सावधान! चने के नाम पर परोसा जा रहा 'कैंसर', गोरखपुर में 750 बोरी 'जहरीला भुना चना' बरामद

गोरखपुर में खाद्य विभाग ने 750 बोरी मिलावटी चना बरामद किया है. चने को पीला करने के लिए कपड़े रंगने वाली सिंथेटिक एलो डाई का इस्तेमाल किया गया था, जिससे कैंसर, लिवर और किडनी डैमेज का खतरा है. एमपी-छत्तीसगढ़ से आई इस खेप को सीज कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है.

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गोरखपुर में नकली भुना चना पकड़ा गया (Photo- Screengrab) गोरखपुर में नकली भुना चना पकड़ा गया (Photo- Screengrab)

गजेंद्र त्रिपाठी

  • गोरखपुर ,
  • 17 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 5:52 PM IST

अगर आप मार्केट का भुना चना खाते हैं तो सावधान हो जाइए. इसे खाने से आपकी जान जा सकती है. दरअसल, यूपी के गोरखपुर में खाद्य विभाग ने सिंथेटिक युक्त 750 बोरी भुना चना बरामद किया है, जो खाने योग्य नहीं है. जांच में पता चला है कि इसे खाने से लिवर और किडनी डैमेज होती है, कैंसर भी हो सकता है. 

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खाद्य विभाग ने रसायन युक्त चना को बरामद कर उसे सीज कर दिया है और इसके बिक्री पर रोक लगा दी है. सहायक खाद आयुक्त सुधीर सिंह ने कहा कि खेप को मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ से लाया गया था. फिलहाल, पूरा नेटवर्क खंगाला जा रहा है. जो लोग इसे बेचते पाए गए उनका लाइसेंस निरस्त किया जाएगा और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

दरअसल, गोरखपुर के राजघाट इलाके में खाद्य विभाग ने बड़ी कार्रवाई करते हुए मेसर्स मां तारा ट्रेडर्स के गोदाम से 750 बोरी भुना चना सीज किया है. जांच में पता चला कि चने को पीला करने के लिए कपड़े रंगने वाली 'सिंथेटिक एलो डाई' का इस्तेमाल किया गया था, जो कैंसर और किडनी फेलियर जैसी गंभीर बीमारियां पैदा कर सकता है.
 
चने में मिला कैंसर फैलाने वाला खतरनाक रंग

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सहायक आयुक्त सुधीर सिंह ने बताया कि बरामद चने में जिस 'सिंथेटिक एलो डाई' का प्रयोग हुआ है, वह खाने के लिए नहीं बल्कि कपड़ा रंगने के काम आता है. यह रसायन बच्चों और गर्भवती महिलाओं के लिए अत्यंत घातक है. इससे कैंसर होने की संभावना बढ़ जाती है और यह लिवर व किडनी को पूरी तरह डैमेज कर सकता है. आमतौर पर लोग चने को स्वास्थ्यवर्धक मानकर खाते हैं, लेकिन इस जहर की सप्लाई से लोगों की जान को खतरा हो सकता था.

एमपी-छत्तीसगढ़ से हो रही थी 'जहर' की सप्लाई

जांच में सामने आया कि यह चना मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ से दो गाड़ियों में भरकर लाया गया था. गोरखपुर से इस जहरीले चने को देवरिया, बस्ती, आजमगढ़, मऊ और सिद्धार्थ नगर जैसे कई जिलों में सप्लाई किया जाना था. विभाग ने मौके से 750 बोरी चना (प्रति बोरी 40 किलो) जब्त कर इसकी बिक्री पर तुरंत रोक लगा दी है. प्रशासन अब इस पूरे नेटवर्क को खंगालने और दोषियों के लाइसेंस रद्द करने की तैयारी में है.

पूरे प्रदेश में चलेगा विशेष जांच अभियान

खाद्य सहायक आयुक्त ने कहा कि मिलावटखोरों के खिलाफ पूरे प्रदेश में अभियान चलाया जा रहा है. पकड़े गए चने के दो नमूने लेकर जांच में मिलावट की पुष्टि होने के बाद अब कानूनी कार्रवाई की जा रही है. अधिकारियों का कहना है कि जहां-जहां भी इस चने की सप्लाई का नेटवर्क फैला है, वहां छापेमारी कर सख्त एक्शन लिया जाएगा ताकि जनता के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने वालों को रोका जा सके.

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