चमगादड़ की बीट से 2 लोग कर रहे थे एक्सपेरिमेंट, दोनों की चली गई जान

न्यूयॉर्क में गांजा उगाने के लिए चमगादड़ की बीट का उपयोग करने से दो अलग-अलग व्यक्तियों की मौत हो गई. विशेषज्ञों ने ऐसे एक्सपेरिमेंट को घातक बताया है.

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चमगादड़ के बीट से एक्सपेरिमेंट के चक्कर में गई जान (फोटो - Meta AI) चमगादड़ के बीट से एक्सपेरिमेंट के चक्कर में गई जान (फोटो - Meta AI)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 18 दिसंबर 2024,
  • अपडेटेड 12:57 PM IST

न्यूयॉर्क में गांजा उगाने के लिए चमगादड़ की बीट (गुआनो) का उपयोग करने वाले दो व्यक्तियों की घातक फेफड़ों के संक्रमण से मौत हो गई. ये दोनों घटनाएं रोचेस्टर में हुईं, लेकिन अलग-अलग है. 

64 वर्षीय और 59 वर्षीय इन दोनों व्यक्तियों ने चमगादड़ के बीट से बने एक प्रकार के प्राकृतिक उर्वरक( गुआनो) का इस्तेमाल मारिजुआना (गांजा) उगाने में किया था. इसके बाद  गुआनो से उगाए गए गांजे का दोनों ने सेवन किया. इसके बाद दोनों के फेंफड़े में खतरनाक इंफेक्शन हो गया. 

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चमगादड़ की बीट में थे खतरनाक फंगस
दोनों ही केस में संक्रमण का कारण  गुआनो में पाए जाने वाले हिस्टोप्लाज्मा कैप्सुलेटम नामक खतरनाक फंगस को बताया गया, जो मुख्यतः चमगादड़ की बीट में मौजूद होता है. 59 वर्षीय व्यक्ति ने गुआनो ऑनलाइन खरीदा था, जबकि 64 वर्षीय शख्स ने अपने घर के अटारी में मौजूद चमगादड़ों के बीट से गुआनो तैयार कर इसका उपयोग किया था.

गुआनो से तैयार गांजा के सेवन से बढ़ा इंफेक्शन
पहले मामले में  59 वर्षीय शख्स को पहले से एम्फाइसेमा नामक फेफड़ों की बीमारी थी, जो उनके भारी तंबाकू और गांजा सेवन की वजह से हुई थी. गुआनो से तैयार गांज लेने के बाद रोगी ने छह हफ्तों तक सांस लेने में दिक्कत, गले में खराश और वजन घटने की शिकायत की. शुरुआती जांच में उनके गले में छोटे घाव पाए गए, जिन्हें पहले कैंसर समझा गया था. लेकिन बाद में यह फंगस से उत्पन्न जख्म निकले. डॉक्टरों ने उन्हें एंटीफंगल दवाओं से इलाज किया, लेकिन उनकी हालत बिगड़ती गई और अंततः उनकी मृत्यु हो गई.

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सिर्फ चमगादड़ के बीट को पौधों में देने की वजह से हुआ संक्रमित
दूसरे रोगी को भारी तंबाकू और गांजा सेवन तथा हृदय संबंधी समस्याएं थीं. वह अस्पताल में खांसी और 35 पाउंड वजन घटने की शिकायत लेकर आया जांच में पता चला कि वह अपने घर की अटारी से चमगादड़ की बीट इकट्ठा कर रहे थे और उसे अपने गांजे के पौधों के लिए खाद के रूप में उपयोग कर रहे थे.

शरीर के कई अंग हो गए बेकार
इस मरीज के फेफड़ों, छाती, पैंक्रियास और एड्रिनल ग्लैंड में फंगस के संक्रमण से सूजन हो गई थी. संक्रमण ने फेफड़ों के अलावा उनके पाचन तंत्र पर भी असर डाला. एंटीफंगल दवाओं से उनकी हालत में थोड़ी सुधार हुई, लेकिन रक्त प्रवाह रुकने के कारण उनके आंतों ने काम करना बंद कर दिया और उनकी मृत्यु हो गई.

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