डॉग ड्रामा: 'शेरू' और 'भूरा' पुकार पर उलझी पुलिस, थाने में यूं हुआ कुत्ते के असली मालिक का फैसला

यूपी के हमीरपुर जिले में एक लेब्राडोर कुत्ते पर दो लोगों ने मालिकाना हक का दावा कर दिया, जिससे विवाद पुलिस थाने पहुंच गया. दरअसल, सेजल कुशवाहा ने शिकायत की कि उनका पालतू कुत्ता गुम हो गया था, जिसे घनश्याम चुपके से ले आया है. पुलिस ने कुत्ते को अस्थाई हिरासत में लेकर दोनों पक्षों से सबूत मांगे, जबकि शिकायतकर्ता के बच्चे थाने में रोने लगे.

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हमीरपुर में डॉग को लेकर विवाद (Photo- ITG) हमीरपुर में डॉग को लेकर विवाद (Photo- ITG)

नाह‍िद अंसारी

  • हमीरपुर ,
  • 15 अक्टूबर 2025,
  • अपडेटेड 10:29 AM IST

यूपी के हमीरपुर जिले में 'एक फूल, दो माली' की तर्ज पर एक कुत्ते के मालिकाना हक के विवाद का अजीबोगरीब मामला सामने आया है. दरअसल, यहां एक ही कुत्ते पर दो लोगों ने मालिकाना हक का दावा कर दिया. विवाद इतना बढ़ गया कि दोनों पक्ष पुलिस थाने पहुंच गए. पुलिस ने कुत्ते को अस्थाई हिरासत में ले लिया और दोनों से सबूत मांगे.  

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कुत्ते के इस विवाद की खबर से थाने में लोगों की भीड़ जमा हो गई. वहीं, कुत्ते का मालिक होने का दावा करने वाले एक पक्ष के बच्चे थाने में रो-रोकर बेहाल हो गए और कुत्ते को छोड़ने की पुलिसकर्मियों से गुहार लगाने लगे. 

आपको बता दें कि मामला है हमीरपुर जिले के थाना सुमेरपुर क्षेत्र का है, जहां के कुंडौरा निवासी किसान श्रीपत कुशवाहा की पुत्री सेजल कुशवाहा ने पुलिस को शिकायती पत्र दिया था. उन्होंने बताया कि उसके पालतू लेब्राडोर कुत्ता गुम हो गया है. उसको कस्बा सुमेरपुर के वार्ड संख्या-16 निवासी घनश्याम चुपके से खोलकर गांव से अपने साथ ले आया है. 

दोनों पक्षों के दावे, पुलिस ने किया फैसला

जबकि, घनश्याम ने कहा कि उसका पालतू लेब्राडोर एक पखवारे पूर्व लापता हो गया था. उसे जानकारी मिली कि वह कुंडौरा गांव में है. वहां जाकर देखा तो वह श्रीपत कुशवाहा के दरवाजे बंधा हुआ था. ऐसे में उसको लेकर अपने घर आ गया. 

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मामला इतना उलझ गया कि घनश्याम जब उस कुत्ते को 'भूरा' नाम से पुकारता है तो वह उसके पास भागा चला जाता है. वहीं, श्रीपत कुशवाहा कि पुत्री सेजल कुशवाहा जब उसे 'शेरू' नाम से पुकारती है तो वह उसके आगे-पीछे पूछ हिलाकर घूमने लगता है. इससे संदेह होने लगता है कि आखिर में यह लेब्राडोर है किसका. 

आखिर में पुलिस ने असली मालिक का पता लगाने के लिए दोनों पक्षों से अन्य सबूत मांगे. श्रीपत का दावा है कि उसने जिस पशु डॉक्टर से कुत्ते का उपचार कराया था उसे साक्ष्य के तौर पर ला सकता है. जिसपर पुलिस ने डॉक्टर को बुलाने के लिए कहा. लेकिन अंत में घनश्याम की जीत हुई क्योंकि पड़ोसी से लेकर डॉक्टर तक ने इस बात की तस्दीक की डॉग उसी का है. 

उधर, विवाद के चलते कुत्ते को पुलिस संरक्षण में थाने पर रख लिया गया था. 24 घंटे तक पुलिस ने दोनों पक्षों के दावों की जांच की. बीती शाम सुमेरपुर थाने की पुलिस ने कुत्ते के असली मालिक की पहचान कर उसे उसके पुराने मालिक घनश्याम को सौंप दिया. अब ये मामला जिले में चर्चा का विषय बन गया है.

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