भाजपा के पूर्व सांसद बृज भूषण शरण सिंह ने यूपी के गोंडा में पत्रकारों से बात करते हुए आगामी चुनाव लड़ने के सवाल पर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि वह देखेंगे कि किस जनप्रतिनिधि ने ज्यादा अत्याचार मचाया है और किसको जनता पसंद नहीं करती है. उन्होंने कहा कि चुनाव से 6 महीने पहले जनता खुद बता देगी कि वह कहां से चुनाव लड़ेंगे, जनता उन्हें इस बार बैठने नहीं देगी. इसके साथ ही बृज भूषण सिंह ने जौनपुर के बाहुबली नेता धनंजय सिंह पर बयान दिया है. धनंजय पर इस वक्त कोडीन कफ सिरप तस्करी मामले में ऊंगली उठ रही है. पकड़े गए आरोपी अमित सिंह टाटा से उनकी नजदीकी बताई जा रही है. हालांकि, धनंजय सिंह ने खुद सीबीआई जांच की मांग की है.
कहां का जनप्रतिनिधि मचाए है अत्याचार?
पूर्व सांसद बृज भूषण सिंह ने कहा कि वह विद्यार्थी जीवन से ही राजनीति से जुड़े हैं और जन समस्याओं से जुड़े रहे हैं. सांसद न होने के बावजूद भी लगभग 10 जनपदों के पीड़ित लोग उनके दरवाजे पर पहुंचते हैं. उन्होंने कहा कि वह देखेंगे कि कहां का जनप्रतिनिधि ज्यादा अत्याचार मचाए हुए है और किस जनप्रतिनिधि को जनता पसंद नहीं करती है. उन्होंने स्पष्ट किया, "हम नहीं लड़ेंगे, जनता ही लड़ाएगी. जनता इस बार बैठने नहीं देगी, जनता अपने आप कह रही है."
पराली और धनंजय सिंह पर भी बोले
बृज भूषण सिंह ने देश में जल रही पराली पर भी अफसोस जाहिर किया. उन्होंने कहा कि जिनको पराली पर रोकथाम के लिए जिम्मेदारी दी गई है, वे जिम्मेदारी निभाने को तैयार नहीं हैं, ऐसे में किसको दोष दिया जाए.
वहीं, पूर्व सांसद धनंजय सिंह पर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि फोटो कोई भी खिंचा सकता है. उन्होंने बताया कि उनके साथ प्रतिदिन 2-3 हजार लोग फोटो लेते हैं, जिनमें बच्चों की संख्या ज्यादा होती है और 8-10 जिले के लोग केवल फोटो खिंचाने आते हैं.
'फोटो के अलावा कुछ है तो आदमी जवाब देगा'
धनंजय सिंह के साथ फोटो के कनेक्शन पर बृज भूषण सिंह ने आगे कहा, "फोटो किसी का किसी के साथ खींचा जा सकता है. अब अगर फोटो के अलावा कुछ है तो आदमी जवाब देगा."
उन्होंने पल्लवी पटेल द्वारा एसआईआर फॉर्म न भरने पर टिप्पणी करते हुए कहा कि वह न भरें, यहां राजा बहुत हो गए हैं. बृज भूषण सिंह ने कहा कि वह किसी भी हाल में 2-3 साल पहले चुनाव लड़ने वाली सीट का नाम नहीं बताएंगे, यह पत्ता 6 महीने पहले जनता खुद खोल देगी.
बकौल बृज भूषण- 'फोटो के आधार पर आरोप लगाया जा रहा. फोटो खींचकर कौन क्या करता है किसे क्या जानकारी. वैसे भी मैं ना ही में विवेचक हूं, ना ही जांचकर्ता हूं. जांच होने पर ही मामला साफ होगा.'
अंचल श्रीवास्तव