'आपके तांडव और गुंडागर्दी का पुलिस ने उसी तरह जवाब दिया...' ABVP पर ओम प्रकाश राजभर के बाद बेटे ने भी कसा तंज

सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर के बाद अब उनके बेटे अरविंद राजभर ने भी एबीवीपी पर निशाना साधा है। अपने पिता की बात का समर्थन करते हुए उन्होंने कहा कि गुंडागर्दी करने वालों को उनकी बात का जवाब मिल गया है. जो भी यूपी में तांडव करेगा उस पर कार्रवाई तो होगी ही. इसें पुलिस का क्या दोष है.

Advertisement
ओपी राजभर के बेटे अरविंद राजभर ने भी एबीवीपी पर तंज कसा है. (photo : ITG) ओपी राजभर के बेटे अरविंद राजभर ने भी एबीवीपी पर तंज कसा है. (photo : ITG)

समर्थ श्रीवास्तव / आशीष श्रीवास्तव

  • लखनऊ,
  • 04 सितंबर 2025,
  • अपडेटेड 11:28 AM IST

लखनऊ की सियासी गलियों में आजकल अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज की बड़ी चर्चा है. ओम प्रकाश राजभर द्वारा लाठीचार्ज का समर्थन करने और उन्हें गुंडे कहने पर एबीवीपी कार्यकर्ता भड़क गए. सभी ने मिलकर ओम प्रकाश के घर के बाहर जमकर हंगामा किया. गुस्साए छात्रों ने नारेबाजी की और नारे लगाते हुए पुतला भी फूंका. आरोप है कि पथराव भी किया गया.

Advertisement

इसके बाद ओम प्रकाश राजभर के बेटे और सुभासपा के राष्ट्रीय महासचिव अरुण राजभर ने तीखा पलटवार किया. उन्होंने कहा कि आपने सड़कों पर तांडव किया, पुलिस ने वैसा ही जवाब दिया. अगर कोई कानून हाथ में लेगा, तो पुलिस का डंडा उसी पर चलेगा. इसमें गलत क्या है? यह छात्र का आचरण नहीं, बल्कि गुंडागर्दी है.

छात्रों का गुस्सा क्यों फूटा

इस विवाद की जड़ बाराबंकी स्थित श्री रामस्वरूप यूनिवर्सिटी है. 2012 में स्थापित इस यूनिवर्सिटी पर छात्रों ने एलएलबी कोर्स को लेकर गंभीर आरोप लगाए. छात्रों का कहना है कि उनका कोर्स फर्जी है और बार काउंसिल से मान्यता नहीं मिली. इसी को लेकर 1 सितंबर को जबरदस्त आंदोलन हुआ. छात्रों के समर्थन में एबीवीपी कार्यकर्ता भी उतर आए. विरोध के दौरान पुलिस और छात्रों के बीच धक्का-मुक्की, तोड़फोड़ और नारेबाजी हुई. हालात बिगड़े तो पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया. इस लाठीचार्ज में सबसे ज्यादा चोटें एबीवीपी के कार्यकर्ताओं को आईं. किसी का हाथ टूटा, किसी का सिर फूटा, और कई छात्र गंभीर रूप से घायल हुए. घटना इतनी बड़ी थी कि मामला सीधे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक पहुंचा. उन्होंने तुरंत सीओ सिटी हर्षित चौहान को सस्पेंड कर दिया और नगर कोतवाली इंस्पेक्टर समेत कई पुलिसकर्मियों को लाइनहाजिर कर दिया. जांच अयोध्या रेंज के आईजी और मंडलायुक्त को सौंपी गई.

Advertisement

लखनऊ तक पहुंचा गुस्सा

बाराबंकी की घटना थमने का नाम ही नहीं ले रही थी. 2 सितंबर को एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने लखनऊ विधानसभा के बाहर भी जोरदार प्रदर्शन किया. जब मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने सार्वजनिक मंच से बयान दिया कि “एबीवीपी गुंडागर्दी कर रही है और पुलिस ने वैसा ही जवाब दिया,” तो छात्रों का गुस्सा और भड़क उठा. फिर बुधवार रात सैकड़ों कार्यकर्ता लखनऊ में मंत्री के सरकारी आवास के बाहर पहुंच गए. वहां नारेबाजी हुई, पुतला जलाया गया और माहौल बिगड़ गया.

अरुण राजभर का पलटवार

मंत्री ओमप्रकाश राजभर के बेटे और सुभासपा के राष्ट्रीय महासचिव अरुण राजभर ने कहा कि अगर किसी छात्र संगठन को समस्या है तो उसे मुख्यमंत्री, राज्यपाल, प्रधानमंत्री या गृहमंत्री के पास जाकर अपनी बात रखनी चाहिए. किसी मंत्री के घर के बाहर पथराव और गाली-गलौज करना लोकतांत्रिक आचरण नहीं है. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि यह सब एक सुनियोजित साजिश है, ताकि समाज में अराजकता और नफरत फैलाई जा सके.

उन्होंने कहा कि ओमप्रकाश राजभर को गाली, मतलब पूरे अति पिछड़े वर्ग को गाली है. अरुण राजभर का बयान यहीं नहीं रुका. उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि मंत्री को गाली देना महज एक व्यक्ति का अपमान नहीं है, बल्कि पूरे अति पिछड़े वर्ग का अपमान है. मेरे पिता सदन से लेकर सड़क तक वंचितों की लड़ाई लड़ रहे हैं. उनकी आवाज बनकर आगे बढ़ रहे हैं. अगर किसी को इस लड़ाई से तकलीफ है, तो वह लोकतांत्रिक रास्ता चुने. लेकिन गाली-गलौज और पथराव कर के आप पूरे अति पिछड़े समाज का अपमान कर रहे हैं.

Advertisement

विवादित यूनिवर्सिटी की सच्चाई

अब सवाल यह है कि आखिर श्री रामस्वरूप यूनिवर्सिटी विवाद में क्यों घिरी? यूनिवर्सिटी प्रशासन का दावा है कि 2022–23 तक कोर्स का रिन्यूअल था और बाद में फीस व प्रक्रिया पूरी कर ली गई है. लेकिन बार काउंसिल ऑफ इंडिया से रिन्यूअल लेटर अभी तक नहीं आया, जिसके चलते छात्रों में भ्रम फैल गया. यूनिवर्सिटी की रजिस्ट्रार डॉ. नीरजा जिंदल ने साफ किया कि कोर्स फर्जी नहीं है, बस औपचारिकता पूरी होने में देरी हुई है. लेकिन छात्रों और एबीवीपी के कार्यकर्ता इसे मानने को तैयार नहीं हैं. इससे पहले भी 2022 में यूनिवर्सिटी विवादों में आई थी. वार्षिक उत्सव के दौरान छात्रों के दो गुटों में झगड़ा हुआ और चाकूबाजी में एक छात्र की मौत हो गई थी. फीस वसूली को लेकर भी छात्रों ने कई बार आवाज उठाई.

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement