यमुना एक्सप्रेसवे हादसा: मरने वालों की संख्या बढ़कर 19 हुई, अब DNA टेस्ट से होगी जले हुए शवों की पहचान

यमुना एक्सप्रेसवे पर हुए भीषण सड़क हादसे ने पूरे देश को झकझोर दिया है. आठ बसों और दो छोटे वाहनों की टक्कर के बाद लगी आग में मरने वालों का आंकड़ा अब 19 तक पहुंच गया है. शवों की हालत इतनी खराब है कि अब डीएनए सैंपलिंग का सहारा लिया जा रहा है.

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मथुरा में एक्सप्रेसवे पर हुए हादसे के बाद का मंजर  (Photo- ITG) मथुरा में एक्सप्रेसवे पर हुए हादसे के बाद का मंजर (Photo- ITG)

aajtak.in

  • मथुरा,
  • 18 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 4:37 PM IST

मथुरा में यमुना एक्सप्रेसवे पर मंगलवार को हुए सड़क हादसे में मृतकों की संख्या बढ़कर 19 हो गई है. जिलाधिकारी चंद्र प्रकाश सिंह ने गुरुवार को बताया कि भीषण आग के कारण कई शव बुरी तरह जल गए थे, जिससे उनकी पहचान करना मुश्किल हो गया है. अब तक केवल चार मृतकों की पहचान हो सकी है, जबकि अन्य 15 शवों की शिनाख्त के लिए डीएनए सैंपल लिए गए हैं. इस हादसे में करीब 90 लोग घायल हुए थे, जिनमें से अधिकांश को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई है और केवल छह लोग अभी अस्पताल में भर्ती हैं.

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DNA प्रोफाइलिंग से होगी अपनों की पहचान

हादसे में लगी भीषण आग ने शवों को इस कदर झुलसा दिया है कि उनकी शारीरिक पहचान असंभव हो गई है. प्रशासन ने 12 लापता व्यक्तियों के परिजनों के डीएनए सैंपल एकत्र कर फॉरेंसिक लैब भेजे है. 

डीएम के मुताबिक, चार शवों की पहचान पूरी हो चुकी है, जबकि तीन पीड़ितों के रिश्तेदारों का अभी भी इंतजार है. फॉरेंसिक रिपोर्ट आने के बाद ही दांवेदारों के साथ मिलान करके अन्य शवों की पहचान की पुष्टि की जाएगी.

प्रशासन ने दिए जांच के आदेश

इस रोंगटे खड़े कर देने वाले हादसे की जांच शुरू कर दी गई है. जिलाधिकारी ने बताया कि अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) अमरेश मौर्य की देखरेख में पूरी घटना की विस्तृत जांच के आदेश दिए गए हैं. यह जांच तय करेगी कि आठ बसों और दो गाड़ियों की टक्कर और उसके बाद लगी इतनी बड़ी आग के पीछे मुख्य कारण क्या थे और सुरक्षा में कहां चूक हुई.

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भविष्य के लिए सख्त सरकारी दिशा-निर्देश

हादसे से सबक लेते हुए राज्य सरकार ने भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सख्त निर्देश जारी किए हैं. नए नियमों के तहत अब वाहनों को काफिले (कॉन्वॉय) में चलाया जाएगा. कम विजिबिलिटी होने पर ट्रैफिक को पूरी तरह रोकने और पूरे एक्सप्रेसवे पर सीसीटीवी कैमरे लगाने के आदेश दिए गए हैं. प्रशासन का लक्ष्य है कि तकनीक और बेहतर निगरानी के जरिए एक्सप्रेसवे के सफर को सुरक्षित बनाया जा सके.

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