फ्री फायर गेम से दोस्ती, फिर ऐंठे रुपये, न देने पर... लखनऊ में 13 साल के यश सुसाइड केस में बड़ा खुलासा

पुलिस जांच में सामने आया है कि यश ऑनलाइन गेम फ्री फायर मैक्स का आदी था. अपराधियों ने उसे गेम में डायमंड्स और हथियार का लालच देकर फंसाया. पहले उन्होंने दोस्ती की, फिर यूपीआई या बैंक ट्रांसफर से पैसे मांगने लगे।. जब यश ने पैसे देना बंद कर दिया, तो वे उसे डराने धमकाने लगे. इस मानसिक दबाव के कारण यश लगातार पैसे देता रहा. अंत में, इसी तनाव के चलते उसने आत्महत्या कर ली.

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ऑनलाइन गेम के चक्कर में नाबालिग ने दी थी जान (representational photo) ऑनलाइन गेम के चक्कर में नाबालिग ने दी थी जान (representational photo)

अंकित मिश्रा

  • लखनऊ ,
  • 01 अक्टूबर 2025,
  • अपडेटेड 4:04 PM IST

लखनऊ में ऑनलाइन गेमिंग के जानलेवा जाल ने एक मासूम की जिंदगी छीन ली थी. अब मोहनलालगंज में हुए  13 साल के यश की आत्महत्या के इस मामले को पुलिस ने सुलझा लिया है, जिसमें सनसनीखेज खुलासा हुआ है. 

दरअसल, यश छठी क्लास का छात्र था. 15 सितंबर को उसने अपनी जान दी थी. जांच में पता चला कि यश ने अपने पिता के बैंक अकाउंट से ₹14 लाख ऑनलाइन गेम में उड़ा दिए थे. जब परिवार को इसकी भनक लगी, तो सदमे में आकर छात्र ने इतना खौफनाक कदम उठा लिया.

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यह भी पढ़ें: लखनऊ नाबालिग सुसाइड केस: ऑनलाइन गेम, फिर रुपये दोगुने करने का लालच... ठगों ने ऐसे ऐंठे थे 14 लाख

पुलिस की छानबीन में एक ऑनलाइन गेमिंग गिरोह का पर्दाफाश हुआ है. इस गिरोह ने यश को बहला-फुसलाकर अपने खातों में लाखों रुपये ट्रांसफर करवाए थे. यश के पिता ने अज्ञात लोगों के खिलाफ ब्लैकमेलिंग और आत्महत्या के लिए उकसाने का केस दर्ज कराया था. मोहनलालगंज पुलिस ने कार्रवाई करते हुए इस मामले में मुख्य आरोपी सनत गोराई को झारखंड से गिरफ्तार किया है. इसके अलावा, एक नाबालिग को भी पकड़ा गया है. 

डीसीपी साउथ निपुण अग्रवाल ने बताया कि यह सिर्फ पैसे गंवाने का नहीं, बल्कि शातिर ब्लैकमेलिंग और संगठित अपराध का मामला है. पुलिस जांच में पता चला कि यश फ्री फायर मैक्स ऑनलाइन गेम खेलता था. अपराधियों ने इसी गेम के बहाने यश को अपने जाल में फंसाया. वे उसे गेम में डायमंड्स, हथियार और बेहतर रैंक का लालच देते थे और गेमिंग दुनिया का हीरो बनाने का झांसा देते थे. 

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पुलिस की गिरफ्त में आरोपी

डीसीपी ने आगे बताया कि आरोपी पहले बच्चों से दोस्ती करते थे. विश्वास जीतने के बाद वे उन्हें UPI, बैंक ट्रांसफर या गिफ्ट कार्ड के माध्यम से पैसे भेजने के लिए प्रेरित करते थे. शुरुआत छोटे अमाउंट से कर धीरे-धीरे लाखों रुपये ऐंठ लेते थे. अपराधियों ने यश की ईमेल ID और पासवर्ड तक हासिल कर लिया था. पैसे देने से मना करने पर आरोपी यश को डराते थे कि उसका गेमिंग अकाउंट बंद कर दिया जाएगा. बार-बार मैसेज और कॉल करके मानसिक दबाव बनाते थे. 

किशोरावस्था के डर और परिवार से छिपाने की प्रवृत्ति के चलते यश लगातार पैसे भेजता रहा और अंततः आत्महत्या जैसा खौफनाक कदम उठा लिया. अपराध करने के बाद शातिर अभियुक्तों ने तुरंत यश का मोबाइल फॉर्मेट कर दिया और मेल ID का पासवर्ड बदल दिया ताकि सारे डिजिटल प्रमाण नष्ट हो जाएं. हालांकि, अब पुलिस ने आरोपियों पर शिकंजा कस दिया है. 

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