बांदा के तिंदवारी थाना क्षेत्र में पुलिस ने एक हैरान कर देने वाला मामला उजागर किया है. पुलिस ने एक ऐसे शख्स शिवस्वरूप उर्फ मास्टर को गिरफ्तार किया है जिसने फर्जी दस्तावेजों के सहारे अब तक एक हजार से अधिक अपराधियों की जमानत अदालत से कराई. आरोपी पैसों की लालच में खसरा-खतौनी, आधार और अन्य दस्तावेजों का इस्तेमाल कर बड़े और खूंखार अपराधियों को जेल से बाहर निकलवाता था.
पुलिस के अनुसार, शिवस्वरूप गैंग का सरगना है और उसके गैंग में लगभग 15 लोग शामिल थे. पुलिस ने बताया कि अब तक जिन अपराधियों की जमानत इसने फर्जी दस्तावेजों के जरिए कराई, उनकी जमानत अदालत में निरस्त कराई जा रही है. आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है और उससे पूछताछ जारी है.
फर्जी दस्तावेजों से जमानत का खेल
एसपी ऑफिस की ओर से बताया गया कि थाना पुलिस को सूचना मिली थी कि कुछ लोग बड़े अपराधियों की जमानत कराने के लिए फर्जी दस्तावेज बना रहे हैं. इसके बाद दो टीमों का गठन कर पुलिस ने मामले की जांच शुरू की. जांच में पता चला कि शिवस्वरूप ने पैसों के लालच में फर्जी तरीके से दस्तावेज तैयार कर अदालत में पेश किए और जमानत दिलवाई.
आरोपी ने पुलिस पूछताछ में खुद बताया कि उसने पिछले दो वर्षों में कई जिलों में भी अपराधियों की जमानत कराई है. इससे पहले पुलिस ने गैंग के अन्य 15 सदस्यों की पहचान की है और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा रही है.
ऑपरेशन शिकंजा के तहत कार्रवाई
ASP शिवराज ने बताया कि यह गिरफ्तारी CM योगी के निर्देशित ‘ऑपरेशन शिकंजा’ के तहत हुई. उन्होंने कहा कि अब तक फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से जिन भी अपराधियों की जमानत कराई गई, उनकी जमानत निरस्त करवाई जा रही है. बांदा में ही इस गैंग के खिलाफ दर्जनों मुकदमे दर्ज किए गए हैं.
पुलिस अब बाकी गैंग सदस्यों को पकड़ने और फर्जी जमानत कराने की पूरी योजना का पर्दाफाश करने में जुटी है. अधिकारी यह भी सुनिश्चित कर रहे हैं कि आगे किसी भी अपराधी को फर्जी दस्तावेजों के सहारे जमानत न मिले और सभी कानूनी कार्रवाई पूरी पारदर्शिता के साथ की जाए.
जेल में बंद सरगना और आगे की कार्रवाई
फिलहाल, गैंग का सरगना जेल में बंद है और उससे पूछताछ जारी है. पुलिस की टीम ने कोर्ट में जिन अपराधियों की जमानत फर्जी दस्तावेजों के सहारे हुई थी, उन्हें भी निरस्त कराया जा रहा है. आगे की जांच में गैंग के बाकी सदस्यों और उनके नेटवर्क का खुलासा होने की संभावना है, जिससे बांदा और आसपास के जिलों में अपराधियों की फर्जी जमानत का पूरा खेल खत्म हो जाएगा.
सिद्धार्थ गुप्ता