बच्चों से iPad छीना ताकि पढ़ाई करें, मां को उठा ले गई पुलिस, चोरी का लगा इल्जाम!

कहते हैं कि मां-बाप अपने बच्चों के सबसे बड़े शुभचिंतक होते हैं. कई बार उनकी सख्ती के पीछे भी एक सीख छिपी होती है. ऐसी ही एक सीख है-बच्चों को मोबाइल और डिजिटल डिवाइस से दूर रखना, लेकिन सोचिए, क्या हो जब बच्चों पर की गई यही सख्ती किसी मां को कानून के दायरे में ला खड़ा कर दे.

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डिजिटल डिवाइस से दूर रखना चाहा, मां पर ही लग गया चोरी का आरोप! (सांकेतिक तस्वीर-Pexel) डिजिटल डिवाइस से दूर रखना चाहा, मां पर ही लग गया चोरी का आरोप! (सांकेतिक तस्वीर-Pexel)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 14 अप्रैल 2025,
  • अपडेटेड 9:42 AM IST

कहते हैं कि मां-बाप अपने बच्चों के सबसे बड़े शुभचिंतक होते हैं. कई बार उनकी सख्ती के पीछे भी एक सीख छिपी होती है. ऐसी ही एक सीख है-बच्चों को मोबाइल और डिजिटल डिवाइस से दूर रखना, लेकिन सोचिए, क्या हो जब बच्चों पर की गई यही सख्ती किसी मां को कानून के दायरे में ला खड़ा कर दे? ब्रिटेन में एक ऐसा ही हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जहां एक मां ने जब अपनी बेटियों से iPads ले लिए, तो उसे चोर समझकर गिरफ्तार कर लिया गया.

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 सरे (यूके) में रहने वाली 50 साल की वनीसा ब्राउन, जो पेशे से इतिहास की टीचर हैं, उन्होंने सिर्फ ये चाहा था कि उनकी बेटियां डिजिटल डिवाइस से दूर रहें और पढ़ाई पर ध्यान दें. लेकिन इस 'सख्ती' ने उन्हें सलाखों के पीछे पहुंचा दिया.

मां की सख्ती बनी कानून का मामला

26 मार्च को पुलिस को एक कॉल मिली जिसमें 'सेफ्टी को लेकर चिंता' जताई गई थी. पुलिस जब वनीसा के घर पहुंची, तो वहां मौजूद एक 40 साल के शख्स ने बताया कि दो iPads चोरी हो गए हैं. इसके बाद पुलिस ने ट्रैकिंग सिस्टम के जरिए iPads का पता लगाया और वनीसा के पास पहुंच गई.

वनीसा ने पहले तो डिवाइसेज की जानकारी से इनकार किया, लेकिन जब पुलिस ने iPads की लोकेशन ट्रैक की और उन्हें वापस मांगने लगी, तो वनीसा ने देने से मना कर दिया. इसके बाद उन्हें मौके पर ही चोरी के शक में गिरफ्तार कर लिया गया.

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'कॉफी पी रही थी, तभी पुलिस आई और मुझे उठा ले गई'

The Guardian से बात करते हुए वनीसा ने इस पूरी घटना को 'शॉकिंग' बताया. उन्होंने कहा कि मैं बस अपनी मां के घर कॉफी पीने गई थी, और वहीं पुलिस ने मुझे अपराधी की तरह ट्रीट किया. सिर्फ इसलिए क्योंकि मैंने कुछ समय के लिए अपनी बेटियों के iPads जब्त कर लिए थे.

वनीसा का कहना है कि पुलिस ने ना सिर्फ उन्हें 7 घंटे तक हिरासत में रखा, बल्कि उनकी 80 साल की मां से भी गलत व्यवहार किया. हिरासत के दौरान उनका फिंगरप्रिंट लिया गया, मेडिकल जांच करवाई गई और शुरू के तीन घंटे तक उन्हें वकील से बात तक नहीं करने दी गई।

बेटियों से भी मिलने पर पाबंदी, फिर पुलिस ने मानी गलती
वनीसा को जमानत पर तो छोड़ दिया गया, लेकिन शर्त ये थी कि वो केस से जुड़े किसी भी व्यक्ति से संपर्क नहीं करें. यहां तक कि अपनी बेटियों से भी नहीं. अगले ही दिन पुलिस ने अपनी गलती मानी और केस बंद कर दिया. जांच में साफ हो गया कि iPads बच्चों के ही थे और एक मां को उन्हें जब्त करने का पूरा हक है.

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