को गिरफ्तार किया गया है जो विदेशी नागरिकों के साथ ठगी करते थे. आरोपी विदेशी नागरिकों के कम्प्यूटर पर फर्जी लिंक भेजकर उनके सिस्टम को हैक कर उसी लिंक में टैक सपोर्ट हेतु एक फर्जी हेल्पलाइन नंबर प्रदर्शित कर देते थे. जिससे पीड़ित परेशान होकर प्रदर्शित हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करता था, इसी फर्जीवाड़े से जुड़े नेटवर्क के लोगों द्वारा ऐसे उपभोक्ताओं के कॉल को अभियुक्तों को ट्रांसफर कर दिया जाता था. 

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पुलिस ने कॉल सेंटर में काम करने वाले 14 लोगों को अरेस्ट किया

अभियुक्तों द्वारा सिस्टम की कमी को दूर करने के नाम पर विदेशी नागरिकों के सिस्टम का कन्ट्रोल ऐनी डेस्क आदि एप्लीकेशन्स का प्रयोग करते हुए पीड़ित से सिस्टम की कमी को दूर करने के नाम पर ऑनलाइन धोखाधड़ी की जाती है, सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है और अन्य आवश्यक कार्रवाई की जा रही है.

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