एयरस्ट्राइक के बाद आज बजेगा जंग वाला सायरन, यूपी के 19 जिलों में हाई अलर्ट

मोदी सरकार की पूर्व निर्धारित योजना के तहत आज यानी मंगलवार 7 मई को  भारत के 259 स्थानों पर राष्ट्रव्यापी सुरक्षा तैयारियों की एक बड़ी मॉक ड्रिल आयोजित की जा रही है. उत्तर प्रदेश के 19 जिलों में इस अभ्यास को लेकर हाई अलर्ट जारी किया गया है. सबसे संवेदनशील माने जाने वाले A श्रेणी में सिर्फ नरोरा (बुलंदशहर) शामिल है, जहां एटॉमिक पावर स्टेशन होने की वजह से सुरक्षा का स्तर सबसे ऊंचा है. 

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देशभर में 259 जगहों पर बजेगा युद्ध का सायरन देशभर में 259 जगहों पर बजेगा युद्ध का सायरन

aajtak.in

  • लखनऊ,
  • 07 मई 2025,
  • अपडेटेड 8:38 AM IST

पाकिस्तान पर भारतीय सेना द्वारा की गई एयरस्ट्राइक के बाद पूरे देश में अलर्ट का माहौल है. इसी के बीच केंद्र सरकार की पूर्व निर्धारित योजना के तहत आज यानी मंगलवार 7 मई को  भारत के 259 स्थानों पर राष्ट्रव्यापी सुरक्षा तैयारियों की एक बड़ी मॉक ड्रिल आयोजित की जा रही है. यह मॉक ड्रिल न सिर्फ सुरक्षा एजेंसियों की तत्परता जांचने का जरिया बनेगी, बल्कि आम नागरिकों को भी संकट के समय की पहली प्रतिक्रिया देने के लिए तैयार करने का अभ्यास होगा.

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यूपी के 19 जिले तैयार

उत्तर प्रदेश के 19 जिलों में इस अभ्यास को लेकर हाई अलर्ट जारी किया गया है. ये जिले संवेदनशीलता के आधार पर तीन श्रेणियों में बांटे गए हैं. A, B और C. उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार ने जानकारी दी कि मॉक ड्रिल के आयोजन में सिविल प्रशासन, पुलिस बल, अग्निशमन सेवाएं, स्वास्थ्य विभाग और आपदा प्रतिक्रिया बल (DRF) को शामिल किया गया है. उन्होंने कहा कि, हमारी प्राथमिकता है कि किसी भी आपात स्थिति में कैसे समन्वय बनाया जाए. 

संवेदनशील में एक जिला

सबसे संवेदनशील माने जाने वाले A श्रेणी में सिर्फ एक जिला शामिल है. नरोरा (बुलंदशहर), जहां एटॉमिक पावर स्टेशन होने की वजह से सुरक्षा का स्तर सबसे ऊंचा रखा गया है. 

B श्रेणी में शामिल जिले 

- आगरा

- प्रयागराज

- बरेली

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- गाजियाबाद

- गोरखपुर

- झांसी

- कानपुर

- लखनऊ

- मथुरा

- मेरठ

- मुरादाबाद

- सहारनपुर

- वाराणसी

- बख्शी का तालाब

- मुगलसराय

- सरसावा

वहीं C श्रेणी में बागपत और मुजफ्फरनगर जैसे जिले शामिल हैं. इस वर्गीकरण का आधार सुरक्षा जोखिम, सामरिक महत्व, और आपातकालीन स्थितियों की संभावना के अनुसार तय किया गया है.

हवाई हमले का सायरन और ब्लैकआउट का अभ्यास

इस अभ्यास का मुख्य उद्देश्य हवाई हमले की स्थिति में नागरिकों की पहली प्रतिक्रिया को जांचना है. इसके तहत कई स्थानों पर हवाई हमले के सायरन बजेंगे और कुछ इलाकों में ब्लैकआउट भी किया जाएगा ताकि लोगों को यह अनुभव हो सके कि युद्ध या आतंकी हमले जैसी स्थिति में कैसे व्यवहार किया जाना चाहिए.

पहली बार 1971 के बाद इतना बड़ा अभ्यास

यह अभ्यास 1971 के भारत-पाक युद्ध के बाद देश में नागरिक सुरक्षा के लिहाज से सबसे बड़ा मॉक ड्रिल माना जा रहा है. केंद्र सरकार ने 2010 में 244 जिलों को सिविल डिफेंस डिस्ट्रिक्ट्स के रूप में अधिसूचित किया था, जिनमें से कई सीमावर्ती राज्यों जैसे राजस्थान, पंजाब, जम्मू-कश्मीर, पश्चिम बंगाल और पूर्वोत्तर में आते हैं. इन्हीं जिलों में आज एक साथ अभ्यास किया जाएगा.

गृह सचिव की अगुवाई में हुई उच्चस्तरीय बैठक

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इससे पहले सोमवार को केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन ने देशभर की नागरिक सुरक्षा तैयारियों की समीक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण बैठक की अध्यक्षता की. इस बैठक में सभी राज्यों के मुख्य सचिवों और नागरिक सुरक्षा प्रमुखों ने भाग लिया. 

क्या होगा आम जनता के लिए असर

जिन जिलों में यह ड्रिल आयोजित की जा रही है, वहां पूर्व सूचना के बावजूद कुछ समय के लिए ध्वनि सायरन, ट्रैफिक कंट्रोल, पब्लिक स्पेस बंद, या कुछ क्षेत्रों में बिजली बंद जैसी स्थितियों का सामना करना पड़ सकता है. प्रशासन ने आम नागरिकों से सहयोग की अपील की है और अफवाहों से बचने का अनुरोध किया है.

एयरस्ट्राइक के बाद माहौल गर्म

गौरतलब है कि 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 पर्यटकों की जान गई थी. इसके जवाब में भारतीय सेना ने पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर एयरस्ट्राइक की है, जिसके बाद दोनों देशों के बीच तनाव और भी बढ़ गया है. ऐसे में आज की मॉक ड्रिल और भी अधिक महत्वपूर्ण हो जाती है.

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