यूपी में Reel बनाने वाले पुलिसकर्मियों की तैनाती पर रोक, सीएम योगी ने दिया आदेश

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिए कि संवेदनशील पॉइंट्स पर ड्यूटी के दौरान रील या वीडियो बनाने वाले पुलिसकर्मियों की तैनाती पर रोक लगाई जाए. उन्होंने कहा कि वर्दी में दिखावा नहीं, सेवा भावना झलकनी चाहिए. उन्होंने त्योहारों के दौरान स्वच्छता, सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन पर विशेष ध्यान देने, घाटों और मेलों पर सतर्कता बढ़ाने के निर्देश दिए हैं.

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योगी आदित्यनाथ ने बिहार में रैली कर एनडीए की उपलब्धियां गिनाईं और विपक्ष को घेरा (Photo: PTI) योगी आदित्यनाथ ने बिहार में रैली कर एनडीए की उपलब्धियां गिनाईं और विपक्ष को घेरा (Photo: PTI)

aajtak.in

  • लखनऊ,
  • 04 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 11:10 AM IST

यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ने यह साफ कर दिया है कि प्रदेश में अनुशासन और सेवा भावना से कोई समझौता नहीं होगा. उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को सख्त निर्देश जारी किए कि संवेदनशील ड्यूटी पॉइंट्स पर रील या वीडियो बनाने वाले पुलिसकर्मियों की तैनाती तुरंत रोकी जाए.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि वर्दी सिर्फ शक्ति का प्रतीक नहीं, बल्कि अनुशासन, मर्यादा और सेवा का दायित्व है. ड्यूटी के दौरान दिखावा या प्रचार नहीं, बल्कि जनता के प्रति समर्पण और संवेदनशीलता झलकनी चाहिए. उन्होंने दो टूक कहा  कि जनसेवा के कार्य में अनुशासन और मर्यादा सर्वोपरि होनी चाहिए. वर्दी पहनकर सोशल मीडिया पर प्रदर्शन नहीं, सेवा की मिसाल पेश करें.

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त्योहारों पर विशेष व्यवस्था, 75 जिलों को सख्त निर्देश

मुख्यमंत्री ने कानून-व्यवस्था, आईजीआरएस, सीएम हेल्पलाइन, धान खरीद, स्वास्थ्य सेवाओं और आगामी पर्व-त्योहारों की तैयारियों की समीक्षा करते हुए कहा कि आगामी दिनों में कार्तिक पूर्णिमा, देव दीपावली, गुरु नानक जयंती, ददरी मेला (बलिया) और गढ़मुक्तेश्वर मेला (हापुड़) जैसे आयोजनों में लाखों श्रद्धालु शामिल होंगे. ऐसे में हर जिले का प्रशासन और पुलिस पूरी तरह चौकन्नी रहे. उन्होंने निर्देश दिए कि भीड़ प्रबंधन, स्वच्छता और सुरक्षा व्यवस्था पूरी तरह चाक-चौबंद होनी चाहिए. किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि यह केवल प्रशासनिक औपचारिकता नहीं, बल्कि सेवा और संवेदना का दायित्व है. त्योहारों के अवसर पर जनता को असुविधा न हो, यही सरकार की प्राथमिकता है.

घाटों और मेलों के लिए खास निर्देश

मुख्यमंत्री योगी ने जिलाधिकारियों और पुलिस कप्तानों को आदेश दिया कि घाटों और मेलों में पर्याप्त प्रकाश व्यवस्था, फ्लोटिंग बैरियर, सीसीटीवी कैमरे, मेडिकल कैंप, मोबाइल टॉयलेट, खोया-पाया केंद्र और चेंजिंग रूम जैसी सुविधाएं पहले से सुनिश्चित की जाएं. उन्होंने कहा कि नदियों का जलस्तर अभी ऊँचा है और प्रवाह तेज है, इसलिए अतिरिक्त सतर्कता बरती जाए. योगी ने कहा कि एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमों की सक्रिय तैनाती की जाए ताकि किसी भी आकस्मिक स्थिति से तुरंत निपटा जा सके. उन्होंने साफ कहा कि बिना लाइफ जैकेट के किसी नाविक या पर्यटक को नाव पर सवारी की अनुमति न दी जाए.

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संवेदनशील जिलों पर खास नजर

सीएम ने अधिकारियों को आगाह किया कि काशी की देव दीपावली, अयोध्या, प्रयागराज, बलिया, हापुड़, मुजफ्फरनगर, अमरोहा और बदायूं जैसे जिलों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ अपेक्षित है. इन जिलों में पुलिस, प्रशासन, स्वास्थ्य, नगर निगम और ट्रैफिक विभाग का परस्पर समन्वय सर्वोच्च स्तर पर बना रहना चाहिए. मुख्यमंत्री ने कहा कि हर अधिकारी अपने जिले को जिम्मेदारी से संभाले. छोटी सी चूक भी बड़ा संकट खड़ा कर सकती है.

रील कल्चर पर रोक 

मुख्यमंत्री योगी का यह कदम उस चलन पर सख्त संदेश माना जा रहा है, जिसमें कुछ पुलिसकर्मी ड्यूटी के दौरान सोशल मीडिया पर रील या वीडियो बनाकर पोस्ट करते हैं. उन्होंने कहा कि यह प्रवृत्ति वर्दी की गरिमा को आघात पहुँचाती है. वर्दी पहने व्यक्ति का हर कदम जनता की नजर में विश्वास का प्रतीक होता है, इसलिए उसमें हल्कापन या दिखावा नहीं झलकना चाहिए. सीएम योगी ने स्पष्ट कहा कि ड्यूटी के दौरान कोई भी पुलिसकर्मी मोबाइल से रील या वीडियो बनाए, यह अस्वीकार्य है. संवेदनशील ड्यूटी पॉइंट्स पर ऐसे कर्मियों की तैनाती तुरंत रोक दी जाए.

किसानों, खनन और गोवंश संरक्षण पर भी फोकस

बैठक में मुख्यमंत्री ने धान खरीद प्रक्रिया की भी समीक्षा की. उन्होंने कहा कि किसानों को किसी भी स्तर पर परेशानी नहीं होनी चाहिए. बिचौलियों की भूमिका पूरी तरह खत्म की जाए और हर किसान को उसकी उपज का उचित मूल्य समय पर मिले. साथ ही उन्होंने अवैध खनन पर कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि खनन माफिया प्रदेश के किसी हिस्से में बख्शे नहीं जाएंगे. विशेष निगरानी टीमें बनाकर औचक निरीक्षण किए जाएं और किसी भी अधिकारी की लापरवाही पर सीधे कार्रवाई की जाए. गो-आश्रय स्थलों को लेकर उन्होंने निर्देश दिया कि जिलाधिकारी स्वयं निरीक्षण करें और यह सुनिश्चित करें कि सभी गोवंशों को चारा, पानी और चिकित्सा सुविधा समय पर मिले.

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