समाजवादी पार्टी (सपा) ने मेरठ लोकसभा सीट से अपना उम्मीदवार एक बार फिर से बदल दिया है. सपा ने सरधना से विधायक अतुल प्रधान का टिकट काटकर सुनीता वर्मा को दे दिया है. सुनीता वर्मा पूर्व विधायक और सपा के सीनियर नेता योगेश वर्मा की पत्नी हैं. सपा की ओर से मेरठ से सबसे पहले सुप्रीम कोर्ट के वकील भानु प्रताप को उमीदवार बनाया गया था.
टिकट कटने के बाद अतुल प्रधान मायूस नजर आए. उन्होंने लखनऊ में अखिलेश यादव से मुलाकात के बाद 'आज तक' से बातचीत में कहा कि अखिलेश जी ने सोच समझ कर ही यह निर्णय लिया होगा. उन्होंने जरूर कुछ सोचा होगा. अब जो निर्णय लिया है उसे स्वीकार करता हूं. मैं पार्टी का सच्चा सिपाही हूं.
गौरतलब है कि बीते बुधवार को सरधना विधायक अतुल प्रधान ने मेरठ से नॉमिनेशन फाइल कर दिया था. मगर अब यहां से अतुल प्रधान का टिकट कट गया है. अतुल की जगह सुनीता वर्मा को सपा ने चुनाव मैदान में उतारा है. ऐसे में टिकट कटने के बाद अतुल प्रधान ने कहा- सुबह अखिलेश यादव ने मुझे बुलाया था और मेरठ से जिन्हें टिकट दिया गया है, उन्हें भी बुलाया गया था. हम दोनों की राष्ट्रीय अध्यक्ष से बातचीत हुई. फैसला हुआ कि वहां पर मैं चुनाव नहीं लडूंगा. पार्टी ने फैसला कर लिया है तो वही (सुनीता वर्मा) चुनाव लड़ेंगी.
अतुल प्रधान ने आगे कहा कि मुझसे जुड़े हुए लोग वहां (मेरठ) रहते हैं. प्रयास यही रहता है कि चुनाव लड़ा जाए और सामने वाले प्रतिद्वंदियों को हराया जाए. लेकिन जब अखिलेश जी ने फैसला कर लिया है तो वही स्वीकार है.
क्या मेरठ में विरोध करेंगे?
वहीं, पार्टी छोड़ने की चर्चा पर अतुल प्रधान ने कहा कि साक्षात मैं आपके सामने खड़ा हूं. थोड़ी देर बाद अभी फिर उनसे मिलूंगा. जब इस तरह का फैसला रहता है तो कठिन होता है और पार्टी तय करती है कि क्या करना है. लेकिन मैं कहीं नहीं जा रहा.
टिकट कटने के बाद आप कोई विरोध करेंगे? इस सवाल के जवाब में प्रधान ने कहा- पार्टी ने निर्णय कर लिया है तो क्या ही विरोध करना. संघर्ष का मौका हमारे पास है. बीजेपी के लोग जो कहना चाहे वे कह सकते हैं. पहले वो अपने काम बताएं.
समर्थ श्रीवास्तव