प्रयागराज में देवउठनी एकादशी का दिव्य नजारा... हजारों दीयों से जगमगाया बलुआ घाट, महिला क्रिकेट टीम की जीत की कामना में महाआरती

प्रयागराज में देवउठनी एकादशी पर बलुआ घाट हजारों दीयों से जगमगा उठा. श्रद्धालुओं ने यमुना तट पर दीपदान कर मां कालिंदी की महाआरती में हिस्सा लिया. इस दौरान महिलाओं ने भारतीय महिला क्रिकेट टीम की फाइनल मैच में जीत की कामना की. देवउठनी एकादशी पर भगवान विष्णु के जागरण और शुभ कार्यों की शुरुआत का विशेष महत्व माना जाता है.

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हजारों दीयों से सजा बलुआ घाट.(Photo: Pankaj Srivastava/ITG) हजारों दीयों से सजा बलुआ घाट.(Photo: Pankaj Srivastava/ITG)

पंकज श्रीवास्तव

  • प्रयागराज,
  • 01 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 10:50 PM IST

संगम नगरी प्रयागराज में देवउठनी एकादशी का पर्व शनिवार को श्रद्धा और आस्था के साथ मनाया गया. इस खास मौके पर बलुआ घाट पर हजारों दीयों से पूरा तट जगमगा उठा. यमुना किनारे दीपदान करने वालों की भीड़ उमड़ी और भक्तों ने मां यमुना से देश में सुख-समृद्धि और खुशहाली की प्रार्थना की.

हजारों दीयों से सजा बलुआ घाट

कार्तिक मास की देवउठनी एकादशी पर प्रयागराज का बलुआ घाट स्वर्ग जैसा दृश्य पेश कर रहा था. घाट की सीढ़ियों पर सजे दीये ऐसे लग रहे थे मानो आसमान के तारे धरती पर उतर आए हों. हर ओर दीपों की झिलमिलाहट और भक्तों के चेहरों पर भक्ति का भाव दिखाई दे रहा था. कई लोगों ने इस अद्भुत नजारे को अपने मोबाइल कैमरे में कैद किया.

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महाआरती में महिला क्रिकेट टीम की जीत की कामना

इस मौके पर वैदिक ब्राह्मणों ने मां कालिंदी की भव्य महाआरती की. खास बात यह रही कि आरती के दौरान महिलाओं ने भारतीय महिला क्रिकेट टीम की फाइनल मैच में जीत की कामना की. महिलाओं ने अपने हाथों में टीम इंडिया की महिला खिलाड़ियों के पोस्टर थामे और नारे लगाते हुए मां यमुना से विश्व कप जीत की प्रार्थना की. भारतीय टीम ने हाल ही में ऑस्ट्रेलिया को हराकर फाइनल में जगह बनाई है.

धार्मिक महत्व और परंपरा का संगम

देवउठनी एकादशी का सनातन धर्म में विशेष महत्व है. मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु निद्रा से जागते हैं और चातुर्मास का समापन होता है. इसी दिन से शुभ और मांगलिक कार्यों की शुरुआत होती है. पौराणिक कथाओं के अनुसार, इसी दिन तुलसी और शालिग्राम का विवाह भी हुआ था. इसलिए इस दिन यमुना तट पर दीपदान को अत्यंत शुभ और पवित्र माना जाता है.

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