उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में देवबंदी उलेमा कारी इसहाक गोरा ने 'आई लव मोहम्मद' विवाद पर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि यह गुनाह नहीं, गर्व की बात' है. इसके साथ ही उन्होंने ऐलान किया कि इसको लेकर जो एफआईआर दर्ज की गई है उसके खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ेंगे.
हमें भावनाओं को व्यक्त करने का अधिकार: गोरा
उन्होंने कहा कि भारत एक लोकतांत्रिक देश है, जहां हर किसी को अपनी भावनाओं को व्यक्त करने का अधिकार है. गोरा ने कानपुर में लगे 'आई लव मोहम्मद' पोस्टर पर विरोध और एफआईआर दर्ज करने की कार्रवाई को गलत बताया. उनका कहना है कि था कि पुलिस पर दबाव डाला गया था और ऐसे मामलों में पुलिस विभाग को बर्खास्त किया जाना चाहिए.
गोरा ने कहा कि इस्लाम हिंसा नहीं, बल्कि सब्र और समझदारी की शिक्षा देता है. उन्होंने लोगों से अपील की कि वो उकसावे में न आएं और कानून के मुताबिक अपनी आवाज उठाएं. वो मानते हैं कि संविधान ने हमें अपने धार्मिक अधिकारों का पालन करने की आज़ादी दी है, और किसी को भी इस अधिकार का उल्लंघन नहीं करना चाहिए.
'आई लव मोहम्मद' कहना कोई अपराध नहीं: देवबंदी उलेमा
गोरा ने यह भी कहा कि 'आई लव मोहम्मद' कहना कोई अपराध नहीं है और वह खुद भी इसे गर्व से कहते हैं. उनका मानना है कि अगर किसी पर एफआईआर की कार्रवाई की जाती है तो पुलिस विभाग को न केवल निलंबित किया जाना चाहिए, बल्कि सरकार को इस मामले में कठोर कदम उठाने चाहिए. उन्होंने अंत में कहा, 'हमारा मुल्क लोकतांत्रिक है, और हम संविधान के अनुसार अपने अधिकारों को प्राप्त कर सकते हैं, लेकिन किसी भी मामले में हिंसा से बचना चाहिए.'
राहुल कुमार