'मौत से डर खत्म हो गया...', 7 मिनट के लिए मर गया शख्स, बताया क्या देखा उस पार

हाल में 40 सालों से एस्ट्रोफिजिक्स में पीएचडी एकेडेमिक एक शख्स ने रेडिट पर ऐसा ही एक अनोखा अनुभव साझा किया है. उन्होंने बताया कि क्या हुआ था जब वे 7 मिनट के लिए मर गए थे.

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सांकेतिक तस्वीर (AI Generated) सांकेतिक तस्वीर (AI Generated)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 11 जुलाई 2024,
  • अपडेटेड 7:25 PM IST

कई लोग ऐसी चीजें अनुभव करने का दावा करते हैं जो यकीन से परे होती हैं. बहुत से लोग खुदा से मुलाकात, मौत के बाद की दुनिया देखने या फिर एलियंस से बातचीत के दावे करते हैं. हालांकि इनमें कितनी सच्चाई होती है ये तो नहीं कहा जा सकता लेकिन ये किस्से काफी दिलचस्प होते हैं और सोचने पर मजबूर करते हैं. हाल में 40 सालों से एस्ट्रोफिजिक्स में पीएचडी एकेडेमिक एक शख्स ने रेडिट पर ऐसा ही एक अनोखा अनुभव साझा किया है.

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उन्होंने बताया कि मुझे सांस की तकलीफ के कारण मार्च में अस्पताल में भर्ती कराया गया था. फेफड़ों में ब्लीडिंग के बाद मुझे कार्डियक अरेस्ट हुआ. उन्होंने बताया - मेरी धड़कन रुक चुकी थी. डॉक्टरों को मेरे दिल को फिर से चालू करने में सात मिनट लगे. उस दौरान, मेरे मस्तिष्क में ऑक्सीजन की कमी के कारण मुझे स्ट्रोक हुआ था. ये सात मिनट ऐसे थे जो जीवन भर के लिए आखों में बस गए. मैं सात मिनट के लिए मर चुका था.
 
उन्होंने आगे बताया- इस दौरान मैंने तीन अंडाकार अकृतियों की सीरीज देखी. मैं एक अंधेरी सी जगह में लटका हुआ था. पहली आकृति की आंतरिक और बाहरी सतहों पर मैंने पहाड़, झरने, जंगल और बादल देखे.

उन्होंने आगे कहा- पहले वे गोले सुंदर थे, लेकिन फिर जैसे-जैसे उनका रंग पीला पड़ने लगा, वे बुरे लगने लगे. वह फीका पड़ गया और उसकी जगह दूसरे गोले ने ले ली, जो लोहे की एक गर्म अंगूठी थी, इतनी गर्म कि लोहे के टुकड़े धीरे-धीरे टूट रहे थे. मैं लोहे की गंध सूंघ सकता था.अचानक दृश्य चमक उठा और तीसरा गोला दिखाई देने लगा, जो हल्के गुलाबी और नीले रंग के सुंदर बादलों से ढंका हुआ था, जैसे कि सबसे सुंदर सूर्योदय या सूर्यास्त से हो.

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उन्होंने आगे कहा,'यह तब की बात है जब मुझे कार्डियक अरेस्ट हुआ था. जब मेरा दिल फिर से धड़कने लगाऔर मुझे होश आया तो सब कुछ मेरे मन में छप चुका था. जब ​​कुछ दिनों बाद मुझे मेरे कार्डियक अरेस्ट और स्ट्रोक के बारे में बताया गया, तो यह सब मुझे समझ में आने लगा.' मुझे लगा जैसे में सपना देख रहा था लेकिन मैं मर चुका था और मरना उस समय के दौरान सबसे अधिक अच्छी घटना थी.  

Disclaimer: ये खबर सोशल मीडिया पोस्ट के आधार पर बनाई गई है. aajtak.in इसकी सत्यता की पुष्टि नहीं करता है.

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