एक रूसी टूरिस्ट अमीना फाइंड्स का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. उन्होंने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक वीडियो शेयर किया है, जिसमें कुछ भारतीय बच्चे सड़क पर कूड़ा फेंकते नजर आते हैं. वीडियो में अमीना बच्चों को समझाती हैं कि कचरा सड़क पर नहीं फेंकना चाहिए, बल्कि डस्टबिन में डालना चाहिए. लेकिन बच्चे उनकी बात मानने के बजाय और कूड़ा फेंकने लगते हैं.
'जब तक तुम ऐसा करते रहोगे, तुम कूड़े में ही रहोगे'
वीडियो में आप देख सकते हैं कि अमीना उन्हें डांटते हुए कहती हैं- “यह तुम्हारा देश है. जब तक तुम ऐसा करते रहोगे, तुम कूड़े में ही रहोगे.” यह वीडियो देखते ही लोगों में बहस छिड़ गई. कुछ ने बच्चों के व्यवहार की आलोचना की, तो कुछ ने कहा कि उन्हें सही तरीके से समझाना चाहिए. रूसी पर्यटक अमीना फाइंड्स के इंस्टाग्राम पर शेयर किए गए एक वीडियो ने देश में नागरिक भावना पर बहस छेड़ दी है. फुटेज में महिला दो बच्चों से बात करती हुई दिखाई दे रही हैं, तभी उनमें से एक सड़क पर कूड़ा फेंकता है, जिसके बाद अमीना उसे डांटती हैं.
सोशल मीडिया पर पोस्ट वायरल
इस वीडियो को भारतीय बच्चों के साथ बातचीत गलत हो गई के टाइटल के साथ इंस्टाग्राम पर शेयर किया गया है. वीडियो में आप देख सकते हैं कि amina_finds नाम के अकाउंट से शेयर किया गया है. वीडियो में देख सकते हैं कि महिला बच्चों को कचरा उठाने का निर्देश देती है, जिसके बाद बच्चों ने अपनी गलती को दोगुना कर दी और उस महिला के सामने और ज्यादा कूड़ा फेंकना शुरू कर दिया. इस पर महिला ने कहा- यह तुमने क्या किया? तुमने यहां कूड़ा गिरा दिया तुमने इसे उठाया और फिर सड़क पर डाल दिया. "यह ठीक नहीं है. यह तुम्हारा देश है. जब तक तुम ऐसा करते रहोगे, तुम कूड़े में ही रहोगे और बड़े होगे.
22 मिलियन से अधिक बार देखा गया वीडियो
इस वीडियो को अब तक 22 मिलियन से अधिक बार देखा जा चुका है और अधिकांश भारतीय यूजर ने बच्चों के इस हरकत के लिए खेद व्यक्त कर रहे हैं. एक यूजर ने कहा, "माफ कीजिए, आपको यह अनुभव हुआ. हमें उन्हें बेहतर सिखाने के लिए और अधिक मेहनत करनी होगी. जबकि दूसरे ने कहा, "यह बहुत शर्मनाक है!! अपना योगदान देने के लिए धन्यवाद." तीसरे ने लिखा- "यह अविश्वसनीय है कि वे यह नहीं समझते कि यह उनका देश है, उन्हें इस पर गर्व होना चाहिए, लेकिन इसके बजाय ये बच्चे इसे खराब कर रहे हैं." चौथे यूजर ने कहा- "मुझे खेद है कि आपको यह अनुभव हुआ. हमें अपने बच्चों को बेहतर शिक्षा देनी होगी.
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