अंधा प्यार! क्रश को खुश करने के चक्कर में लड़की ने पार की हदें, वजन घटाकर किया 25 KG और अब...

लड़की का मकसद उस लड़के का दिल जीतना था, जो ऐसी लड़की के प्यार में था जो उससे ज्यादा पतली थी. इससे उसके माता-पिता को काफी चिंता हुई. उन्होंने समझाने की कोशिश भी की लेकिन बेटी नहीं मानी.

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लड़के का दिल जीतने के लिए लड़की ने घटाया वजन (प्रतीकात्मक तस्वीर- Pexels) लड़के का दिल जीतने के लिए लड़की ने घटाया वजन (प्रतीकात्मक तस्वीर- Pexels)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 05 जून 2023,
  • अपडेटेड 7:00 AM IST

एक 15 साल की लड़की ने अपने क्रश को खुश करने के चक्कर में सारी हदें पार कर दीं. इसकी सजा भी उसे ही मिली है. लड़की ने अपनी मोहब्बत का दिल जीतने के लिए क्रैश डाइट का सहारा लिया और कुल वजन 25 किलो कर लिया. उसका वजन सामान्य से आधा हो गया था. जिसके कारण उसकी मौत हो गई. ये घटना चीन की है. इसे लेकर सोशल मीडिया पर काफी हंगामा हो रहा है.

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साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, जियाओलिंग (बदला हुआ नाम)  की लंबाई 5 फुट 4 इंच थी. 20 दिन तक डीप कोमा में रहने के बाद उसकी मौत हो गई. उसका वजन 25 किलो तक पहुंच गया था. उसका आईसीयू बेड पर लेटे हुए एक वीडियो भी स्थानीय सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म पर वायरल हो रहा है. उसने जनवरी में चीनी न्यू ईयर के तीसरे दिन से पानी वाली अपनी डायट शुरू की. लड़की का उद्देश्य उस लड़के का दिल जीतना था, जो ऐसी लड़की के प्यार में था जो जियाओलिंग से ज्यादा पतली थी. इससे उसके माता-पिता को काफी चिंता हुई. उन्होंने समझाने की कोशिश भी की लेकिन बेटी नहीं मानी.

50 दिनों तक कुछ नहीं खाया

मृतक लड़की के माता-पिता ने उसे अस्पताल ले जाने की कोशिश की तो वो कार से कूद गई. फिर वो जैसे तैसे उसे अस्पताल तक पहुंचाने में सफल हुए, मगर लड़की खुद को ही नुकसान पहुंचाने लगी और उसने अस्पताल से भागने की कोशिश की. वो मार्च के मध्य तक केवल पानी पीती रही. 50 दिनों तक उसने कुछ नहीं खाया. इसके कारण वो एनोरेक्सिया नर्वोसा से पीड़ित हो गई. इलाज नहीं कराने के चलते बीमारी बढ़ती जा रही थी. 

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माता-पिता ने रोक दिया इलाज

जब उसे मार्च में अस्पताल में भर्ती कराया गया, तो वो अचेत अवस्था में पहुंच गई. फिर दूसरे अस्पताल में ट्रांसफर किया गया. डॉक्टरों को नहीं पता था कि उसे होश आएगा भी या नहीं. बाद में जियाओलिंग कोमा में चली गई. डॉक्टरों ने उसके माता-पिता से कहा कि अब उनके पास दो ही रास्ते हैं, या तो बेटी को कोमा में रहने दो या फिर इस दर्द से मुक्ति दिला दो. जियाओलिंग के माता-पिता ने काफी सोच विचार किया और फिर उसका इलाज रोकने का फैसला लिया. इसके बाद उनकी बेटी ने हमेशा के लिए दुनिया को अलविदा कह दिया.

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