सुकून से चाहिए बांके बिहारी के दर्शन? तो नए साल पर वृंदावन जाने की गलती न करें

मंदिर समिति ने पहले ही अलर्ट जारी कर दिया है ताकि दूर-दराज से आने वाले लोगों को वहां पहुंचकर घंटों लाइन में खड़े होने या परेशान होने की नौबत न आए. मंदिर प्रशासन ने बाहरी लोगों से अपील की है कि वे भीड़ का अंदाजा लगाकर ही घर से निकलें. 

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नए साल पर वृंदावन जाने से बचें (Photo: Pixabay) नए साल पर वृंदावन जाने से बचें (Photo: Pixabay)

aajtak.in

  • नई दिल्ली ,
  • 30 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 5:13 PM IST

अगर आप नए साल की छुट्टियों में परिवार के साथ वृंदावन जाने और बांके बिहारी जी के दर्शन करने की सोच रहे हैं, तो अपनी प्लानिंग पर एक बार फिर विचार कर लें. इस बार नए साल पर वृंदावन जाना आपके लिए काफी परेशानी भरा हो सकता है. बांके बिहारी मंदिर प्रशासन और मैनेजमेंट कमेटी ने साफ तौर पर कहा है कि 29 दिसंबर 2025 से लेकर 5 जनवरी 2026 तक मंदिर में बहुत ज्यादा भीड़ रहने वाली है. ऐसे में प्रशासन ने श्रद्धालुओं से गुजारिश की है कि वे इस दौरान अपनी यात्रा टाल दें, क्योंकि भारी भीड़ की वजह से दर्शन करना बहुत मुश्किल हो जाएगा और सुरक्षा को लेकर भी दिक्कतें आ सकती हैं.

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दरअसल, नए साल के मौके पर देशभर से लाखों लोग एक साथ मथुरा और वृंदावन पहुंचते हैं, जिससे वहां की व्यवस्था संभालना बहुत मुश्किल हो जाता है. इस साल तो स्थिति यह है कि नए साल से पहले ही भक्तों का पहुंचना शुरू हो गया है और गलियों में अभी से काफी भीड़ दिख रही है. 

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बदली हुई व्यवस्था और यात्रियों के लिए जरूरी निर्देश

भारी भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने इस बार मंदिर में आने और बाहर जाने के रास्तों में बदलाव किया है. मंदिर में घुसने के लिए अलग रास्ता होगा और बाहर निकलने के लिए अलग, ताकि लोग आपस में न टकराएं और कोई हादसा न हो. भीड़ इतनी ज्यादा होने की उम्मीद है कि प्रशासन को कई जगह बैरिकेड्स लगाने पड़ सकते हैं, जिसकी वजह से भक्तों को काफी पैदल चलना पड़ेगा. अगर आप इस दौरान वहां जाते हैं, तो आपको कड़ाके की ठंड और घंटों की लंबी कतारों का सामना करना पड़ सकता है, जो बुजुर्गों और बच्चों के लिए काफी थका देने वाला होगा.

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मंदिर समिति ने एक और जरूरी सलाह दी है कि अगर आप किसी वजह से इन दिनों वृंदावन आ ही रहे हैं, तो अपने साथ कोई भी बड़ा बैग या कीमती सामान जैसे सोने-चांदी के गहने लेकर न आएं. इतनी भीड़ में सामान की देखभाल करना बहुत मुश्किल हो जाता है और चोरी होने का डर भी रहता है. साथ ही, मंदिर के अंदर भारी सामान ले जाने की अनुमति नहीं होगी, जिससे आपकी परेशानी और बढ़ सकती है. इसलिए बेहतर यही होगा कि आप कम से कम सामान लेकर ही मंदिर की ओर बढ़ें और सुरक्षाकर्मियों की बातों का पालन करें.

आज की बात करें तो, मथुरा-वृंदावन में इस समय श्रद्धालुओं का ऐसा रेला उमड़ा है कि चप्पे-चप्पे पर बस 'राधे-राधे' की गूंज सुनाई दे रही है. अपने आराध्य के दर्शन की चाह में श्री कृष्ण जन्मस्थान पर आज हजारों भक्तों ने शीश नवाया और नए साल की सुख-समृद्धि के लिए प्रार्थना की. दर्शन करके बाहर निकले श्रद्धालुओं का साफ कहना है कि भीड़ की वजह से थोड़ी-बहुत दिक्कतें तो जरूर हो रही हैं, लेकिन कान्हा के सामने पहुंचते ही जो सुकून मिला, उसने सारी थकान मिटा दी और मन आनंद से भर गया. आलम यह है कि 25 दिसंबर से ही लाखों श्रद्धालु बांके बिहारी मंदिर, बरसाना, गोवर्धन और प्रेम मंदिर में डेरा डाले हुए हैं और हर कोई अपने साल की शुरुआत ठाकुर जी के चरणों में शीश नवाकर करना चाहता है.

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हैरानी की बात यह है कि जो जिला प्रशासन कुछ दिन पहले तक श्रद्धालुओं से भारी भीड़ को देखते हुए न आने की अपील कर रहा था, आज वही प्रशासन पूरी तरह बैकफुट पर नजर आया. अब अधिकारी अपनी ही पुरानी अपील का खंडन करते हुए भक्तों को केवल गाइडलाइन मानने और जल्दबाजी न करने की नसीहत दे रहे हैं. श्रद्धालुओं की मानें तो भीड़ पर उनकी आस्था भारी पड़ रही है, लोगों का कहना है कि ब्रज जैसा अनोखा सुकून दुनिया में कहीं और नहीं है. दर्शन के लिए पहुंचे एक कपल ने बताया कि घंटों की वेटिंग और भारी भीड़ के बाद भी उनके जोश में कोई कमी नहीं आई, क्योंकि कान्हा के दरबार में मिलने वाला सुख हर परेशानी से बड़ा है.

कुल मिलाकर बात यह है कि अगर आप सुकून और शांति से दर्शन करना चाहते हैं, तो नए साल की इन छुट्टियों के बीत जाने का इंतजार करें. जब भीड़ थोड़ी कम हो जाएगी, तब आप आराम से मंदिर जा पाएंगे और आपको रहने या आने-जाने में भी कोई दिक्कत नहीं होगी. अपनी श्रद्धा और भक्ति का सही आनंद लेने के लिए कुछ दिन रुकना ही समझदारी भरा फैसला है.

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