यूपी के कानपुर देहात में जिला विकास समन्वय और निगरानी समिति (दिशा) की बैठक में बवाल हो गया. इस बैठक में अकबरपुर से बीजेपी सांसद देवेंद्र सिंह भोले और पूर्व सांसद अनिल शुक्ला वारसी (राज्य मंत्री प्रतिभा शुक्ला के पति) आपस में भिड़ गए. विकास कार्यों की समीक्षा के लिए जिलाधिकारी कार्यालय के सभागार में आयोजित यह बैठक, दोनों नेताओं के बीच तीखी नोकझोंक और गंभीर आरोप-प्रत्यारोप के कारण स्थगित करनी पड़ी.
बीजेपी नेता और पूर्व सांसद अनिल शुक्ला वारसी ने सांसद देवेंद्र सिंह भोले पर दिशा समिति का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि भोले अपने कुछ लोगों को जबरदस्ती समिति का सदस्य बनाकर लाए हैं, जो लोगों को निशाना बनाते, अपमानित करते हैं, झूठे मुकदमे लिखवाते हैं और फैक्ट्री मालिकों से वसूली करते हैं. वारसी ने सांसद भोले को इलाज की जरूरत बताते हुए कहा कि वह यहां के 'गुंडों के चेयरमैन' हैं.
जवाब में, सांसद देवेंद्र सिंह भोले ने पलटवार करते हुए वारसी पर हर चुनाव से पहले माहौल खराब करने और अधिकारियों को निशाना बनाने का आरोप लगाया. बहस इतनी बढ़ गई कि हाथापाई की नौबत आ गई. इस दौरान सांसद भोले ने कहा, "मुझसे बड़ा गुंडा कोई नहीं है. मैं कानपुर देहात का सबसे बड़ा हिस्ट्रीशीटर हूं."
मामले को बिगड़ता देख मौके पर मौजूद एसपी और अपर पुलिस अधीक्षक ने मोर्चा संभाला. दोनों दिग्गज नेताओं के बीच बढ़ते बवाल के कारण विकास के एजेंडे पर होने वाली यह महत्वपूर्ण दिशा की बैठक स्थगित कर दी गई, जिससे जिले में सियासी तनाव बढ़ गया है.
गौरतलब है कि दोनों ही सांसद और पूर्व सांसद का राजनीतिक वर्चस्व की इस जंग का इतिहास पुराना है. पूर्व सांसद वारसी, योगी सरकार में राज्य मंत्री प्रतिभा शुक्ला के पति हैं. प्रतिभा शुक्ला भी कुछ महीने पहले वर्चस्व विवाद को लेकर धरने पर बैठ चुकी हैं. उस समय भी जिले की राजनीति में यह मामला काफी सुर्खियों में रहा था. राजनीतिक अहम और आपसी वर्चस्व की यह टकराहट अब सरकारी बैठकों तक पहुंच गई है.
तनुज अवस्थी