Agra: डिजिटल अरेस्ट, 8 कॉल और हार्ट अटैक... बेटा बोला- मां को बताया फर्जी कॉल है, फिर भी वे सदमे से बाहर न आ सकीं

आगरा में चार घंटे तक डिजिटल अरेस्ट रही महिला टीचर की हार्ट अटैक से मौत के बाद परिवार सदमे में है. महिला टीचर के पास कई कॉल आए थे, जिसमें बेटी के गलत काम में फंसने की बात कही गई थी. जालसाज ने पुलिस अधिकारी बनकर 1 लाख रुपये की मांग की. महिला टीचर के बेटे का कहना है कि मां को समझाया था कि ये फर्जी कॉल है, फिर भी वे सदमे से उबर नहीं सकीं.

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डिजिटल अरेस्ट के बाद महिला टीचर को आया हार्ट अटैक.  डिजिटल अरेस्ट के बाद महिला टीचर को आया हार्ट अटैक.

अरविंद शर्मा

  • आगरा,
  • 04 अक्टूबर 2024,
  • अपडेटेड 9:28 AM IST

आगरा में एक दर्दनाक और सनसनीखेज घटना सामने आई है. यहां साइबर ठगी का शिकार बनी एक शिक्षिका को ऐसा सदमा लगा कि हार्ट अटैक से मौत हो गई. यह घटना 30 सितंबर को हुई, जब 58 वर्षीय मालती वर्मा के मोबाइल पर एक फर्जी वॉट्सएप कॉल आया. कॉल करने वाले ने उनसे कहा था कि उनकी बेटी गलत काम में फंस गई है, उसे बचाने के लिए एक लाख रुपये भेजो. इसके बाद उनके बेटे ने समझाया कि ये फ्रॉड कॉल है, इसके बाद भी इतना सदमा लगा कि चार घंटे बाद उन्हें दिल का दौरा पड़ गया.

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बता दें कि शिक्षिका मालती वर्मा राजकीय कन्या जूनियर हाईस्कूल अछनेरा में तैनात थीं. उनके पास वॉट्सएप कॉल आया था, जिसमें कॉलर ने खुद को पुलिस अधिकारी बताया. कॉलर ने कहा कि उनकी बेटी को सेक्स रैकेट में पकड़ा गया है, और उसे छुड़ाने के लिए तुरंत 1 लाख रुपये भेजने होंगे. इस कॉल से मालती इतनी घबरा गईं कि उन्होंने तुरंत अपने बेटे दिव्यांशु से संपर्क किया और उसे पैसे भेजने के लिए कहा.

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कॉल के दौरान जालसाज ने मालती को डराने के लिए पुलिस अधिकारी की वर्दी वाली डीपी का इस्तेमाल किया. उसने मालती को धमकी दी कि अगर रुपये तुरंत नहीं भेजे गए तो उनकी बेटी की वीडियो वायरल कर दी जाएगी और उसे जेल भेज दिया जाएगा. यह सुनकर घबराई मालती ने बेटे को कॉल किया और उससे कहा कि वह तुरंत पैसे ट्रांसफर कर दे. इस बात पर दिव्यांशु ने मां से कॉलर का नंबर मांगा. नंबर देखर तुरंत पहचान लिया कि यह एक फर्जी कॉल है. यह नंबर पाकिस्तानी कोड से शुरू हो रहा था.

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महिला टीचर मालती वर्मा को ठग ने चार घंटे तक डिजिटल अरेस्ट रखा. इस बीच उन्हें 8 कॉल किए गए थे. महिला टीचर के बेटे दिव्यांशु को जब पता चला तो दिव्यांशु ने मां को समझाने की पूरी कोशिश की कि यह एक जालसाजी है. उनकी बेटी पूरी तरह से सुरक्षित है. दिव्यांशु ने अपनी बहन वंशिका से भी संपर्क किया और वीडियो कॉल के जरिए दिखाया कि वह कॉलेज में सुरक्षित है. इसके बाद भी मालती वर्मा मानसिक सदमे से उबर नहीं सकीं, जो उन्हें उस फर्जी कॉल के कारण हुआ था.

मालती वर्मा डिजिटल अरेस्ट के बाद डर और मानसिक तनाव से बाहर नहीं आ सकीं. स्कूल से घर लौटने के बाद उनकी तबीयत बिगड़ने लगी. परिवार ने तुरंत उन्हें अस्पताल पहुंचाया, लेकिन चार घंटे बाद उन्हें दिल का दौरा पड़ गया और उनकी मौत हो गई.

मालती वर्मा की मौत के बाद उनका परिवार गहरे सदमे में है. उनका बेटा दिव्यांशु इस घटना से आहत है. मालती वर्मा के पति शिवचरण सिंह और बहू रेखा भी इस घटना के बाद से बेहद दुखी हैं. इस पूरे मामले में आगरा के एसीपी मयंक तिवारी ने बताया कि इस मामले की गहनता से जांच की जा रही है और जल्द ही दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

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