अब बेडरूम, लिविंग रूम की तरह इस देश में बना Crying room, रोकर कर लें जी हल्का

क्राइिंग रूम में, "मुझे भी आपकी चिंता है," जैसे नोटिस लगे हुए है जो गुलाबी रंग में चमकता रहता है. इस खास कमरे के एक कोने में ऐसे लोगों के नाम वाले फोन हैं जिन्हें आप उदास महसूस होने पर कॉल कर सकते हैं, जिसमें मनोवैज्ञानिक और डॉक्टर भी शामिल है.

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क्राइनिंग रूम की तस्वीर क्राइनिंग रूम की तस्वीर

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 18 अक्टूबर 2021,
  • अपडेटेड 8:29 PM IST
  • स्पेन में मानसिक स्वास्थ्य से जूझ रहे लोगों के लिए क्राइिंग रूम
  • आत्महत्या के सामने आ रहे ज्यादा मामले

आपने घर में बेडरूम, लिविंग रूम के बारे में तो सुना होगा लेकिन क्या कभी क्राइिंग रूम के बारे में सुना है? जी हां ये बिल्कुल सच है. स्पेन में लोगों को दबाव मुक्त करने के लिए क्राइिंग रूम बनाया गया है जहां लोग जाते हैं और दिल खोलकर रोते हैं.

उस क्राइिंग रूम में, "मुझे भी आपकी चिंता है," जैसे नोटिस लगे हुए है जो गुलाबी रंग में चमकता रहता है. इस खास कमरे के एक कोने में ऐसे लोगों के नाम वाले फोन हैं जिन्हें आप उदास महसूस होने पर कॉल कर सकते हैं, जिसमें मनोवैज्ञानिक और डॉक्टर भी शामिल है.

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सेंट्रल मैड्रिड में एक इमारत में बनाए गए इस खास कमरे में कोई भी शामिल हो सकता है, जिसका उद्देश्य मानसिक स्वास्थ्य से पीड़ित लोगों को इससे निकालना है. मदद मांगने को लेकर उनके संकोच को दूर करना भी इसका मुख्य मकसद है.

स्पेन की राजधानी में रहने वाले स्वीडिश छात्र जॉन नेल्सम ने कहा, "मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दे की कल्पना करना वास्तव में एक उत्कृष्ट विचार है. स्पेन में भी अन्य देशों की तरह रोने को गलत माना जाता है.

एक हफ्ते पहले, स्पेन के प्रधानमंत्री पेड्रो सांचेज़ ने अलग से 100 मिलियन यूरो (116 मिलियन डॉलर) के मानसिक स्वास्थ्य अभियान की घोषणा की जिसमें 24 घंटे आत्महत्या हेल्पलाइन जैसी सेवाएं और सुविधा भी शामिल होंगी. स्पेन में 'क्राईंग रूम' का मकसद मानसिक स्वास्थ्य की वर्जनाओं को दूर करना है.

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विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस (10 अक्टूबर) के मौके पर योजना की शुरुआत करते हुए उन्होंने मानसिक बीमारी के बारे में कहा, "यह वर्जित नहीं बल्कि एक सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या है जिसके बारे में हमें बात करनी चाहिए और समाधान निकालना चाहिए. 

साल 2019 में स्पेन में आत्महत्या से 3,671 लोगों की मौत हुई है जो प्राकृतिक कारणों के बाद मौत का दूसरा सबसे आम कारण है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार वहां 10 किशोरों में से एक को मानसिक स्वास्थ्य की समस्या है.

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