उत्तर प्रदेश के अयोध्या में लगभग 3 सालों से चल रहे निर्माण के बाद अब श्री राम जन्मभूमि मंदिर की आकर्षक झलक मिलने लगी है. तीन साल पहले 5 अगस्त 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भूमि पूजन कर मंदिर की नींव रखी थी. अब मंदिर के भूतल का कार्य लगभग पूरा होने को है.
31 दिसंबर 2023 तक खिड़की दरवाजों और फर्श समेत मंदिर की फर्निशिंग का कार्य पूरा हो जाएगा. मकर संक्रांति यानी 15 जनवरी के बाद कभी भी रामलला के बाल स्वरूप की मूर्ति की गर्भ ग्रह में प्राण प्रतिष्ठा हो जाएगी. इसी के बाद भक्त राम लला का उनके भव्य मंदिर में दर्शन कर सकेंगे. पिछले 3 सालों में निर्मित हुआ रामलला का मंदिर कितना भव्य और विशाल है, कितनी खूबसूरती से बनाया गया है, इसे वीडियो में देखा जा सकता है.
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श्री राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण की विकास गाथा
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद जब श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का गठन किया गया तो उसके बाद मंदिर के निर्माण के लिए जाने-माने इंजीनियर और विशेषज्ञों की टीम का गठन किया गया था. इस टीम में IIT रुड़की, IIT दिल्ली, IIT गुवाहाटी, LNT और टाटा कंसल्टेंसी के निर्माण विशेषज्ञ शामिल हुए.
इसी के बाद यह तय हुआ कि पुरानी सभ्यताओं की निर्माण शैली और आधुनिक शैली के मिश्रण से श्रीराम जन्मभूमि मंदिर का निर्माण किया जाएगा. जिस स्थान पर श्रीराम जन्म भूमि मंदिर का निर्माण किया जा रहा है, उसके नीचे बलुई मिट्टी मिलने के कारण गहराई से जमीन की खुदाई की गई और लगभग 170 क्यूबिक फीट मिट्टी को वहां से हटाया गया.
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मिट्टी हटाने के बाद खाली स्थान पर लगभग 125 लाख क्यूबिक विशेष मैटेरियल की 8 इंच मोटी एक के ऊपर एक 44 लेयर्स डाली गई हैं. लगभग तीन दशक से श्रीराम मंदिर निर्माण कार्यशाला में तराशे जा रहे लगभग 60 हजार क्यूबिक फीट पत्थरों की नंबरिंग कर उनसे निर्माण शुरू हुआ. मौजूदा समय में भी पत्थरों को तराशने का क्रम जारी है, क्योंकि मंदिर का स्ट्रक्चर 2 मंजिल से बढ़कर 3 मंजिल का हो गया है.
धार्मिक थीम के आधार पर होंगे मंदिर के खंभे, छत और दीवारें
श्री राम जन्म भूमि मंदिर के खंभे, दीवारें और छत धार्मिक थीम के आधार पर तैयार किए जा रहे हैं. इसके लिए दिल्ली के इंदिरा गांधी आर्ट सेंटर के आर्टिस्ट के अलावा कई धार्मिक विद्वानों और संतों की मदद ली गई है. इसी टीम के अनुसार, मंदिर के खंभों पर ऊपर से नीचे तक देवी देवताओं की आकृति उकेरी जा रही है.
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2025 तक पूरे हो जाएंगे सभी निर्माण कार्य
एक तरफ गर्भगृह में प्राण प्रतिष्ठित होने वाले रामलला के बाल स्वरूप की मूर्ति तैयार हो रही है, दूसरी तरफ महाराष्ट्र से आई सागौन की लकड़ी से मंदिर के दरवाजे और खिड़कियां बनाने का काम शुरू कर दिया गया है. मंदिर के भूतल का यह कार्य 31 दिसंबर 2023 तक पूरा हो जाएगा. जनवरी 2024 में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के साथ मंदिर का निर्माण कार्य जारी रहेगा. साल 2025 तक श्रीराम जन्मभूमि परिसर में मंदिर के साथ सभी निर्माण कार्य पूरे हो जाएंगे.
बनबीर सिंह