लखनऊ के चिनहट में मोहित पांडेय की मौत के मामले में सपा मुखिया अखिलेश यादव ने तीखा हमला बोला. उन्होंने यूपी सरकार से सवाल पूछा कि क्या जिसकी हिरासत में मोहित की मौत हुई है उस पर बुलडोज़र चलेगा? अखिलेश ने कहा कि काश, जान लेने वाले मुआवजे में जीवन भी दे सकते.
दरअसल, चिनहट पुलिस की कस्टडी में कारोबारी मोहित पांडेय (30 साल) की मौत का मामला गरमाया हुआ है. आज मोहित के परिवार ने सीएम योगी आदित्यनाथ से उनके सरकारी आवास पर मुलाकात की. इस दौरान सीएम योगी ने परिवार से घटना के बारे में जानकारी ली और ढांढस बंधाया. सीएम ने इस मामले में दोषी पुलिसवालों पर कार्रवाई किए जाने भरोसा भी दिया. साथ ही परिवार को 10 लाख रूपये की आर्थिक मदद दी.
'दिवाली पर किसी के घर का चिराग बुझाया'
इस बीच मोहित पांडेय की मौत के मामले में अखिलेश यादव ने 'एक्स' पर लिखा- "काश जान लेने वाले मुआवजे में जीवन भी दे सकते. दिवाली पर जिन्होंने किसी के घर का चिराग बुझाया है उम्मीद है वो झूठ के दीये नहीं जलाएंगे, झूठी रोशनी से अपने शासनकाल का घोर काला अंधकार मिटाने की कोशिश नहीं करेंगे. जनता पूछ रही है, जिसकी हिरासत में मौत हुई है उस पर बुलडोज़र चलेगा? निंदनीय!"
इससे पहले सपा मुखिया ने कहा था कि- उत्तर प्रदेश की राजधानी में पिछले 16 दिनों में पुलिस ‘हिरासत में मौत (हत्या पढ़ा जाए)’ का दूसरा समाचार मिला है. नाम बदलने में माहिर सरकार को अब ‘पुलिस हिरासत’ का नाम बदलकर ‘अत्याचार गृह’ रख देना चाहिए. पीड़ित परिवार की हर मांग पूरी की जाए, हम उनके साथ हैं.
मालूम हो कि मामला लखनऊ के चिनहट थाने का है. कथित तौर पर यहां मोहित पांडेय नाम के युवक की पुलिस कस्टडी में मौत हो गई थी. मामले में हत्या और आपराधिक साजिश के आरोप में चिनहट थाना प्रभारी और अन्य के खिलाफ FIR दर्ज की गई है. परिजन का आरोप है कि पुलिस ने मोहित को पीट-पीटकर मार दिया है.
फिलहाल, पुलिस ने अपने आधिकारिक बयान में कहा कि चिनहट पुलिस स्टेशन के SHO/ इंस्पेक्टर अश्विनी चतुर्वेदी को आरोपों के मद्देनजर तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है और उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया है.
विपक्ष ने सरकार को घेरा
वहीं, इस घटना पर विपक्षी दलों ने तगड़ी नाराजगी जताई है. समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि पुलिस कस्टडी शब्द को टॉर्चर हाउस में बदल दिया जाना चाहिए. जबकि, कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने आरोप लगाया कि बीजेपी ने राज्य में ऐसा जंगल राज स्थापित कर दिया है जहां पुलिस क्रूरता का पर्याय बन गई है. उधर, बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती ने इस घटना को निंदनीय बताया और कहा कि सरकार को पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के लिए प्रभावी कदम उठाने चाहिए.
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