'गोंडा मतलब दबदबे वाले...', छात्रों को संबोधित करते हुए बोले बृजभूषण सिंह, सुनाई संघर्ष की कहानी

पूर्व भाजपा सांसद बृजभूषण सिंह अक्सर अपने बयानों के चलते सुर्खियों में रहते हैं. ताजा बयान उन्होंने गोंडा जिला स्थित एक निजी इंस्टीट्यूट के छात्रों के प्रतिभा सम्मान समारोह के दौरान दिया. पूर्व सांसद ने कहा कि कहा कि गोंडा का मतलब 'दबदबा वाले' होता है.

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बीजेपी नेता और पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह (फाइल फोटो) बीजेपी नेता और पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह (फाइल फोटो)

अंचल श्रीवास्तव

  • गोंडा ,
  • 14 अगस्त 2025,
  • अपडेटेड 4:51 PM IST

गोंडा का मतलब 'दबदबा' वाले लोग... पूर्व भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने छात्रों को संबोधित करते हुए ये बयान दिया है. उनका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. इसमें वह कहते हैं कि देश में कहीं भी जाने पर लोग उन्हें इसी रूप में जानते हैं. संबोधन के दौरान उन्होंने अपनी 'सादगी और गरीबी' के दिनों को भी याद किया. 

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आपको बता दें कि बृजभूषण सिंह अक्सर अपने बयानों के चलते सुर्खियों में रहते हैं. ताजा बयान उन्होंने गोंडा जिले के कटरा बाजार स्थित एक निजी इंस्टीट्यूट के छात्रों के प्रतिभा सम्मान समारोह के दौरान दिया. पूर्व भाजपा सांसद ने कहा कि कहा कि गोंडा का मतलब 'दबदबा वाले' होता है. भारत के किसी भी तीर्थ स्थान पर जाकर बता दो कि हम गोंडा से हैं, तो लोग तुरंत कहेंगे कि ये 'दबदबा वाले' हैं. उन्होंने छात्रों से यह भी कहा कि वे अपने क्षेत्र के दबदबे को कभी न भूलें. देखें वीडियो- 

 

बृजभूषण सिंह ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए छात्रों को अपने शुरुआती जीवन के बारे में भी बताया. उन्होंने कहा कि एक समय ऐसा था जब वह कक्षा 8 तक साइकिल नहीं खरीद पाए थे. दोपहर के नाश्ते में सिर्फ जौ का चबेना खाते थे. उन्होंने कहा कि यह सम्मान और दबदबा एक दिन में नहीं मिलता. बृजभूषण ने छात्रों से अपनी जड़ों से जुड़े रहने और मेहनत करने की अपील की. छात्रों ने भी उनके सवाल के जवाब में कहा कि 'दबदबा था, दबदबा है, और...'

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बृजभूषण की छात्रों को मोटिवेशनल स्पीच

पूर्व सांसद ने छात्रों को प्रेरित करते हुए कहा कि आज वे जहां भी हैं, वह उनकी मेहनत का नतीजा है. उन्होंने छात्रों से कहा कि वे अपने लक्ष्य को पाने के लिए कड़ी मेहनत करें. उन्होंने कहा कि आज जब आप कहीं मंदिर जाते हैं और खुद को गोंडा से बताते हैं, तो लोग तुरंत कहते हैं, "अच्छा, नेताजी." उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यह पहचान कड़ी मेहनत और दबदबे से बनी है. 

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