कानपुर देहात में दिशा कमेटी की बैठक के दौरान बीजेपी सांसद देवेंद्र सिंह और पूर्व सांसद अनिल शुक्ला में हुई तीखी नोकझोंक के बाद मामला गरमा गया है. अनिल शुक्ला वारसी ने औरैया पहुंचकर देवेंद्र सिंह (भोले) पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने आरोप लगाया कि सांसद के लोग फैक्ट्री मालिकों को परेशान करते हैं और दिशा के काम ठीक से नहीं हो रहे हैं, जिसका विरोध करने पर उनके साथ गाली-गलौज और अभद्रता की गई.
'सांसद के लोग फैक्ट्री वालों को करते हैं परेशान'
पूर्व सांसद अनिल शुक्ला ने मौजूदा सांसद देवेंद्र सिंह पर निशाना साधते हुए कहा कि दिशा से जुड़े कोई काम नहीं हो रहे हैं, जिसका उन्होंने विरोध किया. उन्होंने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि सांसद के लोग फैक्ट्री वालों को परेशान करते हैं, जबकि ये लोग कोविड से लेकर हर संकट में सरकार की मदद करते हैं.
शुक्ला ने यह भी कहा कि सरकार और संगठन को देखना चाहिए कि सांसद जी नियम-कानून के अंदर काम करें. उन्होंने आरोप लगाया कि जब उन्होंने विरोध किया तो सांसद के लोगों ने उनके साथ अभद्रता और गाली-गलौज की.
पुलिस आई, तब बचे मेरे प्राण
अनिल शुक्ला ने बताया कि जब उन्होंने विरोध किया तो सांसद के लोग पहले से तैयार बैठे थे और उन्होंने उनके साथ अभद्रता की. उन्होंने कहा, "वहां पर पुलिस आ गई किसी तरह मेरे प्राण बचे."
हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि दोनों परिवार एक हैं और यह समस्या साथ बैठकर समझाई जा सकती है. शुक्ला ने विपक्ष के सवालों पर कहा कि अखिलेश यादव को अपने संगठन पर ध्यान देना चाहिए और दूसरे के घर में झांकने की जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा, यह हम लोगों की आपासी समस्या है और राजनीति में यह सब होता रहता है.
2019 में नहीं की थी मदद
अनिल शुक्ला ने 2019 के चुनाव का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने सांसद देवेंद्र सिंह की मदद करने से साफ इनकार कर दिया था, जिसके बाद सांसद ने उनकी शिकायत की थी. उन्होंने बताया कि तब बीजेपी के नेता लक्ष्मीकांत वाजपेयी को उनके घर भेजा गया था, लेकिन उन्होंने भोले सिंह के लिए अपील करने से मना कर दिया. हालांकि, इस बार के चुनाव में जब देवेंद्र सिंह उनके पास मदद मांगने आए तो उन्होंने उनकी मदद की और उनकी हर मीटिंग में गए. चुनाव जीतने के बाद सांसद उनसे मिलने भी आए थे.
सूर्य प्रकाश शर्मा