सोशल मीडिया पर हर दिन कुछ न कुछ ऐसे दावे वायरल होते रहते हैं. जिन पर यकीन करना मुश्किल है. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर रेडिट पर एक शख्स ने दावा किया कि उसकी सैलरी 8 महीनों में 11 लाख रुपये से 33 लाख रुपये सालाना हो गई. ऐसा कैसे हुआ इसको लेकर उसने सीक्रेट ट्रिक भी बताई है.
रेडिट यूजर के आठ महीनों के भीतर 11 लाख रुपये प्रति वर्ष के वेतन से 33 लाख प्रति वर्ष तक की छलांग लगाने के दावे ने ऑनलाइन बहस छेड़ दी है.शख्स ने रेडिट पर शेयर किए अपने पोस्ट का शीर्षक दिया है - मेरी नौकरी का सफ़र: 8 महीनों में 11 लाख रुपये से 33 लाख रुपये तक.
तीन साल से बिना ग्रोथ के फंसा एक ही नौकरी में फंसा था
इस पोस्ट में यूजर ने विस्तार से बताया है कि कैसे 2025 की शुरुआत निराशाजनक रही. उसने बताया कि वह तीन साल तक बिना किसी प्रमोशन और बिना किसी ग्रोथ वाले जॉब पोजिशन में फंसा रहा. आखिरकार उसे परफॉर्मेंस इम्प्रूवमेंट प्लान (PIP) में डाल दिया गया.
शख्स ने लिखा कि यह बहुत निराशाजनक था. रेडिटर ने बताया कि उसने मार्च 2025 तक नई नौकरी की तलाश शुरू कर दी. उसे लगातार नेगेटिव रिस्पॉन्स मिले. उसने बताया कि उसे बमुश्किल कोई अच्छा इंटरव्यू मिला. ज़्यादातर मौके कम वेतन वाले या उसकी प्रोफाइल से मैच नहीं खा रहे थे.
हर जगह इंटरव्यू में होते रहे रिजेक्ट
शख्स ने बताया कि 1,000 से ज्यादा आवेदन भेजने, 300 से ज़्यादा रिक्रूटर्स को ईमेल करने और अपने रिज्यूमे में लगातार बदलाव करने के बावजूद, उसे अपनी जगह बनाने में मुश्किल हुई. क्योंकि उसकी पिछली कंपनी का नाम कई नियोक्ताओं को पसंद नहीं आया.
उसने कहा कि मुझे दूसरी कंपनियों से लगातार कम सैलरी के ऑफर मिल रहे थे. फिर, महीनों तक बातचीत ठप रहने और कम से कम जानकारी मिलने के बाद, उन्होंने एक अलग तरीका अपनाने का फैसला किया. रेडिट यूजर ने बताया कि उन्होंने एक आसान सा पोर्टफोलियो वेबसाइट बनाया.
पर्सनल पोर्टफोलियो वेबसाइट बनाकर किया पोस्ट
इसमें उन्होंने बस अपने स्किल, प्रोजेक्ट्स के लिंक, उपलब्धियां और अपने कार्य अनुभव के बारे में एक छोटा सा लेख दिखाया. उन्होंने कहा कि यह ज़्यादा आकर्षक नहीं था - मैंने इसे कुछ घंटों में कोड किया. क्योंकि मैं एक डेवलपर हूं - लेकिन यह साफ़-सुथरा और पर्सनल था.
रेडिटर ने बताया कि इस एक प्रयोग ने चीजें बदल दीं. लिंक्डइन पर पोर्टफोलियो पोस्ट करने के बाद, उन्हें अचानक ही लोगों का रुझान दिखने लगा. नेटवर्क कनेक्शनों ने उन्हें डीएम भेजा, रिक्रूटर्स ने उनसे संपर्क किया और इंटरव्यू की बाढ़ आ गई. इनमें बड़ी टेक कंपनियों और अच्छी-खासी फंडिंग वाली स्टार्टअप्स से भी इंटरव्यू आए, जिन्होंने पहले उनके आवेदनों को रिजेक्ट कर दिया था. वो उन्होंने भी इनवाइट किया.
जुलाई में दोगुनी सैलरी वाली नौकरी मिल गई
यूजर ने बताया कि फिर जुलाई तक, उसे शीर्ष तीन निवेश बैंकों में से एक में दोगुनी वेतन वृद्धि का प्रस्ताव मिला है और पिछले महीने उसने नौकरी ज्वाइन कर ली. उसने कहा कि यह अभी भी अवास्तविक लगता है.
यूजर ने कहा कि इस अनुभव ने उसे एक ऐसा टूल बनाने के लिए प्रेरित किया, जो किसी भी मौजूदा रिज्यूम को बिना कोडिंग के पोर्टफोलियो लैंडिंग पेज में परिवर्तित कर सकता है. जिसका उद्देश्य उन नौकरी चाहने वालों की मदद करना है जिनके पास खुद रिज्यूम तैयार करने के लिए समय या तकनीकी कौशल नहीं है.
उन्होंने पोस्ट के अंत में कहा कि उन्होंने अपनी यात्रा इसलिए साझा की क्योंकि शायद कोई व्यक्ति ठीक उसी जगह फंसा हुआ हो, जहां मैं कुछ महीने पहले था.
लोग दे रहे ऐसे रिएक्शंस
इस पोस्ट ने सोशल मीडिया पर काफी लोगों का ध्यान आकर्षित किया है. कई लोग नौकरी खोजने में इसी प्रकार की कठिनाई का अनुभव करते हैं. एक यूजर ने लिखा कि मैं भी इसी दौर से गुजर रहा हूं. कोई अप्रेजल बोनस नहीं मिला. एक ही कंपनी में तीन साल हो गए हैं.
एक अन्य ने लिखा कि मुझे लगता है मेरी भी हालत आपकी जैसी ही है. वहीं दूसरे यूजर ने लिखा - वाह, बधाई हो भाई! मैं एक फुल स्टैक डेवलपर बनने की अपनी यात्रा शुरू कर रहा हूं. शायद इससे मुझे एक साल बाद मदद मिलेगी जब मेरी वेबसाइट प्रोजेक्ट्स से भर जाएगी.
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