योगी का मुंबई दौराः UP सरकार ने गिनाए निवेश प्रस्ताव, विपक्ष बोला- सब झूठ है

सीएम योगी के दो दिन के मुंबई दौरे को लेकर यूपी सरकार ने दावा किया है कि पांच लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव मिले हैं. विपक्ष ने सरकार के दावे पर सवाल उठाए हैं. सीएम योगी ने मुंबई के दो दिवसीय दौरे के दौरान शीर्ष औद्योगिक घरानों के प्रतिनिधियों के साथ यूपी में निवेश को लेकर चर्चा की थी.

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योगी आदित्यनाथ (फाइल फोटो) योगी आदित्यनाथ (फाइल फोटो)

अभिषेक मिश्रा

  • लखनऊ,
  • 07 जनवरी 2023,
  • अपडेटेड 6:48 AM IST

निवेश के मोर्चे पर उत्तर प्रदेश सरकार अब एक्टिव मोड में है. पहले अलग-अलग मंत्रियों के नेतृत्व में टीम ने दुनिया के अलग-अलग देशों का दौरा कर सूबे में निवेश आकर्षित करने की कोशिश की. वहीं, 10 से 12 फरवरी तक आयोजित ग्लोबल इनवेस्टर्स समिट से पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुद मोर्चा संभाल लिया है. सीएम योगी ने देश की आर्थिक राजधानी मुंबई पहुंचकर शीर्ष औद्योगिक समूहों से सीधे बात की.

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यूपी सरकार ने सीएम योगी के मुंबई दौरे को सफल बताते हुए कहा है कि इससे सूबे में पांच लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव मिले हैं. ये निवेश प्रस्ताव सीएम योगी की दो दिवसीय मुंबई यात्रा के दौरान दो दर्जन से अधिक औद्योगिक समूहों के प्रमुख के साथ हुई बैठक के दौरान मिले. यूपी ग्लोबल समिट-2023 के दौरान इनसे जुड़ी औपचारिकताएं पूरी की जाएंगी.

कहा जा रहा है कि मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाले रिलायंस इंडस्ट्रीज ने यूपी में इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग और ग्रीन एनर्जी के क्षेत्र में बड़े निवेश का प्रस्ताव दिया है. कंपनी ने साथ ही 5G इंटरनेट कनेक्टिविटी देने के लिए जियो सेंटर बनाने, ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की सहायता से काम करने में भी रुचि दिखाई है. आदित्य बिड़ला ग्रुप के प्रमुख कुमार मंगलम बिड़ला ने नोएडा में कन्वेंशन सेंटर का निर्माण कराने में सहयोग की मांग की. उन्होंने फूड प्रोसेसिंग, डेटा सेंटर, वेयर हाउसिंग और लॉजिस्टिक्स के साथ ही सौर ऊर्जा के क्षेत्र में निवेश के लिए भी एक्शन प्लान साझा किया.

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पीरामल एंटरप्राइजेज के अजय पीरामल ने प्रधानमंत्री के टीबी मुक्त भारत के तहत वाराणसी में एक खास अभियान शुरू करेंगे. उन्होंने फार्मा पार्क के विकास के लिए बड़े निवेश का भी प्रस्ताव दिया. JSW समूह के MD सज्जन जिंदल ने सोनभद्र में अपनी श्रेणी के उत्कृष्ट स्टोरेज प्लांट के साथ ही कानपुर में इलेक्ट्रिक गाड़ियों की मैन्युफैक्चरिंग के लिए प्लांट स्थापित करने और यूपी में एक नई पेंट यूनिट का भी प्रस्ताव दिया. उन्होंने एक मंदिर और नैमिष धाम के विकास में योगदान देने का भी संकल्प व्यक्त किया.

यूपी सरकार के मुताबिक हीरानंदानी ग्रुप के दर्शन हीरानंदानी, रामकी (Ramky) समूह के संस्थापक एए रामी रेड्डी, टोरेंट पावर के जिनाल मेहता, हिंदुस्तान यूनिलीवर के संजीव मेहता, अडानी समूह के करन अडानी ने भी बड़े निवेश का प्रस्ताव दिया है. करन अडानी ने बलिया और श्रावस्ती में पीपीपी मॉडल पर मेडिकल कॉलेज खोलने के भी प्रस्ताव दिए हैं. टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन, वेदांता समूह के प्रमुख अनिल अग्रवाल के साथ ही गोदरेज, लोढ़ा समूह ने भी यूपी में निवेश करने में रुचि दिखाई है.

इसे लेकर आजतक से बात करते हुए यूपी सरकार के मंत्री दानिश आजाद अंसारी ने कहा कि सूबे में अब निवेश का माहौल बना है. देश के साथ ही विदेश के उद्योगपतियों को भी यूपी आकर्षित कर रहा है. उन्होंने कहा कि ऐसा पहली बार हुआ जब एक मुख्यमंत्री ने निवेश को लेकर उद्योगपतियों से मुलाकात की और बदले वातावरण का नतीजा है कि सूबे में हजारों करोड़ रुपये का निवेश आ रहा है.

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सपा बोली- निवेश का माहौल नहीं

सरकार के दावे पर सपा ने तंज करते हुए कहा है कि किसी भी औद्योगिक घराने की ओर से निवेश प्रस्ताव की पुष्टि नहीं की गई है. सपा प्रवक्ता अमीक जमई ने कहा कि यूपी में कानून-व्यवस्था की स्थिति काफी खराब है, यहां निवेश का माहौल नहीं है. अपहरण, सांप्रदायिक दंगे की वजह से निवेशक यहां आना नहीं चाहते. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को इवेंट करना बंद कर देना चाहिए.

सपा प्रवक्ता ने कहा कि 2017 के बाद कोई एक मल्टीनेशनल कंपनी यूपी में नहीं आई और सभी मंत्री विदेश गए थे. फर्जी विश्वविद्यालयों के साथ समझौते किए. उन्होंने कहा कि क्या निवेश वे लेकर आए. एचसीएल और सैमसंग समाजवादी पार्टी की सरकार के समय आए थे. लखनऊ में आईटी पार्क भी उसी समय बनाया गया था. सपा प्रवक्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री को चाहिए कि जमीनी सच्चाई स्वीकार करें.

कांग्रेस ने भी दागे सवाल

निवेश प्रस्ताव को लेकर यूपी सरकार के दावों को लेकर कांग्रेस ने भी हमला बोल दिया है. यूपी कांग्रेस के नेता सुरेंद्र राजपूत ने सरकार से सवाल किया कि समिट के पिछले आयोजनों में मिले प्रस्तावों का क्या हुआ. उन्होंने कहा कि अगर योगी सरकार ने पिछले पांच साल में काम किया होता तो आज मुख्यमंत्री को निवेश के लिए दरवाजे-दरवाजे नहीं भटकना पड़ता.

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कांग्रेस नेता ने कहा कि निवेश बेहतर सुविधाओं, अपराधमुक्त वातावरण, महिला सुरक्षा से आता है, धर्म को लेकर बात करने से नहीं. उन्होंने कहा कि बीजेपी धर्म की बात कर राजनीति करती है और कूड़ा कार्यक्रम, फर्जी ऑस्टिन यूनिवर्सिटी के साथ एग्रीमेंट साइन करती है. यूपी में निवेश आने के दावे किए जाते हैं जो झूठे हैं.

 

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