भारत से पाकिस्तान भेजा गया पुराने घर का दरवाजा, देखते ही चूमने लगे प्रोफेसर, खुशी से नम हुईं आंखें: VIDEO

अतीत का एक हिस्सा जब उन तक पहुंचा, तो वो अपनी आंखों से आंसू नहीं रोक पाए. उनके घर का दरवाजा मुंबई से लाहौर भेजा गया है. दरवाजे को पहले पंजाब के बटाला से मुंबई लाया गया था.

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पाकिस्तान के लाहौर भेजा गया दरवाजा (तस्वीर- Instagram/Saad Zahid) पाकिस्तान के लाहौर भेजा गया दरवाजा (तस्वीर- Instagram/Saad Zahid)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 15 अप्रैल 2024,
  • अपडेटेड 4:54 PM IST

जब साल 1947 में भारत का बंटवारा हुआ, तो बहुत से लोगों का सब लुट गया. उन्हें अपने घर तक छोड़कर जाना पड़ा था. भारत में रहने वाले कई लोगों का घर पाकिस्तान में ही पीछे छूट गया, और पाकिस्तान जाने वाले लोगों का घर भारत में. कुछ ऐसा ही लाहौर के रहने वाले प्रोफेसर अमीन चौहान के साथ हुआ. उनका पुराना घर भारत में है. अतीत का एक हिस्सा जब उन तक पहुंचा, तो वो अपनी आंखों से आंसू नहीं रोक पाए. उनके घर का दरवाजा मुंबई से लाहौर भेजा गया है.

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बिजनेस टुडे की खबर के मुताबिक, दरवाजे को पहले पंजाब के बटाला से मुंबई लाया गया था. यहां से इसने यात्रा शुरू की और दुबई, कराची होते हुए लाहौर पहुंचा. यहां से अमीन चौहान को मिला. इसे उनके भारत में रहने वाले दोस्त पलविंदर सिंह ने तोहफे के तौर पर भेजा था. उनके लिए ये केवल एक दरवाजा नहीं बल्कि यादें और इतिहास है. अमीन चौहान के पिता का घर बटाला के घोमन पिंड में था. जब उन तक दरवाजा पहुंचा तो किसी ने इसका वीडियो बना लिया. जो बाद में सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. 

वो जब पैकिंग हटाकर दरवाजा देखते हैं, तो उनकी आंखों से खुशी के आंसू छलकने लगते हैं. उनका ये वीडियो बंटवारे से मिले जख्म की याद दिलाता है. इस वीडियो को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इंस्टाग्राम पर साद जाहिद नाम के यूजर ने शेयर किया है.

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वीडियो के कैप्शन में लिखा है, 'इस दिल छू जाने वाले वीडियो में दिखाई दे रहे, एचिसन कॉलेज के जूनियर स्कूल के पूर्व प्रिंसिपल प्रोफेसर अमीन चौहान उस वक्त भावुक हो गए, जब उन्हें भारत से अपने दोस्त पलविंदर सिंह से एक विशेष तोहफा मिला. तोहफा क्या है? यह बटाला के घोमन पिंड में मौजूद प्रोफेसर के पिता के घर का पुराना दरवाजा है. यादों और इतिहास से भरा ये दरवाजा बटाला से मुंबई, फिर दुबई, कराची और अंत में लाहौर तक लंबा सफर तय करके आया है. जहां अमीन रहा करते थे.'

कैप्शन में आगे लिखा है, 'जैसे ही प्रोफेसर इस पुराने दरवाजे को देखते हैं, वो अपने आंसू रोक नहीं पाते. वो इस दरवाजे के मतलब और इससे जुड़ी यादों से गहराई से प्रभावित हुए. भले ही 1947 के विभाजन ने जमीन को विभाजित कर दिया हो, लेकिन यह पंजाबियों के दिलों को अलग नहीं कर पाया, जो साझा विरासत और दोस्ती के माध्यम से जुड़े रहे हैं.'

लोगों को वीडियो खूब पसंद आ रहा है. वो इसे लाइक और शेयर कर रहे हैं. साथ ही पोस्ट पर कमेंट कर प्रतिक्रिया दे रहे हैं. एक यूजर ने पोस्ट पर कमेंट कर कहा, 'उनके लिए कितना भावुक पल है. मानवीय भावना हर चीज पर विजय प्राप्त करती है.' एक अन्य यूजर ने लिखा, 'इंसानियत, मित्रता और प्रेम सर्वोत्तम है. अद्भुत भावना.'

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