उत्तर प्रदेश के बांदा में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह कार्यक्रम बड़े पैमाने पर आयोजित किया गया, जिसमें सरकार ने 751 बेटियों की शादी का पूरा खर्च उठाया. इस समारोह में हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदायों के जोड़े शामिल हुए और सभी की शादी परंपरागत तरीके से कराई गई. खास बात यह रही कि कार्यक्रम में 9 मुस्लिम बेटियों का निकाह भी मौलवी द्वारा पूरे रीति-रिवाज से सम्पन्न हुआ.
दरअसल, इस योजना ने गरीब परिवारों के चेहरों पर बड़ी राहत दी है. जिन परिवारों के लिए शादी का खर्च चिंता का कारण था, उनके लिए यह कार्यक्रम किसी वरदान से कम नहीं रहा. दूल्हा-दुल्हन ने बताया कि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि उनकी शादी इतने सम्मान और धूमधाम से होगी. समारोह में अफसरों से लेकर नेताओं तक की मौजूदगी ने खुशी दोगुनी कर दी. अधिकारियों ने कार्यक्रम के बाद सभी नवविवाहित जोड़ों को शुभकामनाएं भी दीं.
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सरकार की मंशा: बेटियों की शादी बिना कर्ज के
योगी सरकार का मकसद है कि गरीब परिवारों की बेटियों की शादी बिना किसी भारी खर्च के अच्छे से हो सके और फिजूलखर्ची पर रोक लगे. इस योजना के तहत वही परिवार रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं जिनकी वार्षिक आय 2 लाख रुपये से कम है. दुल्हन की उम्र 18 वर्ष और दूल्हे की उम्र 21 वर्ष होना जरूरी है. प्रति शादी सरकार 1 लाख रुपये खर्च करती है, जिसमें 60 हजार रुपये सीधे दुल्हन के खाते में जाते हैं और शेष राशि शादी के अन्य खर्चों पर लगती है.
जोड़े बोले- 'इतना सम्मान कभी सोचा नहीं था'
आज के समारोह में 751 जोड़ों ने विवाह किया. कई नवविवाहित जोड़ों ने कहा कि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि उनकी शादी इतनी धूमधाम से होगी और इतने अधिकारी व जनप्रतिनिधि शामिल होंगे. मुस्लिम जोड़ों ने भी कहा कि घर में भी इतना बड़ा आयोजन संभव नहीं था, लेकिन सरकार ने उनका निकाह बेहद सम्मान और व्यवस्थित तरीके से कराया.
विधायक और डीएम ने योजना की सराहना की
विधायक प्रकाश द्विवेदी ने कहा कि अब गरीब परिवारों को अपनी बेटियों की शादी की चिंता नहीं करनी पड़ेगी, क्योंकि सरकार जन्म से लेकर शादी तक का खर्च उठा रही है. उन्होंने लोगों से अपील की कि इस योजना का लाभ लेने में कोई झिझक न करें.
डीएम जे. रिभा ने बताया कि सरकार के निर्देश पर जिले में कई स्थानों पर सामूहिक विवाह आयोजित किए गए, जिनमें कुल 751 जोड़ों का विवाह कराया गया और सभी को शुभकामनाएं दी गईं.
सिद्धार्थ गुप्ता