मैं भूखी क्यों रहूं? अमेरिका में रह रही इंडियन महिला की आपबीती... जब ऑफिस में नहीं मिला वेज खाना

अमेरिका में रहने वाली एक इंडियन महिला वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर वायरल हो रहा है. इस वीडियो में उन्होंने शाकाहारी लोगों के प्रति समाज के आम नजरिए पर बात की है और अपनी चिंता जाहिर की है.

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यूएस में रहने वाली भारतीय महिला का वीडियो (फोटो - Instagram/@thewickedvegetarian) यूएस में रहने वाली भारतीय महिला का वीडियो (फोटो - Instagram/@thewickedvegetarian)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 29 जून 2025,
  • अपडेटेड 10:07 PM IST

अमेरिका में रहने वाली एक भारतीय महिला ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट कर अपने ऑफिस की एक घटना साझा की. इस कहानी के माध्यम से उन्होंने एक ऐसे मुद्दे को उठाने की कोशिश की, जो आज कई लोगों के लिए समस्या बन रहा है.

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इंस्टाग्राम पर @thewickedvegetarian हैंडल से एक वीडियो शेयर किया गया. वीडियो के साथ उन्होंने एक विस्तृत पोस्ट लिखा. पोस्ट में उन्होंने स्पष्ट किया कि वीडियो में बताया गया किस्सा केवल उनके ऑफिस की एक घटना नहीं, बल्कि शाकाहारी लोगों के प्रति समाज के आम नजरिए को दर्शाता है.

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महिला ने पोस्ट और वीडियो के जरिए निकाला गुस्सा

उन्होंने पोस्ट में लिखा: 'यह कल की बात नहीं, बल्कि शाकाहारी होने और इसके लिए बुनियादी विकल्प न होने की समस्या है. मुझे कई बार सुनना पड़ा है, 'ओह, तो आप शाकाहारी हैं, यानी चिकन और मछली ठीक है.' अगर आप मांस खाते हैं, तो हमारे शाकाहारी विकल्प को क्यों बंद कर देते हैं? क्या होगा यदि हर जगह शाकाहारी भोजन को बेसलाइन बनाया जाए और मांस को वैकल्पिक रूप से जोड़ा जाए? समस्या हल हो जाएगी. मैं ऑफिस लंच से इतनी निराश होकर निकली कि कैटरर्स को बुरा लगा और उन्होंने एक घंटे बाद मेरे लिए कुछ मंगाने की पेशकश की. लेकिन तब तक मैंने भूख के कारण खुद के लिए दोपहर का भोजन ऑर्डर कर लिया था.'

यहां देखें वीडियो 

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इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, महिला का नाम रुनझुन मिश्रा है, जिन्हें 'द विकेड वेजिटेरियन' के नाम से जाना जाता है. रुनझुन ने वीडियो में अपनी आपबीती सुनाई. उन्होंने सवाल उठाया, 'अगर आप कभी किसी आयोजन में भूखे रह गए हों, तो अपना हाथ उठाएं.' रुनझुन ने उस पल को याद करते हुए बताया कि खानपान से जुड़े आयोजनों में शाकाहारियों को अक्सर नजरअंदाज किया जाता है, खासकर उन जगहों पर जहां सभी के लिए भोजन की व्यवस्था का वादा किया जाता है. उन्होंने बताया कि उनके ऑफिस में कहा गया था कि लंच की व्यवस्था ऑफिस की ओर से होगी और कर्मचारियों को भोजन लाने की जरूरत नहीं है.

ऑफिस लंच में नहीं था शाकाहारी भोजन का विकल्प

वीडियो में रुनझुन ने बताया कि जब लंच का समय हुआ, तो सभी के लिए खाना आया. वे बहुत उत्साहित थीं. लेकिन जब वे वहां पहुंचीं, तो उन्होंने 60 से अधिक सैंडविच देखे, जिनमें हलाल, कोशेर, और ग्लूटेन-मुक्त जैसे विकल्प थे. लेकिन जब उन्होंने शाकाहारी सैंडविच मांगा, तो वहां सन्नाटा छा गया. कैटरर्स ने शाकाहारियों के लिए कोई विकल्प नहीं रखा था.

लोगों ने मुझे सैंडविच से मीट हटाकर उसे खाने की दी सलाह

चुप्पी को तोड़ते हुए किसी ने मुझे सलाह दी कि मैं खुद शाकाहारी सैंडविच बना सकती हूं और उनका मतलब वही था जो वे हमेशा से लोग मुझ जैसे शाकाहारी से कहते आए हैं- आप एक मीट सैंडविच ले सकते हैं और उस सैंडविच में डाले गए मांस की सभी परतों को सावधानीपूर्वक हटाकर उसे शाकाहारी बना सकते हैं. रुनझुन ने कहा कि यही कारण है कि मुझे शाकाहारी सैंडविच खाने की इच्छा नहीं होती. इससे मुझे उल्टी आने लगती है.

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महिला ने उठाए सवाल

इसके बाद रुनझुन ने सवाल उठाए कि आखिर क्यों शाकाहारियों को नजरअंदाज किया जाता है. क्यों उनके लिए सामूहिक जगह पर खाने के विकल्प नहीं होते हैं. उन्होंने अपने कैप्शन में भी इसका जिक्र किया कि इसके बाद वो वहां से भूखे निकल गईं और अपने लिए अलग से ऑर्डर किया. 

कई लोगों दी अपनी प्रतिक्रियाएं

इस पोस्ट पर कई सारे लोगों ने अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की है. एक यूजर ने लिखा है कि कॉरपोरेट इवेंट में कुछ लोग वेज सैंडविच भी रखते हैं, लेकिन उसे भी नॉनवेज खाने वाले लोग ले लेते हैं और शाकाहारियों के लिए कुछ नहीं बचता है. एक यूजर ने कहा कि शाकाहारियों को पहली प्राथमिकता मिलनी चाहिए और मीट और चीज अलग से एड होनी चाहिए. एक अन्य यूजर ने लिखा है कि मेरे ऑफिस में हमेशा मेरे लिए वेज सैंडविच आता था, लेकिन मेरे सहकर्मी मुझसे पहले उसे उठा लेते थे और फेंक देते थे. 

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