यूपी के आजमगढ़ में एसटीएफ और पुलिस ने बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है. यहां 1 लाख का इनामी बदमाश शंकर कनौजिया एनकाउंटर में मारा गया. शंकर लंबे समय से पूर्वांचल के कुख्यात अपराधियों में गिना जाता था. उस पर लूट, अपहरण और हत्या जैसे संगीन मामलों में कई केस दर्ज थे. साल 2011 में दोहरीघाट क्षेत्र में हुई हत्या और जुलाई 2024 में महाराजगंज के एक व्यक्ति के अपहरण व हत्या की वारदात के बाद से फरार था. पुलिस का कहना है कि शंकर लगातार फरार रहते हुए अपने गैंग के साथ आपराधिक वारदातों को अंजाम देता रहा.
दरअसल, वाराणसी एसटीएफ को सूचना मिली थी कि शंकर कनौजिया अपने गैंग के साथ आजमगढ़ के जहानागंज थाना क्षेत्र में किसी बड़ी वारदात की साजिश रच रहा है. इस आधार पर पुलिस टीम ने इलाके में घेराबंदी की. गिरफ्तारी की कोशिश के दौरान शंकर कनौजिया ने पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी. इस दौरान जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने भी गोली चलाई. फायरिंग के दौरान गोली लगने से शंकर कनौजिया गंभीर रूप से घायल हो गया. इसके बाद उसे नजदीकी अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.
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घटनास्थल से एक 9mm कार्बाइन, 9mm पिस्टल, एक खुखरी और बड़ी मात्रा में जिंदा कारतूस व खोखा बरामद किए गए. शंकर कनौजिया का आपराधिक इतिहास लंबा रहा है. वर्ष 2011 में दोहरीघाट क्षेत्र में लूट के दौरान उसने विंध्याचल पांडे नाम के व्यक्ति की गला रेतकर हत्या कर दी थी, तभी से वह फरार चल रहा था.
इसके अलावा जुलाई 2024 में उसने महाराजगंज के रहने वाले शैलेंद्र सिंह का अपहरण कर लोडर गाड़ी लूट ली थी. इस वारदात के दौरान शैलेंद्र सिंह की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी और उसका धड़ अलग कर सिर गायब कर दिया गया था. इस मामले में शंकर कनौजिया पर एक लाख रुपये का इनाम घोषित किया गया था. पुलिस के मुताबिक, शंकर लंबे समय से पूर्वांचल क्षेत्र में सक्रिय था और अपने गिरोह के साथ लगातार लूट, अपहरण और हत्या जैसी वारदातों को अंजाम दे रहा था. उसकी तलाश में कई जिलों की पुलिस लगी हुई थी.
संतोष शर्मा