UP: बलिया में भीषण गर्मी और लू का कहर... 72 घंटे में 54 लोगों की मौत, सिर्फ 15 जून को 23 की गई जान

यूपी के बलिया में तेज तापमान और लू का कहर जिंदगी के लिए खतरा बना हुआ है. बीते तीन दिनों में 54 लोगों ने दम तोड़ दिया. तबीयत खराब होने के बाद इन लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया था. इतनी ज्यादा मौतों के बाद प्रशासन अलर्ट मोड में आ गया है. मौतों की वजह क्या रही, इसके लिए एक जांच टीम लखनऊ से बलिया पहुंच रही है, जो पूरे मामले की जांच-पड़ताल करेगी.

Advertisement
भीषण गर्मी बन रही खतरा. (Photo: PTI) भीषण गर्मी बन रही खतरा. (Photo: PTI)

अनिल अकेला

  • बलिया,
  • 18 जून 2023,
  • अपडेटेड 8:23 AM IST

उत्तर प्रदेश के तमाम जिलों में इन दिनों चिलचिलाती धूप और भीषण गर्मी से लोग बेहाल हैं. कई इलाकों में तापमान लोगों की हालत खराब कर रहा है. गर्मी इस कदर बढ़ रही है कि लोगों का घर से निकलना मुश्किल हो रहा है. कई जगह हीटवेव भी परेशान कर रही है. कई बार तेज तापमान लोगों की जिंदगी छीनने तक का कारण बन जाता है.

Advertisement

अति गर्मी के बीच तमाम लोग बीमार पड़ जाते हैं, इसमें सबसे ज्यादा चिंता बुजुर्ग और बच्चों की होती है, जो बहुत ज्यादा गर्मी नहीं झेल पाते तो जिंदगी के लिए मुश्किल पैदा होती है.

पूरे प्रदेश के साथ बलिया में पड़ रही भीषण गर्मी से मरीजों की संख्या और मरने वालों की संख्या में अचानक वृद्धि हो गई है. बीत 15, 16 और 17 जून यानी तीन दिन में फीवर, सांस फूलने आदि विभिन्न बीमारियों से करीब चार सौ मरीज जिला अस्पताल में भर्ती हुए.

इसमें 15 जून को 23, 16 जून को 20 और 17 जून को 4 बजे शाम तक 11 यानी कुल 54 मरीजों की मौत हो गई. ये आंकड़ा सिर्फ जिला अस्पताल का है. ऐसे में पूरे जिले का हाल क्या होगा, आंकड़े से अनुमान लगाया जा सकता है. 

Advertisement

अपर स्वास्थ्य निदेशक बोले- मौतों की जांच के लिए लखनऊ से पहुंच रही टीम

आजमगढ़ मंडल के अपर स्वास्थ्य निदेशक डॉ. बीपी तिवारी का कहना है कि मरने वालों कि संख्या बढ़ गई है, इसकी वजह क्या है, इसकी जांच के लिए लखनऊ से टीम आ रही है. टीम मौत की वजहों का पता करेगी. हो सकता है ऐसी कोई बीमारी हो जो पकड़ में नहीं आ रही हो.

उन्होंने कहा कि गर्मी और सर्दी जब ज्यादा पड़ती है तो सांस के मरीज, डायबिटीज के मरीज और ब्लड प्रेशर के मरीजों को खतरा बढ़ जाता है. तापमान बढ़ा हो तो हो सकता है उसका असर हो और बीमारियां उभर गई हों. इसके कारण इस तरह डेथ हो रही हों.

तीन दिन में 400 मरीज अस्पताल में हुए भर्ती, नहीं मिल पा रहा स्ट्रेचर

वहीं प्रभारी चिकित्सा अधीक्षक डॉ. एसके यादव का कहना है कि जिला अस्पताल के सभी कर्मचारी अलर्ट मोड में हैं. अब तक बीते तीन दिनों में 54 मरीजों की मौत हो चुकी है, जबकि तीन दिन में करीब चार सौ मरीज जिला अस्पताल में भर्ती हुए हैं.

वहीं जिला अस्पताल में आने वाले मरीजों की संख्या इस कदर है कि मरीजों को स्ट्रेचर तक उपलब्ध नहीं हो पा रहा है. लोग अपने मरीजों को कंधे पर उठाकर इमरजेंसी तक ले जा रहे हैं. इस सवाल पर अपर स्वास्थ्य निदेशक का कहना है कि एक साथ दस मरीज आ जाएंगे तो थोड़ा टाइम लगेगा. लेकिन स्ट्रेचर हैं.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement