माघ मेला 2026 की तैयारियों की CM योगी आदित्यनाथ ने की समीक्षा, प्रमुख स्नान पर्वों पर VIP प्रोटोकॉल नहीं होगा

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रयागराज में माघ मेला 2026 की तैयारियों की समीक्षा की. उन्होंने प्रमुख स्नान पर्वों पर वीआईपी प्रोटोकॉल समाप्त करने, 31 दिसंबर तक सभी व्यवस्थाएं पूरी करने और श्रद्धालुओं की सुरक्षा, स्वच्छता व सुविधा को सर्वोच्च प्राथमिकता देने के निर्देश दिए. मेला 44 दिनों तक चलेगा और 12 से 15 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की संभावना है.

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प्रयागराज में माघ मेला 2026 (File Photo: ITG) प्रयागराज में माघ मेला 2026 (File Photo: ITG)

संतोष शर्मा

  • लखनऊ,
  • 26 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 9:17 PM IST

प्रयागराज में आयोजित होने वाले माघ मेला 2026 की तैयारियों को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को विस्तृत समीक्षा बैठक की. मुख्यमंत्री ने स्पष्ट निर्देश दिए कि प्रमुख स्नान पर्वों पर किसी भी तरह का वीआईपी प्रोटोकॉल लागू नहीं होगा. उन्होंने कहा कि माघ मेला केवल आस्था का आयोजन नहीं, बल्कि भारत की सनातन परंपरा, सामाजिक अनुशासन और प्रशासनिक दक्षता का प्रतीक है. श्रद्धालुओं को सुरक्षित, स्वच्छ और सुव्यवस्थित वातावरण देना सरकार की प्राथमिकता है.

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मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि माघ मेले से जुड़े सभी विभागों के प्रमुख सचिव और सचिव स्तर के अधिकारी तथा अपर पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था स्वयं मेला क्षेत्र में जाकर तैयारियों की समीक्षा करें. उन्होंने कहा कि 31 दिसंबर तक सभी व्यवस्थाएं हर हाल में पूरी कर ली जाएं.

प्रमुख स्नान पर्वों पर नहीं होगा कोई वीआईपी प्रोटोकॉल

बैठक में बताया गया कि माघ मेला 2026 का आयोजन 3 जनवरी से 15 फरवरी तक कुल 44 दिनों तक होगा. इस दौरान पौष पूर्णिमा, मकर संक्रांति, मौनी अमावस्या, बसंत पंचमी, माघी पूर्णिमा और महाशिवरात्रि जैसे प्रमुख स्नान पर्व पड़ेंगे. पूरे मेला काल में 12 से 15 करोड़ श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है, जबकि मौनी अमावस्या के दिन साढ़े तीन करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के स्नान की संभावना को देखते हुए विशेष व्यवस्थाएं की जा रही हैं.

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इस वर्ष मेला क्षेत्र का विस्तार बढ़ाकर लगभग 800 हेक्टेयर किया गया है. सेक्टरों की संख्या 5 से बढ़ाकर 7 कर दी गई है और स्नान घाटों की लंबाई में लगभग 50 प्रतिशत की वृद्धि की गई है. श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए 42 पार्किंग स्थल, 9 पांटून पुल और बेहतर आंतरिक सड़क व्यवस्था विकसित की जा रही है.

मेला क्षेत्र 800 हेक्टेयर तक विस्तारित, घाटों की लंबाई में 50 प्रतिशत बढ़ोतरी

सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन के लिए आधुनिक तकनीक पर जोर दिया गया है. मेला क्षेत्र में एआई आधारित सर्विलांस और रीयल टाइम मॉनिटरिंग सिस्टम लागू किया जा रहा है. करीब 450 सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे हैं. एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमें भी तैनात रहेंगी. अफवाह फैलाने वालों पर सख्ती के निर्देश दिए गए हैं.

एआई सर्विलांस और रीयल टाइम मॉनिटरिंग से होगा सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन

स्वच्छता को लेकर सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाया गया है. मेला क्षेत्र में 16,650 शौचालय स्थापित किए जाएंगे और 3300 सफाई मित्र 24 घंटे तैनात रहेंगे. माघ मेला को जीरो लिक्विड डिस्चार्ज मॉडल के रूप में विकसित किया जाएगा ताकि गंगा और यमुना की पवित्रता बनी रहे. नवाचार के तौर पर ऐप आधारित बाइक टैक्सी, क्यूआर कोड प्रणाली और हाईटेक सुविधाएं लागू की जा रही हैं. साथ ही 19वीं और 20वीं सदी के माघ मेलों से जुड़ी दुर्लभ पांडुलिपियां और लोक अभिलेख भी श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र बनेंगे.
 

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