एक्ट्रेस नुसरत भरूचा पर भड़के बरेली के मौलाना शहाबुद्दीन रजवी, बोले- 'महाकाल मंदिर में पूजा करके बड़ा पाप किया'

अभिनेत्री नुसरत भरूचा के महाकाल मंदिर में दर्शन करने पर बरेली के मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने कड़ी नाराजगी जताई है. उन्होंने इसे इस्लाम के सिद्धांतों के खिलाफ और 'बड़ा पाप' करार दिया. मौलाना ने कहा कि नुसरत को शरिया के अनुसार अपने कृत्य पर पछतावा करते हुए कलमा और इस्तग़फ़ार पढ़ना चाहिए.

Advertisement
महाकाल मंदिर जाने पर नुसरत भरूचा पर भड़के मौलाना शहाबुद्दीन रजवी (Photo- Screengrab) महाकाल मंदिर जाने पर नुसरत भरूचा पर भड़के मौलाना शहाबुद्दीन रजवी (Photo- Screengrab)

aajtak.in

  • बरेली ,
  • 31 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 10:01 AM IST

बॉलीवुड एक्ट्रेस नुसरत भरूचा के उज्जैन स्थित महाकाल मंदिर में दर्शन करने पर बरेली (यूपी) के मौलाना ने नाराजगी जाहिर की है. मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने कहा कि एक्ट्रेस नुसरत भरूचा ने महाकाल मंदिर में पूजा करके 'बड़ा पाप' किया है. इसलिए नुसरत को वहां जाने के लिए पछतावा करना चाहिए. 

आपको बता दें कि ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी अक्सर अपने बयानों को लेकर चर्चा में रहते हैं. इस बार उनके निशाने पर मशहूर एक्ट्रेस नुसरत भरूचा हैं. दरअसल, हल ही में नुसरत एमपी के उज्जैन में स्थित महाकाल मंदिर गई थीं. जैसे ही उनकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हुईं, एक तबका उनके खिलाफ हो गया. 

Advertisement

मौलाना शहाबुद्दीन ने कहा, "नुसरत भरूचा उज्जैन के महाकाल मंदिर गईं, पूजा की, जल चढ़ाया और वहां की धार्मिक परंपराओं का पालन किया. इस्लाम इन सभी कामों की इजाजत नहीं देता. शरिया का हुक्म है कि नुसरत को पछतावा करना चाहिए, इस्तग़फ़ार पढ़ना चाहिए और कलमा पढ़ना चाहिए. उन्होंने इस्लाम के सिद्धांतों के खिलाफ काम किया है. इसलिए, वह शरिया के दायरे में आ गई हैं और एक गंभीर बड़े पाप की दोषी हैं. उनके लिए पछतावा करना जरूरी है."

'नए साल का जश्न नाजायज'

इससे पहले शहाबुद्दीन रजवी ने वीडियो जारी कर मुस्लिम समाज के लोगों से नए साल का जश्न न मनाने की अपील की थी. उन्होंने इसे फिजूलखर्ची बताया और कहा कि शरीयत की रोशनी में नए साल का जश्न नाजायज है. मौलाना का यह बयान सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना हुआ है.

Advertisement

उन्होंने यह भी कहा था कि इस्लामी कैलेंडर का साल मुहर्रम के महीने से शुरू होता है. ऐसे ही हिंदू कैलेंडर का साल चैत्र माह से शुरू होता है. 31 दिसंबर या एक जनवरी को नए साल का जश्न मनाना यूरोपियन कल्चर है. नए साल के जश्न के नाम पर 31 दिसंबर की रात फूहड़बाजी, शोर-शराबा, हंगामा, नाचना-गाना होता है. शरीयत में इन तमाम चीजों की इजाजत नहीं है. अगर कहीं से जश्न मनाने की खबर मिली तो उलमा इसे सख्ती से रोकेंगे.

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement