कानपुर के डीएम ने ऑटो ड्राइवर को बनाया गणतंत्र दिवस पर विशेष अतिथि... जनसुनवाई में शिकायत सुनी तो लिया फैसला

कानपुर में अनोखा मामला सामने आया है. यहां पुलिस ने एक ऑटो चालक को मारा और अपशब्द कहे. इस बात से आहत होकर ऑटो चालक शिकायत लेकर डीएम के पास पहुंचा. उसकी शिकायत और आंखों से छलके आंसुओं ने प्रशासन को झकझोर दिया. डीएम ने न केवल पीड़ित की बात सुनी, बल्कि गणतंत्र दिवस समारोह में विशेष अतिथि के रूप में आमंत्रित भी किया.

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ऑटो चालक ने डीएम से की शिकायत. (Photo: Aajtak) ऑटो चालक ने डीएम से की शिकायत. (Photo: Aajtak)

सिमर चावला

  • कानपुर,
  • 25 जनवरी 2025,
  • अपडेटेड 8:35 AM IST

यूपी के कानपुर (Kanpur) में पुलिस के अपमान से आहत एक ऑटो चालक ने डीएम के सामने अपना दर्द बयां किया. जिलाधिकारी ने उसकी भावनाओं को समझते हुए उसकी बात सुनी और उसे गणतंत्र दिवस समारोह में विशेष अतिथि बनाया. दरअसल, ऑटो चालक ने शुक्रवार को जनसुनवाई में रोते हुए कहा था कि साहब, पुलिस ने मारा और मेरा अपमान किया है.

जानकारी के अनुसार, हनुमंत विहार के रहने वाले ऑटो चालक राकेश ने कहा कि नौबस्ता इलाके में जाम के दौरान हॉर्न बजाने पर एक पुलिसकर्मी ने न केवल उसे डंडे से मारा, बल्कि उसके ऑटो को भी नुकसान पहुंचाया. पुलिसकर्मी ने अपशब्द कहकर अपमानित किया. थाने में शिकायत दर्ज कराने के बावजूद कोई संतोषजनक कार्रवाई नहीं हुई. राकेश ने अपनी बात डीएम तक पहुंचाने का फैसला किया और शिकायत करने जनसुनवाई में पहुंच गया.

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कानपुर के डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह ने हाल ही में जिले का कार्यभार संभाला है. उन्होंने फरियादी की व्यथा सुनते ही न केवल उसे सांत्वना दी, बल्कि उसे गणतंत्र दिवस समारोह में विशेष अतिथि के रूप में आमंत्रित किया. उन्होंने कहा कि ऑटो चालक राकेश की शिकायत को पूरी गंभीरता से लिया गया है. यह सिर्फ एक व्यक्ति का मामला नहीं, बल्कि एक संदेश है कि प्रशासन हमेशा नागरिकों के आत्मसम्मान के साथ खड़ा है.

यह भी पढ़ें: Bihar: ऑटो चालक को पुलिस ने मारा थप्पड़, गुस्साए युवक ने जीप पर चढ़कर काटा बवाल

राकेश को 26 जनवरी की सुबह झंडारोहण समारोह में बुलाया गया, जहां उन्हें विशेष अतिथि के रूप में सम्मानित किया जाएगा. डीएम ने यह भी कहा कि मामले की जांच एडिशनल डीसीपी ट्रैफिक कर रहे हैं और दोषी पुलिसकर्मी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. राकेश की यह कहानी एक आम नागरिक के आत्मसम्मान की लड़ाई है. डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह ने न केवल संवेदनशीलता दिखाई, बल्कि यह भी कहा कि सरकारी तंत्र जनता के साथ है.

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राकेश ने कहा कि मैंने कभी नहीं सोचा था कि मेरी शिकायत पर इतना बड़ा कदम उठाया जाएगा. डीएम साहब ने जो सम्मान दिया है, उससे मेरा आत्मविश्वास लौट आया है. इस मामले ने साबित कर दिया कि जब प्रशासन संवेदनशील हो तो नागरिकों का भरोसा और मजबूत हो जाता है.

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