पाकिस्तान और जम्मू-कश्मीर के 18 आतंकी कैद... लखनऊ जिला जेल की बढ़ाई गई सुरक्षा

दिल्ली धमाके के बाद लखनऊ जिला जेल में सुरक्षा और निगरानी बढ़ा दी गई है. हाई सिक्योरिटी बैरक में 50 कैदी रखे गए हैं, जिनमें 18 से अधिक आतंकी हैं. जेल प्रशासन ने तलाशी अभियान चलाया और मुलाकातियों के लिए आधार और पहचान पत्र अनिवार्य किया. सभी गतिविधियों पर सीसीटीवी निगरानी रखी जा रही है.

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लखनऊ में लगातार यूपी एटीएस रेड कर रही है. (सांकेतिक तस्वीर) लखनऊ में लगातार यूपी एटीएस रेड कर रही है. (सांकेतिक तस्वीर)

आशीष श्रीवास्तव

  • लखनऊ,
  • 12 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 8:13 AM IST

दिल्ली धमाके के बाद लखनऊ जिला जेल प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था को और सख्त कर दिया है. जेल की हाई सिक्योरिटी बैरक में करीब 50 बंदी रखे गए हैं, जिनमें 18 से अधिक आतंकी कैदी हैं. बढ़ते सुरक्षा जोखिम को देखते हुए अधिकारियों ने पूरे परिसर में सतर्कता बढ़ाने के निर्देश दिए हैं.

वरिष्ठ जेल अधीक्षक आरके जायसवाल और जेलर ऋत्विक प्रियदर्शी ने सोमवार को सुरक्षा से जुड़ी बैठक की. इस बैठक में डिप्टी जेलरों को सतर्कता बढ़ाने, हर गतिविधि पर नजर रखने और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत सूचना देने के निर्देश दिए गए.

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जेल की हाई सिक्योरिटी बैरक, मुख्य प्रवेश द्वार, चहारदीवारी और वॉच टॉवर पर अतिरिक्त सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं. पूरे जेल परिसर की 24 घंटे सीसीटीवी से निगरानी की जा रही है. सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए जेलकर्मियों की भी तलाशी ली जा रही है ताकि कोई संदिग्ध वस्तु भीतर न पहुंच सके.

खाने-पीने की वस्तुओं तक की जांच की जा रही है

अब किसी भी मुलाकाती को जेल में प्रवेश से पहले आधार कार्ड और पहचान पत्र दिखाना अनिवार्य कर दिया गया है. बाहरी व्यक्तियों के प्रवेश पर विशेष निगरानी रखी जा रही है. इनके अलावा, बंदियों को दिए जाने वाले खाद्य और आवश्यक वस्तुओं की सख्त चेकिंग की जा रही है.

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कौन-कौन से आतंकी लखनऊ जेल में बंद हैं?

फिलहाल लखनऊ जिला जेल में लगभग 3650 बंदी हैं. इनमें कई कुख्यात आतंकी भी शामिल हैं. इनमें 2007 के रामपुर सीआरपीएफ कैंप हमले के दोषी पाकिस्तानी नागरिक इमरान शहजाद और मोहम्मद फारूक शामिल हैं, जिन्हें एसटीएफ ने AK-47, ग्रेनेड और पाकिस्तानी पासपोर्ट के साथ गिरफ्तार किया था. एनआईए की स्पेशल कोर्ट ने दोनों को उम्रकैद की सजा दी है.

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वाराणसी संकट मोचन मंदिर हमले का आतंकी भी लखनऊ जेल में

इनके अलावा, वाराणसी संकट मोचन मंदिर और कैंट स्टेशन हमले (2006) के दोषी वलीउल्लाह, और नेपाल बॉर्डर से पकड़े गए मोहम्मद अल्ताफ भट्ट और सैय्यद गजनफर भी इसी जेल में बंद हैं. साथ ही जम्मू-कश्मीर के आठ और शातिर आतंकी भी यहां कैद हैं. दिल्ली धमाके के बाद लखनऊ में पुलिस ने भी कई स्थानों पर सघन चेकिंग अभियान चलाया है ताकि किसी भी संभावित खतरे को पहले ही रोका जा सके.

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