झांसी के चिरगांव इलाके में एक अनोखी शादी ने सबका ध्यान खींचा है. यहां रहने वाले सरकारी अध्यापक संतोष कुमार विश्वकर्मा के इंजीनियर बेटे अभिजीत की शादी सरकारी स्कूल की टीचर बबली से हुई. शादी की सभी रस्में पारंपरिक तरीके से पूरी की गईं.
जब विदाई का समय आया तो समारोह स्थल पर लग्जरी कार नहीं, बल्कि एक सजी-धजी बैलगाड़ी खड़ी थी. दुल्हन को उसी बैलगाड़ी में बैठाकर दूल्हा खुशी-खुशी अपने घर ले गया.
बैलगाड़ी से हुई दुल्हन की विदाई
दूल्हा अभिजीत ने बताया कि यह कदम बुंदेलखंड की पुरानी परंपराओं को जीवित रखने के लिए उठाया गया है. उन्हें इस बात की बहुत खुशी है कि उन्होंने इस परंपरा को निभाया.
दूल्हे के पिता संतोष कुमार विश्वकर्मा ने बताया कि बेटे की शादी बिना किसी मांग और दहेज के की गई है. पुराने रीति-रिवाजों को संजोने के लिए उन्होंने बैलगाड़ी से विदा कराने का फैसला किया.
शादी और विदाई पूरे इलाके में चर्चा का विषय
दूल्हा और दुल्हन दोनों ने कहा कि यह उनके माता-पिता की इच्छा थी और उन्हें इस परंपरागत विदाई में बेहद खुशी महसूस हो रही है. गांव से विशेष तौर पर बैलगाड़ी मंगवाई गई थी. यह शादी और विदाई पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बन गई है.
प्रमोद कुमार गौतम