बांदा में SIR के नाम पर साइबर ठगी का खुलासा, लोगों को भेज रहे थे फर्जी OTP

बांदा में SIR (Special Intensive Revision) प्रक्रिया के नाम पर साइबर ठगी का नया तरीका सामने आया है. अपराधी फर्जी OTP और कॉल के जरिए लोगों की निजी जानकारी हासिल कर ठगी का प्रयास कर रहे थे. इस पर एसपी पलाश बंसल ने अभियान चलाकर गांव-गांव लोगों को जागरूक करने के निर्देश दिए हैं. पुलिस लगातार समझा रही है कि SIR का काम BLO ही घर जाकर करेंगे.

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SIR के नाम पर ठगी की कोशिश (Photo: Screengrab) SIR के नाम पर ठगी की कोशिश (Photo: Screengrab)

सिद्धार्थ गुप्ता

  • बांदा,
  • 29 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 7:17 AM IST

यूपी के बांदा जिले में SIR (Special Intensive Revision) के नाम पर साइबर ठगी के नए तरीके का पर्दाफाश होने के बाद पुलिस प्रशासन सतर्क हो गया है. जिलाधिकारी कार्यालय और संबंधित विभागों द्वारा मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण का कार्य तेजी से चल रहा है, लेकिन इसी प्रक्रिया का फायदा उठाकर साइबर जालसाजों ने लोगों को नई चाल से ठगने का प्रयास शुरू कर दिया है.

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अपराधी खुद को सरकारी अधिकारी, BLO कर्मचारी या चुनाव विभाग का प्रतिनिधि बताकर फोन कर रहे थे. कॉल के दौरान कहा जा रहा था कि SIR वेरिफिकेशन पूरा करने के लिए OTP या आधार कार्ड की कॉपी भेजनी होगी. कुछ मामलों में फर्जी लिंक भेजकर उसमें व्यक्तिगत जानकारी भरने की मांग भी की गई.

घर जाकर BLO करते हैं SIR वेरिफिकेशन

साइबर अपराधियों की इस नई तरकीब को देखते हुए बांदा पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की. एसपी पलाश बंसल ने जिले की सभी पुलिस टीमों को अलर्ट किया और गांव-गांव जाकर जागरूकता फैलाने के निर्देश दिए. पुलिस ने स्पष्ट रूप से कहा है कि SIR वेरिफिकेशन का काम कभी फोन, मैसेज या ऑनलाइन लिंक के माध्यम से नहीं होता. यह कार्य केवल BLO द्वारा घर पर जाकर किया जाता है.

मिशन शक्ति फेज 5 के तहत जिले में बड़े पैमाने पर जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है. पुलिस टीमें स्कूलों, गांवों और सार्वजनिक स्थानों पर पाठशालाएं लगाकर लोगों को साइबर अपराध से बचने के तरीके बता रही हैं. महिलाओं और लड़कियों को गुड टच–बैड टच, हेल्पलाइन नंबर और सरकारी सहायता योजनाओं की जानकारी भी दी जा रही है.

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किसी को ना दें ATM PIN या OTP

पुलिस ने बताया कि जालसाज अब तक बैंक KYC, लोन, पुरस्कार और नौकरी के नाम पर ठगी करते थे, लेकिन अब SIR का नाम भी उनके निशाने पर आ गया है. इसी कारण एसपी ने दोहराया कि कोई भी आधार नंबर, बैंक पासबुक डिटेल, ATM PIN या OTP किसी को न दें, चाहे कॉल करने वाला कितना भी विश्वसनीय क्यों न लगे.

अधिकारी ने बताया कि साइबर ठगी का शिकार होने पर पीड़ित तुरंत साइबर हेल्पलाइन 1930, साइबर पोर्टल www.cybercrime.gov.in या नजदीकी थाने में शिकायत दर्ज कराएं. पुलिस का दावा है कि जागरूकता अभियान के बाद जिले में फर्जी कॉल और ठगी की घटनाओं में कमी आ रही है.

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