इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 90 वकीलों को दिया वरिष्ठ एडवोकेट का दर्जा, पांच महिला वकील भी शामिल

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 90 अधिवक्ताओं को वरिष्ठ अधिवक्ता का दर्जा दिया है, जिनमें पांच महिला वकील भी शामिल हैं. इस प्रक्रिया के बाद कुल सीनियर एडवोकेट की संख्या 230 हो गई है. प्रयागराज प्रधान पीठ में अब 173 और लखनऊ बेंच में 57 वरिष्ठ अधिवक्ता हैं. चयन प्रक्रिया साक्षात्कार और फुल कोर्ट मीटिंग के जरिए पूरी की गई. अधिसूचना रजिस्ट्रार जनरल ने जारी की.

Advertisement
90 वकील बने सीनियर एडवोकेट.(Photo: AI-generated) 90 वकील बने सीनियर एडवोकेट.(Photo: AI-generated)

पंकज श्रीवास्तव

  • प्रयागराज,
  • 09 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 10:21 PM IST

इलाहाबाद हाईकोर्ट की प्रधान पीठ प्रयागराज और लखनऊ बेंच में 90 वकीलों को वरिष्ठ एडवोकेट नामित किया गया है. इनमें पांच महिला अधिवक्ता भी शामिल हैं. इस नियुक्ति के बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट में अब कुल 230 वरिष्ठ अधिवक्ता हो गए हैं. प्रयागराज स्थित प्रधान पीठ में पहले 108 और लखनऊ बेंच में 32 सीनियर एडवोकेट थे, लेकिन अब यह संख्या क्रमशः 173 और 57 हो गई है.

Advertisement

चयन प्रक्रिया और अधिसूचना

वरिष्ठ अधिवक्ताओं के चयन के लिए पहले आवेदन मांगे गए थे. इसके बाद हाईकोर्ट द्वारा गठित एक कमेटी ने आवेदकों का साक्षात्कार लिया. गुरुवार को चयनित अधिवक्ताओं की आधिकारिक सूची जारी कर दी गई. अधिसूचना इलाहाबाद हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल मंजीत सिंह श्योराण की ओर से जारी की गई है. चयन प्रक्रिया हाईकोर्ट के जजों द्वारा की जाती है और इसमें पारदर्शिता व अनुभव को प्रमुखता दी गई.

यह भी पढ़ें: प्रयागराज में देवउठनी एकादशी का दिव्य नजारा... हजारों दीयों से जगमगाया बलुआ घाट, महिला क्रिकेट टीम की जीत की कामना में महाआरती

शामिल वकीलों के नाम

सीनियर एडवोकेट के तौर पर चयनित वकीलों में बालानाथ मिश्रा, अजय कुमार सिंह, अखिलेश कुमार श्रीवास्तव, अनुराग पाठक, अपुल मिश्रा, आशीष कुमार सिंह, बरसत अली खान, बृजभूषण पाल, देशरत्न चौधरी, गौरव कक्कड़, इमरान महबूब खान, कृष्ण मोहन मिश्रा, निखिल अग्रवाल और अन्य कई नाम शामिल हैं. महिला वकीलों में अनीता त्रिपाठी, अर्चना सिंह, आरती राज, बुशरा मरियम और एक अन्य महिला अधिवक्ता को यह सम्मान मिला है.

Advertisement

वरिष्ठ अधिवक्ता पद का महत्व

वरिष्ठ अधिवक्ता बालानाथ मिश्रा ने बताया, सीनियर एडवोकेट का दर्जा एक विशिष्ट सम्मान होता है. इसके लिए कम से कम 10 साल का वकालती अनुभव, कानून के किसी क्षेत्र में विशेषज्ञता और विधि विकास में योगदान आवश्यक है. जिन अधिवक्ताओं ने विधिक लेख, रिपोर्टेड जजमेंट या कानूनी ज्ञान के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किया, उन्हें फुल कोर्ट मीटिंग में सर्वसम्मति से यह दर्जा दिया गया.

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement