उत्तर प्रदेश विधानसभा के चार दिवसीय शीतकालीन सत्र के आखिरी दिन शुक्रवार को सपा प्रमुख व प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और सीएम योगी ने एक-दूसरे पर जमकर शब्दबाण चलाए. अनुपूरक बजट को लेकर अखिलेश यादव ने कहा कि जब सरकार खर्च नहीं कर पा रही है तो ये अनुपूरक बचट क्यों? इस दौरान उन्होंने किसानों का मुद्दा भी उठाया और कहा कि क्या गेंहू सरकार ने खरीदा या निजी कंपनियों से खरीदवाया? कृषि उपकरणों पर जीएसटी 12 से 18 फीसदी क्यों कर दिया गया?
सपा को चिंता थी कब्रिस्तान की
अखिलेश यादव के सवालों का सीएम योगी ने चुन-चुनकर जवाब दिया और सपा सरकार के दिनों की याद दिलाई. सीएम योगी ने सदन में अखिलेश यादव के सामने कहा कि 2017 के पहले सरकारों को विरासत की चिंता नहीं थी... चिंता थी तो बस कब्रिस्तान की. हमारी सरकार ने पर्यटन और संस्कृति के क्षेत्र में हमने अच्छा काम किया है. अखिलेश सरकार को चिंता ही नहीं थी कि कैसे किसी पर्यटन क्षेत्र को विकसित करें. .. बस चिंता थी कब्रिस्तान की.
जातिगत जनगणना पर अखिलेश को योगी का जवाब
वहीं अखिलेश यादव ने सदन में जातिगत जनगणना का मुद्दा उठाते हुए कहा कि सरकार जातिगत जनगणना पर चुप क्यों है? जवाब क्यों नहीं देती, पिछड़ा और दलितों की स्थिति क्या है, जाति का जनगणना की मांग पर सरकार का क्या रुख है ?
अखिलेश के इस बयान का जवाब देते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा, 'जब आपके पास कोई मुद्दा नहीं होता था तो जाति लाते हैं .. गरीब का हक , भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रहा था . जब इंसेफेलाइटिस बढ़ता था , तब PDA याद नहीं आया था ? तब तो राजू पाल की हत्या कराते थे या अखिलेश निषाद की हत्या कराते थे .. अराजकता और गुंडाराज चरम पर थी'
बूचड़खानों का किया जिक्र
अखिलेश यादव ने कहा कि नेता सदन योगी जी ने कहा कि सांड नंदी है और वह उनका का संरक्षण कर रहे हैं, आज सड़क पर ट्रैफिक पुलिस से ज्यादा सांड दिखाई देते हैं, गौशाला की क्या दुर्दशा है, क्या 250 करोड़ काफी है? सड़क पर हर जगह मवेशी है, गौशाला के नाम पर केवल लूट हो रहीं है. पिछली बार भी सूची दी थी कि जिनकी जान सांड से गई उनको कितनी मदद की, सिर्फ 250 नहीं 5000 करोड़ दें.
सीएम योगी ने इसका जवाब देते हुए कहा, 'अखिलेश यादव की चिंता तो बूचड़खानों के बंद होने की है, उनकी चिंता गोवंश की नहीं है . गोवंश के लिए हमने काम किया है .ये सच नहीं है कि हमने सिर्फ 100 करोड़ रूपए खर्च किए है गोवंश के लिए . 11 लाख गोवंश के लिए हमने काम किया है .. 3 हजार करोड रूपए है हमारे मूल बजट में .. आपकी चिंता है कि बूचड़खाने बंद हो रहे है . गोवंश से आपको चिंता नहीं है .. बूचड़खाने बंद हो गए ये चिंता है आपको अखिलेश जी .'
अखिलेश ने उठाया स्वास्थ्य का मुद्दा
नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि स्वास्थ्य सेवा यूपी में सबसे खराब है और इस पर सरकार का ध्यान नहीं है, क्या सरकार प्राइवेटाइजेशन की तरफ बढ़ रही है? अस्पतालों में प्राइवेट पार्टनरशिप हो रही है, कितने मेडिकल कॉलेज खोले गए? कैंसर के इलाज के लिए सरकार ने क्या किया, कैंसर इस्टीट्यूट का नाम बदला दिया पर सेवा पर कुछ नहीं किया, डॉक्टर, अपॉइंटमेंट का क्या हुआ?
सीएम योगी ने कहा कि सपा सरकार में कैसे खेल होते थे इसकी मिसालें हैं, सत्ता की डकैती कैसी होती थी उसका उदाहरण है कि 265 करोड़ के डीपीआर के बाद 821 करोड़ खर्च होने के बाद भी जेपी एनआईसी पूरा नहीं हो पाया. ऐसा ही गोमती रिवर फ्रंट में 146 करोड़ डीपीआर से 665 करोड़ के गए, फिर 2016 में 1513 करोड़ किया, 1437 खर्च होने के बाद भी काम अधूरा, अनियमिता की हद है. सीएम ने कहा कि अनपूरक बजट से सरकार सर्वांगीण विकास की सोच को आगे बढ़ा रही है. उत्तर प्रदेश जैसा प्रदेश आज सरप्लस प्रदेश माना जाता है. नेता प्रतिपक्ष के द्वारा रखे आंकड़े सही नही थे. आज प्रदेश जीएसटी रजिस्ट्रेशन मे शीरा उत्पादन मे, इथेनोल प्रोडक्शन नंबर एक है.
अभिषेक मिश्रा