जब से डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के राष्ट्रपति बने हैं, शायद ही कोई दिन ऐसा बीता हो जब वह सोशल मीडिया पर ट्रेंड में न रहे हों.कभी वह अपने टैरिफ से जुड़े फैसलों को लेकर चर्चा में रहते हैं, कभी भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर के दावों को लेकर. ईरान-इजरायल जंग के दौरान लिए गए उनके फैसले भी खबरों में रहते हैं.
कभी वह खुद दावा करते हैं कि मैंने भारत और पाकिस्तान के बीच न्यूक्लियर वॉर रोक दिया, लेकिन किसी ने मुझे श्रेय नहीं दिया. कभी वह पाकिस्तान के आर्मी चीफ के साथ लंच करते हैं, तो कभी ईरान में रीजिम चेंज की बात करते हैं.कभी इजरायल ने ईरान पर किए गए हमलों से खुद को अलग बताते हैं, तो अगले ही दिन यह भी कह देते हैं कि इजरायल ने बेहतरीन काम किया है.
कभी वह कूटनीति के जरिए मुद्दे सुलझाने की बात करते हैं, तो उसी दौरान ईरान पर बंकर बस्टर बम भी गिरा देते हैं.और इन सबके बीच, वह खुद को नोबेल शांति पुरस्कार का हकदार बताने से भी नहीं चूकते.
इन दिनों सोशल मीडिया उनकी इसी शख्सियत की चर्चा है. ऐसे कई मीम्स सामने आ रहे हैं जो उनकी पर्सनॉलिटी को डिकोड करते हैं. आइये देखते हैं कुछ ऐसे ही मीम्स और पोस्ट.
पड़ोसी से तकरार हो या बॉर्डर पर बवाल... चौधरी ट्रंप सिंह सब सुलझा देंगे...
वहीं किसी ने ट्रंप की हालात कुछ ऐसे बयां किया.
वहीं किसी ने कुछ ऐसे मजे लिए.
वहीं किसी ने ट्रंप को संत ही बना दिया
ट्रंप गांव के वो मनमौजी ताऊ है...
झूठ बोलने के हैं एक्पर्ट
हालांकि ट्रंप को लेकर कई ऐसी रिपोर्ट्स सामने आई हैं जो उनकी शख्सियत को बताती है.वॉशिंगटन पोस्ट की एक रिपोर्ट के अनुसार, अपने पहले कार्यकाल के दौरान दिसंबर 2017 से जनवरी 2021 के बीच ट्रंप ने कुल 30,573 भ्रामक या झूठे दावे किए. यानी औसतन हर दिन उन्होंने 21 झूठे या गुमराह करने वाले बयान दिए. इतना ही नहीं, दिसंबर 2018 में वॉशिंगटन पोस्ट ने ‘Bottomless Pinocchio’ नाम की एक नई श्रेणी शुरू की थी, जिसमें ट्रंप अकेले ऐसे नेता थे जिन्हें इसमें शामिल किया गया. इसकी वजह थी – उनके लगातार दिए गए ऐसे बयान जो बार-बार जांच में झूठे साबित हुए. अब देखना है इस सब तथ्य के बावजूद क्या ट्रंप नोबेल का पीस प्राइज मिल जाएगा.
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