यूपी के बिजनौर से पिछले महीने लापता हुईं दो नाबालिग छात्राएं 24 दिन बाद पंजाब के लुधियाना से सकुशल बरामद कर ली गई हैं. पुलिस ने उन्हें एक कपड़े की फैक्ट्री में काम करते हुए पकड़ा. दोनों छात्राओं ने 'आजाद जिंदगी' जीने के लिए घर छोड़ा था और इस भागने की योजना 'क्राइम पेट्रोल' सीरियल देखकर बनाई थी.
स्कूल जाने के बहाने घर से निकली थीं
आपको बता दें कि बिजनौर के गांव से गायब हुईं दो नाबालिग छात्राएं पुलिस द्वारा बरामद कर ली गईं हैं. ये छात्राएं 24 दिन बाद बरामद हुईं हैं. मंगलवार को पंजाब के लुधियाना में एक कपड़े की फैक्ट्री से इनकी बरामदगी हुई. घर की बंदिशों से परेशान होकर आजाद जीवन जीने के लिए वे निकली थीं. दोनों ने टीवी सीरियल क्राइम पेट्रोल देखकर भागने की योजना बनाई थी. 15 नवंबर को वे स्कूल जाने के बहाने घर से निकल गई थीं और फिर वापस नहीं लौटीं.
28 टीमों की लंबी तलाश
बिजनौर के अलग-अलग दो गांवों की रहने वाली कक्षा 9 और इंटर की ये छात्राएं 15 नवंबर को लापता हुई थीं. इनकी बरामदगी को लेकर किसान संगठन और परिवार धरने पर थे, और महिला आयोग भी पुलिस पर दबाव बना रहा था. कोई फोन इस्तेमाल न होने के कारण पुलिस के सामने बड़ी चुनौती थी. पुलिस की 28 टीमें, जिनमें करीब 135 पुलिसकर्मी, स्वाट और एसओजी शामिल थे, इनकी तलाश में जुटी थीं.
बिजनौर से लुधियाना तक का सफर
एसपी अभिषेक झा के अनुसार, दोनों ने पहले बिजनौर से सहारनपुर के लिए बस पकड़ी. वहां से वे बांद्रा जाने वाली ट्रेन में सवार होकर गुजरात के सूरत में उतरीं. इसके बाद अजमेर की ट्रेन से रतलाम गईं, वहां रुकीं और फिर जम्मू की ट्रेन में सवार होकर पंजाब के लुधियाना पहुंचीं. पुलिस ने 66 से 67 रेलवे स्टेशनों के सीसीटीवी फुटेज चेक किए.
2000 रुपये और झुमके का सहारा
छात्राओं ने 20 नवंबर को लुधियाना पहुंचकर एक कपड़ा फैक्ट्री में नौकरी शुरू की और वहीं कमरा लेकर रहने लगी थीं. प्राथमिक पूछताछ में पता चला है कि उनके पास खर्च के लिए सिर्फ 2000 रुपये और दूसरी छात्रा के पास कानों में पहने हुए झुमके थे, जिसे उन्होंने बेच दिया था. घर की बंदिशें, जैसे कि इंटर के बाद शादी का दबाव और जीवनशैली पर रोक-टोक, उनके भागने का मुख्य कारण था. अब दोनों को कोर्ट में पेश किया जाएगा.
संजीव शर्मा (बिजनौर)