महिला को हुई अजीब बीमारी, बर्दाश्त नहीं परिवार का हंसना- खेलना, होने लगता है ऐसा

महिला ने बताया कि रोजमर्रा के शोर, जैसे कि उसके बच्चों की हंसी, उसके दोस्तों की आवाज़ और यहां तक कि संगीत भी उसके कानों के लिए दर्द का कारण बनता है. उसने कहा - ऐसा लगता है जैसे किसी ने कानों में गर्म लावा डाल दिया हो.

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सांकेतिक तस्वीर (Pexels) सांकेतिक तस्वीर (Pexels)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 29 फरवरी 2024,
  • अपडेटेड 9:56 AM IST

दुनियाभर में अक्सर कुछ लोगों में अनोखी बीमारी पाई जाती हैं जो हैरान कर देती है. कई बार ऐसी चीजों का जवाब विज्ञान के पास भी नहीं होता है. पेनफुल हाइपरैक्यूसिस नाम की एक रेयर कंडीशन से पीड़ित एक अंग्रेजी महिला ने जो बताया वह काफी बुरा और डरा देने वाला है. 

'बच्चों की हंसी और दोस्तों की आवाज़ से...'

कैरेन का कहना है कि रोजमर्रा के शोर, जैसे कि उसके बच्चों की हंसी, उसके दोस्तों की आवाज़ और यहां तक कि संगीत भी उसके कानों के लिए दर्द का कारण बनता है. 18 महीने पहले तक, कैरेन कुक एक केबिन क्रू के रूप में काम करती थी और अपने पति और अपने दो बेटों के साथ बिल्कुल सामान्य जीवन जीती थी. लेकिन फिर उसे कुछ अजीब और दर्दनाक अनुभव होने लगा.  

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दर्द ऐसा कि सहना मुश्किल

आम तौर पर लोग अपनी सुनने की क्षमता खोने के विचार से ही कांप उठते हैं, लेकिन क्या होगा अगर रोजमर्रा की आवाजें, चाहे वह कितनी भी सुखद क्यों न हो, उन्हें सहन करना असंभव हो? कैरेन को 2022 में यही अनुभव होना शुरू हुआ जब उसकी हाइपरएक्यूसिस अचानक शुरू हो गई. अचानक, आवाजें उसके लिए यातना बन गईं. प्रियजनों की आवाज़ें, दोस्तों के साथ बातें करना, या अपना पसंदीदा म्यूजिक सुनना उसके लिए असहनीय सिरदर्द का कारण बन गया, इस हद तक कि उसने उन्हें रोकने के लिए खुद को अलग रखना शुरू कर दिया.

आंखों के पीछे होता है भयंकर दर्द

कैरेन ने हाल ही में बीबीसी को बताया, "यह ऐसा लगता है जैसे किसी ने मेरे कानों में गर्म लावा डाल दिया हो और मेरे सिर में आग लग गई हो, मेरे पूरे सिर में दर्द होने लगता है, खासकर मेरी आंखों के पीछे. यह माइग्रेन की तरह है, जैसे आप दबाव दूर करने के लिए अपना सिर खोलना चाहते हैं."

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जब से कैरेन को हाइपरएक्यूसिस का पता चला, तब से वह इसका इलाज कराने की कोशिश कर रही है, या कम से कम इसके लक्षणों को कंट्रोल में रखने की कोशिश कर रही है, लेकिन चीजें बदतर होती जा रही हैं. वह अब अपना अधिकांश समय घर के अंदर ही बिताती है, क्योंकि वह बाहरी दुनिया के शोर को बर्दाश्त नहीं कर सकती है, और यहां तक ​​​​कि जब वह घर पर अकेली होती है, तो वह खुद को बचाने के लिए इयरप्लग लगाती है.

अभी भी बीमारी से जूझ रही है महिला

क्रिसमस के दिन, जब उसके 7 और 11 साल के बेटे चहककर अपने उपहार खोल रहे थे तो वह अगले कमरे में खिड़की के पीछे से उन्हें देख रही थी, क्योंकि वह उनकी तेज़ आवाज़ और हंसी को सुनना बर्दाश्त नहीं कर पा रही थी. 49 वर्षीय महिला ने कहा, "मेरे बच्चों की हंसी, उनकी आवाज सुनना बहुत खूबसूरत है, लेकिन वह मेरे लिए यातना जैसा है. इंग्लैंड के उत्तर-पश्चिम में साउथपोर्ट की रहने वाली कैरेन पहले बहुत एक्टिव और आउटगोविंग थीं, लेकिन अब वह घर में रहती हैं. वह बीमारी से जूझ रही हैं और उम्मीद है कि वह इस घातक स्थिति का इलाज करने का कोई रास्ता खोज लेगी, लेकिन अभी तक कुछ भी काम नहीं आया है.

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