इंडियन ट्रैवलर ने यूरोप ट्रिप के दौरान अपने एक्सपीरियंस को शेयर कर कहा- 'यहां के होटल-रेस्टोरेंट में पंखा तक नहीं'

इंस्टाग्राम पर वायरल हो रहे एक वीडियो में एक भारतीय पर्यटक ने यात्रियों से आग्रह किया है कि वे गर्मी के महीनों के दौरान यूरोपीय देशों की यात्रा की अपनी योजना पर पुनर्विचार करें. वे कहते हैं कि “मत आओ यूरोप ”. इसमें बुलबुल ने भीषण गर्मी में यूरोपीय शहरों में यात्रा करने के संघर्षों के बारे में बताया है. 

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aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 07 जुलाई 2025,
  • अपडेटेड 8:39 AM IST

घूमने के शौकीन लोग देश का साथ-साथ विदेश भी घूमने जाते हैं. कई बार ये सफर काफी अच्छा तो कई बार हद से ज्यादा बुरा भी हो सकता है. ऐसा ही एक वीडियो इंस्टाग्राम पर वायरल हो रहा है, जिसमें एक इंडियन ट्रैवलर यूरोप ट्रिप के दौरान हुई परेशानियों को लेकर वीडियो शेयर किया है. इस वीडियो को लेकर सोशल मीडिया पर काफी बहस छिड़ गई है. तो चलिए जानते हैं क्या है इस वीडियो में. 

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वीडियो में आप देख सकते हैं कि यूरोप की गर्मी के बारे में एक भारतीय पर्यटक की ईमानदार राय ने ऑनलाइन बहस छेड़ दी है. इंस्टाग्राम पर एक वीडियो शेयर करते हुए उन्होंने यात्रियों से यूरोप घूमने के अपने प्लान पर फिर से विचार करने और गर्मियों के महीनों के दौरान यूरोप की यात्रा न करने का आग्रह किया है.  इस वीडियो को बुलबुल पांडे नाम के यूजर ने शेयर किया है. वे कहते हैं कि “मत आओ यूरोप ”. इसमें बुलबुल ने भीषण गर्मी में यूरोपीय शहरों में यात्रा करने के संघर्षों का वर्णन किया है.

'रेस्टोरेंट में भी पंखा नहीं'
बुलबुल पांडे ने वीडियो में कहा, " बहुत गर्मी है. जो लोग भी यूरोप आना चाहते हैं घूमें, कृपया मत आओ". उन्होंने बताया कि कई यूरोपीय होटलों और अपार्टमेंट में एयर कंडीशनिंग नहीं है - यहां तक कि पंखे भी नहीं हैं - जबकि वे भारी शुल्क लेते हैं. उन्होंने कमरों की तुलना छोटे बक्सों से करते हुए कहा, " डब्बे जैसे छोटे-छोटे कमरे हैं. उन्होंने कुछ यूरोपीय सड़कों के अप्रिय पक्ष के बारे में भी बात की, दावा किया कि कई क्षेत्रों में, हवा में बदबू आती है और जो लोग हाइड्रेटेड रहने की उम्मीद करते हैं, उनके लिए उन्होंने चेतावनी दी कि एक छोटी पानी की बोतल की कीमत भी 2 से 2.5 यूरो (लगभग 200 से 250 रुपये) के बीच हो सकती है.

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'भारत में घर में एसी ऑन कर बैठें'
अपना अफ़सोस ज़ाहिर करते हुए उन्होंने कहा, "मुझे इस समय यहां आने के अपने फैसले पर बहुत पछतावा हो रहा है. कल्पना कीजिए कि इस तपती गर्मी में एसी या पंखे के बिना अपना सामान ले जाना कैसा होगा." उन्होंने सितंबर या अक्टूबर में यूरोप घूमने की सलाह दी. बुलबुल ने कहा- बुनियादी सुविधाओं के बिना यूरोप की गर्मी में संघर्ष करने की अपेक्षा "भारत में रहना और मानसून के मौसम का आनंद लेना" बेहतर है. इस वीडियो को लेकर कई तरह के कमेंट्स आ रहे हैं.  कई यूजर ने उनके वीडियो का समर्थन किया है और संघर्ष को वास्तविक बताया है.

इंटरनेट पर छिड़ी बहस
एक यूजर ने इटली और स्विट्जरलैंड में इसी तरह के अनुभवों का वर्णन करते हुए लिखा, "वह बिल्कुल सही कह रहे हैं.अधिकांश कैफ़े और रेस्तरां में पंखे तक नहीं थे, एसी की तो बात ही छोड़िए. गर्मियों के दौरान वहां जाना अच्छा विचार नहीं है. भारत के सबसे सस्ते होटल में भी पंखा या कूलर होता है."एक अन्य यूजर ने लिखा, "मेरी बेटी जर्मनी में रहती है... वह भी यही कहती है. उसने एक पंखा और एक एयर कूलर खरीदा है." एक यूजर ने कहा, " मत जाओ यूरोपीय देशों में. भारत सभी मौसमों में सबसे अच्छा है और कीमत भी अच्छी है. सिर्फ हाइप है यूरोप का. "लेकिन सभी लोग इससे सहमत नहीं थे. एक यूजर ने जवाब दिया, "मुझे नहीं पता कि आप यूरोप के किस हिस्से में गए थे. बेशक वहां गर्मी है, लेकिन ट्रेनों, ट्रामों, बसों और होटलों में एसी हैं. यह खूबसूरत है. अफवाह मत फैलाओ. मैं पिछले हफ़्ते वहां गया था, और यह अद्भुत था."

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