क्या आपके घर में भी है पॉलीस्टाइरिन फोम? जिसकी वजह से भड़की थी हॉन्ग कॉन्ग की बिल्डिंग में आग

हांगकांग के ताई पो स्थित हंग फूक कोर्ट की एक इमारत में बुधवार को भीषण आग लगने से अब तक 94 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें एक फायर फाइटर भी शामिल है. हादसे के बाद 200 से ज्यादा लोग अभी भी लापता हैं.

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पॉलीस्टाइरिन फोम थर्माकोल जैसा हल्का पदार्थ होता है, जो बेहद जल्दी आग पकड़ लेता है और आग को तेजी से फैलता है. ( Photo: AP) पॉलीस्टाइरिन फोम थर्माकोल जैसा हल्का पदार्थ होता है, जो बेहद जल्दी आग पकड़ लेता है और आग को तेजी से फैलता है. ( Photo: AP)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 28 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 11:53 AM IST

बुधवार (26 तारीख) को हांगकांग के ताई पो इलाके में हंग फूक कोर्ट नाम की एक रिहायशी इमारत में Level-5 की भीषण आग लग गई. इस हादसे में अब तक लगभग 94 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें एक 37 वर्षीय फायरफाइटर भी शामिल है. 200 से ज़्यादा लोग अभी भी लापता बताए जा रहे हैं. मौके पर रेस्क्यू टीम ने 5 और शव बरामद किए हैं.

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कई निवासी बच तो गए, लेकिन बहुत से लोग अपने परिवार के सदस्यों की तलाश में रातभर इमारत के पास डटे रहे, इस उम्मीद में कि उनके परिवार के लोग सुरक्षित मिल जाएं. फायर सर्विस के अधिकारियों ने बताया कि इमारत की हर यूनिट की तलाशी लेकर यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि कोई अंदर फंसा न रह जाए. यह रेस्क्यू ऑपरेशन सुबह तक पूरा होने की उम्मीद है. बताया जा रहा है कि आग लगने का कारण पॉलीस्टाइरिन फोम था. 

लापरवाही से दो लोगों की मौत
सुरक्षा सचिव क्रिस टैंग और अग्निशमन सेवा निदेशक येउंग यान-किन ने बताया कि फायर ब्रिगेड को इमारत में एक बड़ी गलती मिली. कई फ्लैटों की खिड़कियां और लिफ्ट लॉबी की खिड़कियां पॉलीस्टाइरिन फोम (थर्माकोल जैसा पदार्थ) से ढकी और सील की हुई थीं. यह सामग्री बहुत जल्दी आग पकड़ती है, इसलिए इससे आग और तेजी से फैली. इसके अलावा, इमारत में इस्तेमाल किए गए सुरक्षा जाल, वाटरप्रूफ तिरपाल और प्लास्टिक शीट्स भी सुरक्षा मानकों पर खरे नहीं उतरते थे.

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यानी वे भी आग फैलाने के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं. पुलिस ने इस मामले में लापरवाही के लिए इंजीनियरिंग कंपनी के दो डायरेक्टर और एक सलाहकार (52 से 68 वर्ष उम्र) को गिरफ्तार किया है. उन पर आरोप है कि उनकी गंभीर लापरवाही की वजह से लोगों को भारी चोटें आईं और कई लोगों की मौत हुई.

आग लगने की वजह क्या थी?
जांच में पता चला कि इमारत की कई खिड़कियों पर पॉलीस्टाइरिन फोम लगाया गया था. यह फोम बहुत ज्वलनशील होता है, यानी आसानी से आग पकड़ लेता है. लिफ्ट लॉबी की खिड़कियां भी इसी फोम से बंद की गई थीं. इस वजह से आग बहुत जल्दी फैल गई. इसके अलावा इमारत में लगाए गए सुरक्षात्मक जाल, प्लास्टिक तिरपाल और शीटें भी आग से बचाव के नियमों को पूरा नहीं कर रही थीं. इन खराब और खतरनाक सामग्री ने आग को और ज्यादा फैलने में मदद की. पुलिस ने इस मामले में शामिल इंजीनियरिंग कंपनी के दो निदेशकों और एक सलाहकार को गिरफ्तार कर लिया है. उन पर आरोप है कि उनकी लापरवाही की वजह से लोगों को गंभीर चोटें आईं और कई लोगों की जान चली गई.

पॉलीस्टाइरिन फोम क्या होता है?
पॉलीस्टाइरिन फोम एक हल्का, सफेद, स्पंज जैसा पदार्थ होता है. इसे आमतौर पर आप इन चीजों में देखते हैं-टीवी/फ्रिज के डिब्बों में लगे सफेद कुशन,पैकिंग में इस्तेमाल होने वाले स्पंज जैसे टुकड़े, थर्माकोल की शीट.

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क्यों हर घर में होता है इस्तेमाल
पॉलीस्टाइरिन फोम असल में थर्माकोल जैसा ही पदार्थ है. इसकी खासियत यह है कि यह हल्का होता है और काफी सस्ता होता है और आसानी से कहीं भी चिपक जाता है.

पॉलीस्टाइरिन फोम की हैं कई समस्या  
यह बहुत जल्दी आग पकड़ लेता है. जलने पर काला धुआं और जहरीली गैसें बनाता है. आग फैलने की स्पीड कई गुना बढ़ जाती है. इसी वजह से यह निर्माण या खिड़कियों को बंद करने के लिए इस्तेमाल करना बहुत खतरनाक होता है. पॉलीस्टाइरिन फोम (थर्माकोल) कई कामों में उपयोग होता है.इंसुलेशन, पैकिंग, साउंडप्रूफिंग वगैरह लेकन यह बहुत ज्वलनशील होता है. इसलिए घर में इसे इस्तेमाल करते समय कुछ जरूरी सावधानियां अपनाना बेहद महत्वपूर्ण है.

घर में पॉलीस्टाइरिन फोम (थर्माकोल) से आग का खतरा कैसे कम करें?

  • इसे आग के स्रोतों से दूर रखें-जैसे- गैस स्टोव, गीजर, हीटर, मोमबत्ती, मच्छर से बचाने वाली कॉइल. इनसे कम से कम 10–12 फीट दूर रखें.
  • किसी भी गर्म उपकरण के पास थर्माकोल का इस्तेमाल न करें.
  • अगर इसका उपयोग दीवारों/छत पर हो तो आग- रोधी (Fire Retardant) लेयर लगवाएं.
  • इसके ऊपर फायर-रेसिस्टेंट प्लास्टर, बोर्ड या शीट जरूर लगवाएं.
  • मार्केट में FR-grade Thermocol sheets मिलती हैं, हमेशा उसी का उपयोग करें.
  • वायरिंग और थर्माकोल एक साथ न रखें.थर्माकोल हमेशा इलेक्ट्रिक वायरिंग से दूर लगवाएं
  • यदि आवश्यक हो, फायर-रेसिस्टेंट पाइप या चैनलिंग करवाएं.

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  • थर्माकोल को सीधे सूरज की रोशनी / ज्यादा गर्म जगह पर न रखें, धूप से यह गर्म होकर पिघल सकता है और आग का खतरा बढ़ जाता है.
  • पैकिंग वाला थर्माकोल घर में जमा न करें, एसी, हीटर, फ्रिज के पीछे थर्माकोल न रखें.
  • पुराने पैकेजिंग के थर्माकोल को जमा रखकर घर में आग का जोखिम बढ़ जाता है.
  • अगर थर्माकोल दीवारों में लगा है, तो कमरे में अच्छी हवा का प्रवाह जरूरी है, धुआं फंसने पर खतरा 3 गुना बढ़ जाता है.
  • दीवारों/छत पर लगे थर्माकोल की Yearly Checking करवाएं.
  • थर्माकोल हमेशा ‘कवर’ करके इस्तेमाल करें—खुला थर्माकोल सबसे ज्यादा खतरनाक होता है.

कम से कम ये 3 चीजें हमेशा घर में होनी चाहिए:

  • 1 ABC Fire Extinguisher (कम से कम 2 किलो)
  • फायर ब्लैंकेट (छोटी आग बुझाने के लिए)
  • स्मोक अलार्म (₹500–800 में मिल जाता है)
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